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    Gujarat Local Body Election 2021: गुजरात निकाय चुनाव में 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देगी भाजपा

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Mon, 01 Feb 2021 09:22 PM (IST)

    Gujarat Local Body Election 2021 गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने बयान में कहा कि आगामी निकाय चुनाव में 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं को पार्टी टिकट नहीं देगी। पार्टी युवा चेहरों को विशेष तवज्जो देगी। भाजपा में भाई और भतीजावाद नहीं चलेगा।

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    गुजरात निकाय चुनाव में 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देगी भाजपा। फाइल फोटो

    अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat Local Body Election 2021: गुजरात निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 60 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देगी। पार्टी ने भाई और भतीजावाद से भी दूरी बनाने तथा तीन बार पार्षद रहे नेता को भी टिकट नहीं देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी सोनाली मोदी ने रविवार को ही भाजपा से टिकट की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में सोमवार से प्रदेश भाजपा कार्यालय श्री कमलम पर शुरू हुई भाजपा प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी निकाय चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई। साथ ही, प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी एक मार्गदर्शिका तैयार की गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने बयान में कहा कि आगामी निकाय चुनाव में 60 साल से अधिक उम्र के नेता या कार्यकर्ता को पार्टी टिकट नहीं देगी। पार्टी युवा चेहरों को विशेष तवज्जो देगी।

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    भाजपा में भाई-भतीजावाद नहीं चलेगाः सीआर पाटिल

    सीआर पाटिल ने दो टूक कहा कि भाजपा में भाई और भतीजावाद नहीं चलेगा। किसी भी मंत्री, प्रदेश पदाधिकारी, सांसद या विधायक के परिवार और रिश्तेदार को टिकट नहीं मिलेगा। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पाटिल ने यह भी कहा कि तीन बार से पार्षद चुने जा रहे नेताओं को भी इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। पाटिल एक सख्त और स्पष्ट वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। प्रदेश की कमान संभालने के बाद उन्होंने संगठन में कई बड़े फेरबदल किए हैं। हाल ही गठित संसदीय बोर्ड में भी उन्होंने कई बड़े नाम शामिल नहीं कर अपनी राजनीतिक पकड़ का स्पष्ट संकेत दे दिया था। संसदीय बोर्ड की बैठक तीन फरवरी तक चलेगी।

    कांग्रेस ने भाजपा पर इसलिए साधा निशाना

    भाजपा प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी के शामिल होने के कथित वीडियो के बाद भाजपा जहां बचाव की मुद्रा में है। वहीं, कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक होता है, इसके साथ समझौता नहीं करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष अगर मुख्यमंत्री से मिलने भी जाते हैं तो यह भी एक गलत परंपरा है। चूंकि अब तक मुख्यमंत्री ही विधानसभा अध्यक्ष से मिलने जाते रहे हैं। अध्यक्ष पद पर रहते राजनीतिक दल के कार्यालय तथा समारोह में शिरकत नहीं करनी चाहिए। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता यमल व्यास का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक से पहले वे मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आए थे।

    इन्होंने जताई चुनाव लड़ने की मंशा

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी सोनल मोदी ने अहमदाबाद महानगर पालिका के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। उन्होंने भाजपा के पर्यवेक्षक के समक्ष अपना आवेदन पेश करते हुए बोडकदेव वार्ड से भाजपा के टिकट पर दावेदारी जताई थी। सोनल प्रधानमंत्री मोदी के छोटे भाई प्रहलाद मोदी की पुत्री है। प्रह्लाद भाई ऑल इंडिया राशन डीलर एसोसिएशन के राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं। महानगर पालिका के चुनाव की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की भतीजी के अलावा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री कुंवरजी बावलिया की बहन, मंत्री हकूबा जाडेजा की पत्नी, सांसद रंजन भट्ट की बहन विधायक मधु श्रीवास्तव की पत्नी तथा पुत्र विधायक शैलेश मेहता तथा विधायक अभय सिंह तड़वी के पुत्र भी टिकट मांगने वालों की कतार में हैं, लेकिन भाजपा अध्यक्ष के ताजा बयान के बाद इन सबके भाजपा से चुनाव लड़ने की मंशा पर पूर्ण विराम लग गया है। 

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