'गुजरात में सेना को मिलेगी हर जरूरी मदद', अधिकारियों से बोले CM भूपेंद्र पटेल- लोगों के लिए सेफ-प्लेस, खाना-पीना और दवाएं न पड़ें कम
पाकिस्तान ने गुरुवार देर रात जम्मू-कश्मीर पंजाब राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती शहरों पर हमास ड्रोन और मिसाइल से हमला जैसा हमला किया। भारतीय डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर 18 सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया। सभी कंट्रोल रूम इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्वास्थ्य और आपूर्ति व्यवस्थाएं एक्टिव कर दी गई हैं।

जागरण टीम, गांधीनगर। पाकिस्तान की ओर से गुरुवार देर रात किए गए ड्रोन-मिसाइल हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। गुरुवार रात गुजरात के भुज एयरबेस और कच्छ को भी निशाना बनाया गया, जिसे भारत डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। इसे देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें तनावपूर्ण माहौल और सीमावर्ती राज्य के तौर पर गुजरात की सतर्कता और तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात में हाई अलर्ट रखे जाने, पाकिस्तान के साथ समुद्री, जमीनी व हवाई सीमा से सटे 18 जिलों के संदर्भ में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रशासनिक तंत्र, पुलिस और अन्य जिला अधिकारियों उनके-उनके क्षेत्रों की जा रही सुरक्षा की अग्रिम तैयारियों की व्यवस्था की जानकारी ली।
कंट्रोल रूम और इमरजेंसी सेंटर अलर्ट रहें: पटेल
सीएम भूपेंद्र पटेल शुक्रवार सुबह सबसे पहले गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचे। इसके बाद सीएम ने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और मुख्य सचिव पंकज जोशी की उपस्थिति में सीमावर्ती क्षेत्र कच्छ, बनासकांठा, पाटण और जामनगर जिलों सहित राज्य की संपूर्ण स्थिति की बारीकी से जानकारी ली।
उन्होंने विशेषकर मौजूदा स्थिति में सभी जिलों के कंट्रोल रूम और इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों को 24 घंटे लगातार कार्यरत रखने के स्पष्ट दिशा निर्देश दिए।
नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करें अधिकारी
सीएम ने बैठक में मौजूद तनावपूर्ण स्थिति में संबंधित जिलों के सीमावर्ती गांवों के इवैक्यूएशन प्लान कार्यरत करने के साथ ही नागरिक संरक्षण की तैयारियों, सुरक्षित स्थान की पहचान और भोजन-पानी एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए संबंधित जिलों और प्राधिकारियों को एहतियात के तौर पर इन चीजों का पर्याप्त भंडारण करने के निर्देश दिए।
सीएम पटेल ने समीक्षा बैठक में यह निर्देश भी दिया कि स्वास्थ्य और परिवहन विभाग भी पूरी व्यवस्था तथा मैन पावर के साथ किसी भी विकट स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।
हॉटलाइन और सैटेलाइट फोन की करें व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने आपातकालीन स्थिति में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए हॉटलाइन और सैटेलाइट फोन जैसे दूरसंचार एवं संपर्क के वैकल्पिक माध्यमों की जांच करने की भी ताकीद की।
'अलर्ट सिस्टम की जांच करें, लोग सतर्क रहें'
सीएम पटेल ने जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करें। मोबिलाइजेशन एवं चेतावनी की व्यवस्था (अलर्ट सिस्टम) की जांच कर लें। जागरूकता अभियान चलाएं ताकि किसी अफवाह या फेक न्यूज के चलते भय या दहशत का माहौल न बन पाए।
इसके साथ ही सीएम ने राज्य के जनता से अपील की कि वे सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी जाने वाली आधिकारिक सूचना और समाचारों पर ध्यान दें। सीमावर्ती क्षेत्रों या गांवों में किसी भी संदिग्ध गतिविधियों, वस्तुओं या व्यक्तियों के बारे में जानकारी मिलते ही प्रशासन फौरन अलर्ट मोड पर रहते हुए तत्काल कार्रवाई करे।
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फौज की हर हाल में मदद होगी
सीएम पटले ने भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, कोस्ट गार्ड, बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की सतर्क कार्रवाई की सराहना करते हुए यह आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें आवश्यकतानुसार त्वरित सहायता मिलेगी।
सीएम के साथ बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, पुलिस महानिरीक्षक विकास सहाय, राजस्व व ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा शहरी विकास विभाग, उद्योग, जलापूर्ति, नागरिक आपूर्ति, परिवहन और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री की सचिव अवंतिका सिंह एवं केंद्रीय एजेंसियों तथा सेना एवं बीएसएफ के अधिकारी भी मौजूद रहे।
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