Gujarat Assembly Election 2022: कौन हैं राघव चड्ढा, जिन्हें AAP ने बनाया गुजरात का सह प्रभारी
Gujarat Assembly Election 2022 आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को गुजरात में पार्टी का सह प्रभारी नियुक्त किया है। राजनीति में कदम रखने से ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने रविवार को राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को गुजरात में पार्टी का सह प्रभारी नियुक्त किया है। राजनीति में कदम रखने से पहले राघव चार्टर्ड एकाउंटेंट थे। साथ ही, वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के करीबी और भरोसेमंद भी हैं। राघव के सियासी सफर की शुरुआत 2012 में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद शुरू हुई थी। वह अपनी बात बेबाकी से रखते हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में आप की प्रचंड जीत में उनकी अहम भूमिका रही है।
जानिए, कौन हैं राघव चड्ढा
राघव चड्ढा का जन्म 11 नवंबर, 1988 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के माडर्न स्कूल से की है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकाम की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स में एडमिशन लिया और यहां से वे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनकर निकले।
एक रुपये प्रतिमाह वेतन पर किया काम
राघव चड्ढा 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) की ड्राफ्टिंग कमेटी का हिस्सा रहे। इस दौरान अहम मुद्दों पर पार्टी का पक्ष भी रखा था। वह पार्टी के सबसे युवा राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वह आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। राघव आप के घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने वाली टीम का हिस्सा थे। राघव आप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। राघव ने साल वर्ष 2016 में दिल्ली के बजट का मसौदा तैयार करने में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सहायक के पद पर भी काम किया था। इस दौरान उन्होंने एक रुपये प्रति माह वेतन लिया था।
ढाई माह का वेतन केंद्र को वापस कर चर्चा में आए
राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार के वित्तीय सलाहकार के रूप में भी काम किया था, अप्रैल 2018 में गृह मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति रद कर दी थी। इसके बाद राघव अपना ढाई माह का ढाई लाख रुपये वेतन केंद्र को वापस कर चर्चा में आए थे।
गुजरात में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
भाजपा (BJP), कांग्रेस (Congress) व आम आदमी पार्टी काफी समय से गुजरात में अपनी जमीन तैयार करने का प्रयास कर रही है। तीनों ही दल विधानसभा की सभी 182 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कर रहे हैं। ऐसे में अधिकांश सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की प्रबल संभावना है। पिछले दो चुनाव में आप के आ जाने से जहां कांग्रेस को सीधे नुकसान हुआ है। आप ने सूरत व गांधीनगर महानगर पालिका के चुनाव में कांग्रेस से प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा भी छीन लिया। वैसे दिल्ली व पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम भी दर्शाते हैं कि आप ने कांग्रेस के वोट बैंक पर सीधे कब्जा जमाया है।

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