फीफा फ्लैश बैक : 2002 विश्व कप: पहली बार एशिया में हुआ विश्व कप
वर्ष 2002 में पहली बार एशिया में आयोजित फीफा विश्व कप का खिताब ब्राजील ने जीता था।
एशिया को पहली बार फीफा के महाकुंभ की मेजबानी 2002 में नसीब हुई। तब दो एशियाई देशों दक्षिण कोरिया और जापान ने मिलकर पहली बार विश्व कप की मेजबानी की। यह पहला मौका था जब दो देशों ने संयुक्त रूप से विश्व कप की मेजबानी की। हालांकि, इसके बाद एशिया को अभी तक दोबारा इसकी मेजबानी करने को नहीं मिली। हालांकि, 2002 का विश्व कप रेफरियों की गलतियों के लिए भी चर्चाओं में रहा। विश्व कप में पहली बार एटो, निक और काज नाम के तीन शुभंकर रखे गए।
दो देशों से परेशानी : दक्षिण कोरिया और जापान भले ही विश्व कप के आयोजन की मेजबानी हासिल करने में सफल हुए थे, लेकिन इससे सबसे ज्यादा परेशानी फुटबॉल प्रेमियों को हुई। इस दौरान प्रशंसकों को मैच के स्थल पर जाने की समस्या से जूझना पड़ा। इसके अलावा समय को लेकर भी विवाद रहा।
जब 'आर' ने जमाया रंग : टूर्नामेंट में ब्राजील की जीत का दारोमदार 'आर' तिकड़ी पर था और इस 'आर'स्ट्राइकरों ने टीम को ट्रॉफी उठाने का मौका दिया। 'आर' का मतलब ब्राजील के स्टार स्ट्राइकर रोनाल्डिन्हो, रिवाल्डो और रोनाल्डो की तिकड़ी से है, जो विपक्षी टीम के डिफेंस में सेंध लगाने में ज्यादा देर नहीं लगाते थे।
रोनाल्डिन्हो की 40 गज की दूरी : इस विश्व का सबसे बेहतरीन गोल ब्राजील के स्ट्राइकर रोनाल्डिन्हो का जाना जाता है। रोनाल्डिन्हो ने इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान फ्री किक पर 40 गज की दूरी से अपने दायें पैर से शानदार गोल दागा था और टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
ब्राजील का खिताबी पंच : ब्राजील ने फाइनल में जर्मनी को 2-0 से हराकर पांचवीं बार यह ट्रॉफी अपने नाम की थी। ब्राजील ने आठ साल के बाद यह ट्रॉफी जीती थी। इससे पहले ब्राजील ने 1994 में यह खिताब जीता था। फाइनल मुकाबले में ब्राजील के रोनाल्डो के सामने जर्मनी के गोलकीपर ओलीवर काहन थे। रोनाल्डो ने फाइनल से पहले छह गोल दागे थे जबकि ओलीवर के खिलाफ सिर्फ एक गोल हुआ था। लेकिन खिताबी भिड़ंत में रोनाल्डो ओलीवर पर भारी पड़े और दो गोल दागने में सफल रहे।
अमेरिका की 31-0 से जीत : टूर्नामेंट में कुछ निराशाजनक और आश्चर्यचकित नतीजे सामने आए। गत चैंपियन फ्रांस ग्रुप चरण से ही बाहर हो गया था, जबकि खिताब की दावेदारों में शामिल अर्जेंटीनी टीम भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ सकी। तुर्की तीसरे स्थान पर रही, जबकि दक्षिण कोरिया को चौथा स्थान हासिल हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिकन समोआ की टीम को प्रारंभिक मैच में 31-0 से रौंदकर बड़े अंतर से जीत हासिल करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया था।
10.8 सेकेंड में गोल : तुर्की के खिलाड़ी हकान सुकुर ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ तीसरे स्थान के मुकाबले में 10.8 सेकेंड में ही गोल दागकर विश्व कप के इतिहास का सबसे तेज गोल दाग दिया।
ओलीवर को बॉल : जर्मनी की टीम खिताब जीतने से भले ही चूक गई, लेकिन उसके स्टार गोलकीपर ओलीवर काहन को दो पुरस्कारों से नवाजा गया। ओलीवर को गोल्डन बॉल दी गई और साथ ही सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार भी दिया गया।
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