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    फीफा फ्लैश बैक : 1998 विश्व कप: पहली बार फ्रांस ने उठाई ट्रॉफी

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Sat, 09 Jun 2018 10:40 AM (IST)

    फ्रांस ने पहली बार वर्ष 1998 में फुटबॉल विश्व कप का खिताब जीता था।

    फीफा फ्लैश बैक : 1998 विश्व कप: पहली बार फ्रांस ने उठाई ट्रॉफी

    दो बार विश्व कप का आयोजन करने के बावजूद खिताब नहीं जीत पाने की अपनी टीस को फ्रांस की टीम ने आखिरकार 1998 में पहली बार ट्रॉफी को उठाकर दूर किया। फ्रांस की जीत के हीरो उसके आक्रामक मिडफील्डर जिनेदिन जिदान रहे, जिन्होंने ब्राजील के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हेडर से दो गोल दागकर अपनी टीम को 3-0 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। पहली बार विश्व कप खेलने वाली क्रोएशियाई टीम तीसरे स्थान पर रही। वह मेजबान रहते हुए खिताब जीतने वाली छठी टीम बनी थी। 

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    चमकी फ्रांस की टीम : टूर्नामेंट के 16वें सत्र का आयोजन 10 जून से 12 जुलाई तक हुआ था, जबकि यूरोप में नौवीं बार इसका आयोजन किया गया। फ्रांस की टीम विश्व कप में सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में शीर्ष पर रही। फ्रांस ने सात मैचों में 15 गोल किए जिसमें पेनाल्टी पर किया एक गोल भी शामिल था। हालांकि इस दौरान उसकी टीम के खिलाफ सिर्फ दो गोल ही हुए। 

    पदार्पण विश्व कप में छाएजिदान : जिदान का यह विश्व कप में पदार्पण था। फ्रांस की टीम ने ग्रुप चरण के अपने सभी मैच जीते थे, लेकिन जिदान को ग्रुप चरण के दूसरे मैच में सऊदी अरब के खिलाफ पदार्पण करने का मौका मिला। फ्रांस की टीम ने सेमीफाइनल में क्रोएशिया को 2-1 से हराकर खिताबी भिड़ंत के लिए जगह बनाई थी। खिताब जीतने के बाद प्रशंसकों ने फ्रांस की टीम के साथ जिदान का भी जोरदार स्वागत किया। इस दौरान जिदान के बड़े-बड़े पोस्टर भी देश भर में लगाए गए।

    डेवोर के नाम गोल्डन बूट : इस विश्व कप में क्रोएशिया की टीम सेमीफाइनल में फ्रांस से हारकर बाहर हो गई थी, लेकिन उसके खिलाड़ी डेवोर सुकेर ने टूर्नामेंट में छह गोल करके गोल्डन बूट का अवार्ड हासिल किया। उन्होंने सात मैचों में यह गोल किए जिसमें एक गोल पेनाल्टी पर भी शामिल था। 

    रोनाल्डो की रेस : ब्राजील के स्ट्राइकर रोनाल्डो की मैदान पर रेस भी इस टूर्नामेंट में चर्चा में रही, जो गेंद को अपनी पकड़ में लेने के बाद चीते की तरह भागते थे। उन्होंने टूर्नामेंट में सात मैचों चार गोल किए और तीन गोल में मदद की। उनके दम पर ब्राजीली टीम फाइनल तक पहुंचने में सफल रही थी। उन्हें गोल्डन बॉल का अवार्ड दिया गया था। 

    पहली बार कुछ खास : विश्व कप में पहली बार तकनीकी चीजों पर फीफा ने खास ध्यान दिया। इस टूर्नामेंट में पहली बार चौथे अधिकारी ने कार्ड बोर्ड की जगह इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड का इस्तेमाल किया।

    ओवेन और बेकहम : 18 साल 190 दिन के इंग्लिश फुटबॉलर माइकल ओवेन अपने देश के लिए विश्व कप खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे। हालांकि, टूर्नामेंट के दौरान इंग्लिश मिडफील्डर डेविड बेकहम को रेड कार्ड दिखाया गया था। उनका यह कार्ड चर्चाओं के केंद्र में था। 32 टीमों ने टूर्नामेंट में 64 मैच खेलकर कुल 171 गोल दागे थे।

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