Gujarat Election Result 2022: कच्छ में BJP का क्लीन स्वीप, सौराष्ट्र में AAP ने कांग्रेस को पीछे छोड़ा
Gujarat Election Result 2022 गुजरात में भाजपा की जीत से कांग्रेस को सीट के साथ वोट शेयर में भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। कच्छ में तो कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो गया। यहां AAP दूसरे स्थान पर रही।
अहमदाबाद, एजेंसी। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत से विरोधियों को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। भाजपा की इस जीत ने विपक्षी पार्टियों के सभी आरोप धराशाई कर दिए हैं। गुजरात के इन नतीजों ने यह दिखा दिया है कि मोदी मैजिक अभी तक कम नहीं हुआ है। इस बीच गुजरात चुनाव परिणामों के क्षेत्रवार विश्लेषण से पता चलता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस को हर क्षेत्र में मात दी है।
सौराष्ट्र में BJP का दबदबा, AAP रही दूसरे पर
गुजरात के सौराष्ट्र जिले में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। 2017 के चुनावों में कांग्रेस के दबदबे वाले क्षेत्र से भाजपा ने 48 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज कर वहां फिर से कब्जा जमा लिया। कांग्रेस पार्टी यहां से सिर्फ 3 सीटें जीतने में कामयाब रही, जबकि 2017 के चुनावों में पार्टी ने 28 सीटें जीतीं थी। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (AAP) इस क्षेत्र से दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी। अपने पहले गुजरात विधानसभा चुनाव में AAP ने 4 सीटें हासिल करने में कामयाबी हासिल की, जो इस क्षेत्र में कांग्रेस की सीटों से एक सीट अधिक है। सौराष्ट्र में बीजेपी को 48.23 फीसदी, कांग्रेस को 26 फीसदी और आप को 20 फीसदी वोट मिले।
कांग्रेस के दलबदलू विधायकों ने भाजपा को दिलाया फायदा
पाटीदार और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी वाले क्षेत्र सौराष्ट्र ने 2017 के चुनावों में कांग्रेस को बड़ी बढ़त और भाजपा को 99 सीटों तक सीमित करने में मदद की थी। 2002 के बाद भाजपा को वो सबसे खराब प्रदर्शन था। पर्यवेक्षकों के अनुसार क्षेत्र में भाजपा के टिकट आवंटन पर नजर डालने से पता चलता है कि उसने वोट आकर्षित करने के लिए कांग्रेस के दलबदलू विधायकों और नए चेहरों पर भरोसा किया। 2017 के चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल होने वाले 20 कांग्रेस विधायकों में से आधे सौराष्ट्र की सीटों से थे।
मध्य गुजरात में AAP का नहीं खुला खाता
भाजपा ने मध्य गुजरात में 61 में से 56 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस केवल चार सीटों को बरकरार रखने में सफल रही। आप को सभी सीटों पर हार मिली और इनमें से आठ सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। भाजपा वाघोडिया सीट हार गई, जहां उसे पांच बार के विधायक मधु श्रीवास्तव से विद्रोह का सामना करना पड़ा, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
उत्तर गुजरात में यह रहा हाल
उत्तर गुजरात क्षेत्र की कुल 32 सीटों में से आठ कांग्रेस, 22 भाजपा और दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं। इन सीटों में बनासकांठा की 9, साबरकांठा की तीन, अरवल्ली की चार, पाटन की चार, मेहसाणा की सात और गांधीनगर जिले की पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं। 2017 में उत्तरी गुजरात में बीजेपी को 14 और कांग्रेस को 17 सीटों पर जीत मिली थी। उस चुनाव में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, जिन्होंने कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, बनासकाठा जिले की वडगम (एससी) सीट से जीते थे। इस बार वे उसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीते।
दक्षिण गुजरात में BJP को 35 में से 33 सीटें
भाजपा ने दक्षिण गुजरात में 2017 की अपनी बड़ी हार से सबक लेते हुए इस क्षेत्र की 35 में से 33 सीटों पर जीत हासिल की। आम आदमी पार्टी ने 12 सीटों पर दूसरा स्थान हासिल किया। कांग्रेस वंसदा आरक्षित सीट जीतने में कामयाब रही, जबकि आप ने अपने चुनाव में देदियापाड़ा आरक्षित सीट जीती। आदिवासी नेता और सात बार के विधायक छोटू वसावा अपनी झगड़िया सीट भाजपा के रितेश वसावा से हार गए, जबकि भाजपा ने कांग्रेस से पांच आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की। आप सूरत में जीतने में नाकाम रही, वहां की 16 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई। उन सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की।
कच्छ में भाजपा ने किया सूपड़ा साफ
भाजपा ने कच्छ क्षेत्र की सभी छह सीटों पर जीत हासिल कर क्लीन स्वीप किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मौन अभियान चलाने वाली कांग्रेस 2017 के चुनावों में जीती गई दो सीटों को बरकरार रखने में विफल रही। आम आदमी पार्टी किसी भी सीट को जीतने में नाकाम रही, लेकिन कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया, यहां तक कि उसके गढ़ रापड़ में भी उसे हार झेलनी पड़ी।
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