विश्वास कुमार रमेश ने भाई का किया अंतिम संस्कार, अब तक 208 मृतकों की हुई पहचान; गुजरात सरकार ने भी मांगा मुआवजा
अहमदाबाद विमान दुर्घटना में जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने दीव में अपने भाई अजय का अंतिम संस्कार किया। 12 जून को हुई इस दुर्घटना में अजय की मृत्यु हो गई थी जबकि विश्वास गंभीर रूप से घायल हो गए थे। डीएनए परीक्षण के बाद अजय के अवशेष परिवार को सौंपे गए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एअर इंडिया विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश बुधवार को उस समय शोकाकुल हो गए, जब वह अपने गृहनगर दीव में अपने भाई अजय के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। चेहरे पर चोट और पट्टियों के साथ विश्वास ने अपने भाई के शव को कंधा दिया, जो 12 जून को अहमदाबाद-लंदन उड़ान में उनके बगल में बैठे थे।
40 वर्षीय ब्रिटिश व्यवसायी विश्वास को मंगलवार शाम अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। वह और अजय, दोनों दीव में परिवार से मिलने के बाद लंदन लौट रहे थे। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि डीएनए परीक्षण के बाद अजय के अवशेष बुधवार सुबह परिवार को सौंप दिए गए।
भाई का किया अंतिम संस्कार
इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में विश्वास को अपने भाई के पार्थिव शरीर को अपने कंधों पर लेकर दीव के श्मशान घाट पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। सफेद कमीज और नीली जींस पहने विश्वास कई बार रो पड़े। इस अवसर पर आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें सांत्वना दी। अजय का पूरा परिवार उनकी अंतिम यात्रा में मौजूद था।
बताते चलें, 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को लेकर लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विश्वास कुमार रमेश को छोड़कर सभी यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि जमीन पर मौजूद करीब 29 लोगों की मौत हो गई थी।
173 शव स्वजन को सौंपे गए
- अहमदाबाद से राज्य ब्यूरो के अनुसार, विमान हादसे के कम से कम 208 पीड़ितों की डीएनए जांच के जरिये पहचान हो चुकी है और 32 विदेशी नागरिकों सहित 173 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। पीड़ितों की पहचान करने के लिए डीएनए जांच कराई जा रही है, क्योंकि कई शव या तो पूरी तरह जल चुके हैं या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
- डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि विमान हादसे में मारे गए 208 पीड़ितों के डीएनए का मिलान हो गया है। अन्य शवों के डीएनए नमूनों के मिलान की प्रक्रिया जारी है। विमान हादसे में मारे गए अर्जुन पटोलिया अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए गुजरात आए थे। पत्नी भारती का कैंसर के चलते निधन हो गया था। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियों का विसर्जन नर्मदा नदी में हो।
- अर्जुन की आठ और चार साल की दो पुत्रियां हैं। उन्हें पिता को खोने की जानकारी भी नहीं है। अर्जुन 12 जून को लंदन लौट रहे थे, लेकिन विमान हादसे का शिकार हो गए। लंदन में रह रहीं दोनों बेटियों ने महज 18 दिन में मां व पिता दोनों को खो दिया। गुजराती समाज ने इन दोनों की जिम्मेदारी उठाते हुए उनके लिए अब तक 6.70 करोड़ एकत्र किए हैं।
मौत में भी साथ रही पत्नी
गुजराती मूल के ब्रिटिश दंपती अशोक व शोभना पटेल का विमान हादसे में निधन हो गया। 1978 से लंदन में स्थायी रूप से रह रहे अशोक के दो पुत्र मितेन व हेमेन पटेल हैं। हादसे के बाद दोनों पुत्र पिता का पार्थिव अवशेष लेकर निकले ही थे कि उन्हें बताया गया कि मां शोभना का डीएनए भी मिलान हो गया है।
डीएनए मैच लिस्ट में 98वां नंबर अशोक का था और 99वां मैच शोभना का था। मितेन ने कहा कि उसके मां-पापा जीवन भर साथ रहे। मौत भी उनको अलग नहीं कर सकी। मां हमेशा कहती थीं-अरे अशोक मैं तेरा पीछा नहीं छोड़ूंगी। मरने में भी मैं तेरे साथ ही रहूंगी।
एअर इंडिया से 2.70 करोड़ मांगेगा गुजरात
- गुजरात सरकार अहमदाबाद में बीजे मेडिकल कालेज के छात्रावास से विमान टकराने के बाद रेजिडेंट डाक्टरों के सामान को हुए नुकसान के लिए एअर इंडिया से 2.70 करोड़ रुपये मांगेगी।
- गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने विमान दुर्घटना के बाद जमीन पर मारे गए लोगों को मुआवजा देने के मुद्दे पर अभी तक फैसला नहीं किया है।
- इन मृतकों में चार एमबीबीएस छात्र भी शामिल हैं। ऋषिकेश पटेल ने कहा कि हमारे आकलन के अनुसार रेजिडेंट डॉक्टरों की 2.70 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। हम एअर इंडिया से इसकी मांग करेंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।