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    Lockdown: गुजरात में घरेलू हिंसा की शिकायतों में वृद्धि

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Thu, 23 Apr 2020 01:44 PM (IST)

    Coronavirus. गुजरात में 23 मार्च से 19 अप्रैल तक लॉकाडउन के दौरान 43.64 प्रतिशत घरेलू हिंसा की शिकायतें दर्ज हुई हैं।

    Lockdown: गुजरात में घरेलू हिंसा की शिकायतों में वृद्धि

    अहमदाबाद, जेएनएन। Coronavirus. कोरोना वायरस के कारण पूरे देश मे में तकरीबन एक महीने से लॉकडाउन जारी है। लोग अपने-अपने घरों में हैं। पति-पत्नी के बीच साथ में रहने का समय बढ़ जाने से घरेलू हिंसा में भी वृद्धि हुई है। गुजरात में फरवरी में महिला सुरक्षा के लिए निश्चित 181 नंबर की हेल्पलाइन पर घरेलू हिंसा की 32 प्रतिशत शिकायतें दर्ज हुई थीं, लेकिन 23 मार्च से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान 43.64 प्रतिशत घरेलू हिंसा की शिकायतें दर्ज हुई हैं।

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    गुजरात सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए 181 नंबर की हेल्पलाइन निर्धारित की है। इस नंबर पर 19 अप्रैल तक एक महीने में 8078 शिकायतें मिली हैं। इसमें घरेलू हिंसा की, महिलाओं पर अत्याचार, मारपीट, तथा शोषण की 3525 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 43.64 प्रतिशत शिकायतें घरेलू हिंसा की हैं। लॉकडाउन के पहले हिंसा की 32.83 प्रतिशत शिकायतें थी। इस प्रकार लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर घरेलू हिंसा की शिकायतों में तकरीबन 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग को भी 587 शिकायतें मिली है।

    गुजरात महिला आयोग की चेयरपर्सन के अनुसार, लॉकडाउन में ई-मेल द्वारा घरेलू हिंसा की 17 शिकायतें मिली हैं। वहीं, महिला कोर्ट में महिला शोषण के 40-50 मामले दर्ज हुए हैं। एक्शन एड संस्था को भी महिलाओं ने उनके पतियों द्वारा हिंसा की शिकायतें मिली है। महिलाओं के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण उनके पति घर में ही रहते हैं। वे काम पर नहीं जाते है। लड़कों द्वारा आवाज होने पर भी वे झगड़ा और मारपीट करते रहते हैं।

    इसके अतिरिक्त घनी आबादी वाले झोपड़-पट्टी में भी पुरुषों द्वारा शराब पीकर पत्नियों की पिटाई की शिकायतें मिलती रहती हैं। बहुत सी महिलाओं ने इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई है। फैमिली कोर्ट में इस बारे में मामले भी दर्ज हुए हैं।

    फैमिली कोर्ट केस एक्सपर्ट आरुषी देसाई ने बताया कि लॉकडाउन में पुरुष घर में ही रहते हैं। घर में अधिक समय तक रहने तथा आजकल युवकों में सहनशीलता के अभाव के कारण पत्नियों के साथ मारपीट की घटनाओं में 10 प्रतिशत वृद्धि हुई है। महिलाओं की आर्थिक व शारीरिक शोषण की शिकायतें भी बढ़ी हैं।

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