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    Fact Story Check: दुष्कर्म के सभी दोषियों को फांसी देने का अध्यादेश पास होने का वायरल दावा झूठा

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Thu, 21 Apr 2022 03:57 PM (IST)

    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का एक वीडियो गलत संदेश के साथ वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि सरकार ने सभी दुष्कर्मियों को फांसी देने का कानून बना दिया है और खुद देश के राष्ट्रपति ने इसका एलान किया है।

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    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

    विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सरकार ने सभी दुष्कर्मियों को फांसी देने का कानून बना दिया है, खुद राष्ट्रपति ने इस बात की घोषणा की है। वीडियो में कथित रूप से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कहते हुए सुना जा सकता है कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध के लिए सरकार ने फांसी की सजा का प्रावधान किया है।

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    दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। वीडियो तकरीबन एक साल पुराना है, जिसे अब एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। सभी दुष्कर्मियों को फांसी देने से जुड़ा ऐसा कोई अध्यादेश पास नहीं किया गया है। एक्सपर्ट्स और मौजूदा कानून के मुताबिक, दुष्कर्म के रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में ही मौत की सजा का प्रावधान है।

    वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान हमें हालिया ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि करती हो कि भारत में सभी रेपिस्ट्स को फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। इसके उलट हमें 2018 की कुछ रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया है कि राष्ट्रपति ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दी है। एनडीटीवी की वेबसाइट पर 22 अप्रैल 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस मंजूरी के बाद महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने पर न्यूनतम सजा को 7 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके अलावा 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।

    PRS India की वेबसाइट पर भी मौजूद एक रिपोर्ट में क्रिमिनल लॉ (संशोधन) अध्यादेश, 2018 के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके मुताबिक भी ’12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष का न्यूनतम कारावास होगा, जिसे आजीवन कारावास या मृत्यु दंड तक बढ़ाया जा सकता है।’ यानी यहां भी मृत्युदंड का प्रावधान मैक्सिमम सजा के रूप में है।

    वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने एबीपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान विश्वास न्यूज को असली वीडियो 31 जनवरी 2021 को अपलोड मिला। असली वीडियो में 4 सेकेंड से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कहते हुए सुना जा सकता है कि किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध के लिए सरकार ने फांसी की सजा का प्रावधान किया है। जिसके बाद ये साफ होता है कि वायरल वीडियो को एडिट कर नाबालिग शब्द हटा दिया गया है।

    अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने मेरठ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्रिमिनल केस देखने वाले वकील सुकुल शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया ऐसा कोई नया कानून अभी तक नहीं आया है कि सभी दुष्कर्मियों को फांसी की सजा दी जाएगी। रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस में ही फांसी की सजा देने का प्रावधान है। जब भी कोई केस कोर्ट में जाता है, तो वहां पर देखा जाता है कि पीड़िता के साथ आरोपी ने कितनी बर्बरता की है। फांसी की सजा दुष्कर्मियों के अपराधों पर निर्भर करती है, उसी के आधार पर आगे की सजा सुनाई जाती है। जैसे बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर देना या फिर किसी महिला के साथ दुष्कर्म कर उसकी बर्बरता से हत्या कर देना। ऐसे केसों में फांसी की सजा सुनाई जा सकती है। Pocso एक्ट में सेक्शन 6 या सेक्शन 376DA, 376DB, 376E, के तहत मौत की सजा का प्रावधान है, लेकिन यहां पर भी मौत की सजा अधिकतम सजा की श्रेणी में आती है।

    https://www.vishvasnews.com/viral/fact-check-the-government-did-not-make-a-law-to-hang-all-rapists-president-kovinds-edited-video-went-viral-with-the-wrong-claim/?itm_source=homepage&itm_medium=dktp_s1&itm_campaign=editorpick