अहमदाबाद में भव्य भागवती दीक्षा महोत्सव हुआ आयोजित, 5 अमेरिकी बनें नव दीक्षित संत
प्रमुखस्वामी महाराज नगर में परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की पावन निश्रा में सुबह 9 बजे भागवती दीक्षा समारोह का शुभारम्भ हुआ। परम पूज्य महंतस्वामी महाराज के कर कमलों से 58 नवयुवाओं ने त्यागाश्रम में दीक्षा ग्रहण की है।

अहमदाबाद, जेएनएन। प्रमुखस्वामी महाराज नगर, अहमदाबाद में भव्य भागवती दीक्षा महोत्सव आयोजित हुआ। परम पूज्य महंतस्वामी महाराज के कर कमलों से 58 नवयुवाओं ने त्यागाश्रम में दीक्षा ग्रहण की है। प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव के तहत अहमदाबाद के प्रमुखस्वामी नगर में कुल 58 युवाओं ने भागवती दीक्षा (संत दीक्षा) प्राप्त की।
मंगलवार को प्रमुखस्वामी महाराज नगर में परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की पावन निश्रा में सुबह 9 बजे भागवती दीक्षा समारोह का शुभारम्भ हुआ। BAPS के वरिष्ठ संतों की उपस्थिति में स्वामिनारायण महामंत्र के गान के साथ दीक्षा से पूर्व, दीक्षार्थी और उनके अभिभावकों ने महापूजा विधि में भाग में लिया।
महापूजा के बाद वरिष्ठ संतों ने प्रासंगिक उद्बोधन दिया। दीक्षा समारोह के दूसरे भाग में परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की उपस्थिति में एक और वैदिक विधि संपन्न हुई और सभी नए दीक्षितों के दीक्षा नाम की घोषणा की गई। बता दें कि नव दीक्षित संतों में अमेरिका के 5, मुंबई के 7, गुजरात के 46 पार्षद शामिल हैं।
BAPS के वरिष्ठ संत पूज्य आनंदस्वरूप स्वामी ने कहा, साधु परंपरा में आज कई लोगों ने प्रमुखस्वामी महाराज और महंतस्वामी महाराज की आंखों में पूर्ण शांति, निर्मलता और वैराग्य का अनुभव किया है।
वर्ष 2001 में अब्दुल कलाम साहब, प्रमुखस्वामी महाराज से मिले, तो वे बहुत अभिभूत हुए और अपनी पुस्तक ट्रान्सेंडेंस में उन्होंने कहा, प्रमुखस्वामीजी से दिव्यता का एक सागर बहता है।
आज कई युवा प्रमुखस्वामी महाराज और महंतस्वामी महाराज की दिव्यता और गुणों से आकर्षित होकर त्यागाश्रम में शामिल होने के लिए तैयार हैं क्योंकि वे उनकी उपस्थिति में परम शांति का अनुभव कर रहे हैं।
प्रमुखस्वामी महाराज के जीवनकाल में लगभग 1000 युवा जिसमें 10 डॉक्टर, 12 एमबीए, 70 मास्टर डिग्री, 200 इंजीनियर और कुल संतों में से 70 प्रतिशत से अधिक स्नातक हैं। आज 55 संत इंग्लैंड के नागरिक हैं और 70 संत अमेरिका के नागरिक हैं
BAPS के वरिष्ठ संत पूज्य डॉक्टर स्वामी जी ने कहा, भगवान स्वामिनारायण ने वचनामृत में कहा है कि, भगवान को भजने से बढ़कर दूसरी कोई बात नहीं है और आज ये युवा सभी लोगों को भगवान का भजन करवाने की राह पर चल पड़े हैं।
त्याग का मार्ग, सर्वश्रेष्ठ मार्ग है
अपने जीवनकाल में भगवान स्वामिनारायण ने लगभग 3000 धर्मनियम युक्त परमहंसों को दीक्षा दी और आज सभी उसी परंपरा के अनुरूप दीक्षा ले रहे हैं। आज इस संस्था के अधिकांश संत प्रमुखस्वामी महाराज और महंतस्वामी महाराज द्वारा तैयार किए गए जो त्यागी और तपस्वी संतों होने के साथ ही एक महीने में 5 निर्जल उपवास कर रहे हैं।
दीक्षा समारोह के बाद सब पर आशीर्वाद बरसाते हुए परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने कहा, इन सभी दीक्षित साधुओं को धन्यवाद है क्योंकि संसार से नाता तोड़कर भगवान से जोड़ना बहुत ही बड़ी बात है लेकिन फिर भी उन्होंने कर दिखाया। नव दीक्षित साधुओं को संबोधित करते हुए स्वामीश्री ने कहा कि आपके माता-पिता को भी बहुत-बहुत धन्यवाद क्योंकि उन्होंने आज अपना हृदय दे दिया। आज आप सभी हमारी सेना में शामिल हो गए हैं, इसलिए धर्म नियमों का पालन करें।
नव दीक्षित संतों और उनके माता-पिता और परिवारजनों के उद्गार:
पूज्य दधीचि भगत ने कहा, 'स्वामीश्री का प्रेम प्राप्त करने में एक शांति और आनंद है जिसे कोई भी धनराशि से नहीं खरीद सकते हैं।'
पूज्य गालव भगत ने कहा, आज का अमूल्य अवसर है, जो सांसारिक डिग्री से बेहतर है और प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव के अद्भुत अवसर पर दीक्षा प्राप्त करना भी एक स्मृति है। जब हमें दीक्षा दी जाती है तो हमारा पुनर्जन्म होता है।'
पूज्य पाणिनि भगत ने कहा, 'प्रमुखस्वामी महाराज और महंतस्वामी महाराज का प्रेम और उन्होंने इस समाज,
देश और हम सबके लिए कितना कुछ किया है ! यह शताब्दी महोत्सव प्रमुखस्वामी महाराज के अनंत उपकारों का ऋण को चुकाने का एक अनमोल अवसर है। इस शताब्दी महोत्सव में हमें दीक्षा मिली है तो यह जीवन भर की
एक बहुत ही अनमोल स्मृति होगी।'
पूज्य पाणिनि भगत ने कहा, 'प्रमुखस्वामी महाराज और महंतस्वामी महाराज का प्रेम और उन्होंने इस समाज,
देश और हम सबके लिए कितना कुछ किया है ! यह शताब्दी महोत्सव प्रमुखस्वामी महाराज के अनंत उपकारों का ऋण को चुकाने का एक अनमोल अवसर है। इस शताब्दी महोत्सव में हमें दीक्षा मिली है तो यह जीवन भर की
एक बहुत ही अनमोल स्मृति होगी।'
पूज्य प्रभाकर भगत,'अमेरिकन आर्मी में सेवारत शेनिका शाह जो दधीचि भगत की पूर्वाश्रम की बहन है, उन्होंने बताया कि मेरा भाई साधु बन रहा है, यह हमारे परिवार के लिए गौरव की बात है। अमेरिका में जन्म हुआ है फिर भी वह अत्यंत संस्कारी है। यह प्रमुखस्वामी महाराज तथा महंतस्वामी महाराज की कृपा है।'
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