FIFA फ्लैश बैक: 1994 में ब्राजील की टीम ने रचा का इतिहास, आज भी है उनके नाम
1994 विश्व कप में मिस्त्र, नाइजीरिया और सऊदी अरब की टीमों को पहली बार विश्व कप में खेलने का मौका मिला।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]।1994 में कैलिफोर्निया का रोज बाउल स्टेडियम ब्राजील के चौथी बार विश्व चैंपियन बनने का गवाह बना। अमेरिका ने पहली बार विश्व कप की मेजबानी करने के मौके को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। 24 टीमों के बीच खेले गए 52 में से कई ऐसे मुकाबले थे जिन्होंने रोमांच की सारी हदें पार कीं। नॉकआउट चरण पर करीब-करीब हर मुकाबला उतार-चढ़ाव से भरा रहा और यह सिलसिला फाइनल तक चला।
फाइनल का फैसला: लीग चरण में दमदार खेल दिखाकर फाइनल तक पहुंची ब्राजील और इटली की टीमों ने खिताबी मुकाबले में एक बेहद रोचक भिड़ंत देखने को मिली। अतिरिक्त समय तक दोनों टीमें गोलरहित बराबरी पर रहीं, जिसके बाद पहली बार फीफा विश्व कप के फाइनल का नतीजा निकालने के लिए पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा।
ब्राजील ने रचा इतिहास: पेनाल्टी शूटआउट में इटली को 3-2 से हराकर ब्राजील चौथी बार विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बनी। वहीं, सेमीफाइनल में हारने वाली स्वीडन की टीम तीसरे और बेल्जियम की टीम चौथे स्थान पर रही। इस आयोजन में मिस्त्र, नाइजीरिया और सऊदी अरब की टीमों को पहली बार विश्व कप में खेलने का मौका मिला। वहीं, जर्मनी पहली बार संयुक्त टीम के तौर पर विश्व कप खेलने उतरा। हैरानी की बात यह रही कि फ्रांस और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमें इस आयोजन के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं।
आज भी कायम है ब्राज़ील का रिकॉर्ड: आपको बता दें कि ब्राजील की टीम के नाम सबसे ज़्यादा पांच विश्व खिताब जीतने का रिकॉर्ड है और 1994 का खिताब उनका चौथा खिताब था। इसके बाज जर्मनी की टीम ने चार खिताब जीते हैं तो ऐसे में ब्राजील का सबसे ज्यादा विश्व कप जीतने का रिकॉर्ड आज भी कायम है।
अमेरिका की बल्ले-बल्ले: अमेरिका में हुआ यह विश्व कप कई मायने में यादगार साबित हुआ। आर्थिक रूप से इस विश्व कप को आज भी सबसे सफल माना जाता है। तब टूर्नामेंट के हर मुकाबले में औसतन 69,000 दर्शक मैदान पर पहुंचे। वहीं पूरे टूर्नामेंट में करीब 35 लाख दर्शक मैदान में पहुंचकर इस आयोजन के गवाह बने। प्रति मैच और कुल संख्या के मामले में यह रिकॉर्ड आज भी कायम है।
ओलेग सालेंको के पांच गोल : इस आयोजन में रूस के ओलेग सालेंको विश्व कप के एक मुकाबले में सर्वाधिक पांच गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने। कैमरून के खिलाफ ग्रुप स्टेज के मुकाबले में उन्होंने पांच गोल किए और यह मुकाम हासिल किया। इस विश्व कप में कुल 141 गोल किए गए जिसमें से 81 अलग-अलग खिलाडि़यों ने स्कोर किए। टूर्नामेंट में सर्वाधिक छह गोल करने वाले ओलेग सालेंको और बुल्गारिया के हिरिस्टो स्टोकोव को गोल्डन बूट दिया गया। वहीं ब्राजील के रोमारियो को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया जबकि नीदरलैंड्स के मार्क ओवरमार्स को सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी और बेल्जियम के मिचेल प्रेडहोमे को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का सम्मान दिया गया।
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