Fact Check: बंद नहीं हुआ हेल्मेट चेकिंग अभियान, फर्जी दावा वायरल
Fact Check गुजरात के परिवहन मंत्री आरसी फलदू ने 4 दिसंबर को कहा था कि मंत्रिमंडल ने शहरी क्षेत्रों में हेल्मेट पहनने को स्वैच्छिक करने का फैसला किया है। मतलब शहरी इलाके में हेल्मेट पहनना अनिवार्य नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हेल्मेट चेकिंग अभियान को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें लिखा है कि सभी राज्यों में चल रहे हेल्मेट चेकिंग अभियान को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके बाद महानगर पालिका के दायरे में वाहन चालक को हेल्मेट पहनना जरूरी नहीं है।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने अपनी पड़ताल में पाया कि हेल्मेट को लेकर चल रहा मैसेज फर्जी है। वाहन चालक को हेल्मेट पहनना जरूरी है।
वायरल दावे की पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने सबसे पहले पोस्ट को ध्यान से देखा। इसके कमेंट में यूजर देवेंद्र सेन ने न्यूजपेपर की कटिंग शेयर की है। इसमें यह लिखा है, सोशल मीडिया पर लखनऊ के देवेंद्र प्रताप सिंह चौहान के नाम से हेल्मेट मुक्त की फर्जी खबर वायरल हो रही है। अधिवक्ता देवेंद्र के मुताबिक, गुजरात की खबर को कापी करके सोशल मीडिया पर उनके नाम से वायरल किया जा रहा है। हेल्मेट पहनना जरूरी है।
इसे कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च करने पर वॉयस ऑफ एमपी वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसके अनुसार, नीमच के एडिशनल एसपी सागर शहर विक्रम सिंह कुशवाहा ने हेल्मेट से छूट वाले मैसेज को भ्रामक बताया है। उनका कहना है कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेल्मेट अनिवार्य है। यह लोगों की सुरक्षा के लिए है। हेल्मेट नहीं लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए 'विश्वास न्यूज' ने मैसेज में दिए गए मोबाइल नंबर पर बात की। यह नंबर देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान का ही है। उन्होंने कहा, 'यह पोस्ट पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है। वायरल पोस्ट फर्जी है। लोग गलत जानकारी शेयर कर रहे हैं। इस संबंध में उनके पास कई फोन आ चुके हैं और वह इससे परेशान हो चुके हैं। हेल्मेट पहनना जरूरी है और इसमें सहयोग करें।'
इस बारे में और सर्च करने पर दैनिक भास्कर में तीन साल पहले छपी खबर का लिंक मिला। इसमें लिखा है कि गुजरात में सरकार ने हेल्मेट मामले में यूटर्न ले लिया है। गुजरात के परिवहन मंत्री आरसी फलदू ने 4 दिसंबर को कहा था कि मंत्रिमंडल ने शहरी क्षेत्रों में हेल्मेट पहनने को स्वैच्छिक करने का फैसला किया है। मतलब शहरी इलाके में हेल्मेट पहनना अनिवार्य नहीं है। इसके बाद अब गुजरात सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में सरकार ने कहा है कि हेल्मेट स्वैच्छिक बनाने का कोई सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है।
इस बारे में गुजरात में दैनिक जागरण में एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया का कहना है, 'करीब तीन साल पहले गुजरात के परिवहन मंत्री ने शहरी क्षेत्र में हेल्मेट पहनने को स्वैच्छिक करने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया था। यहां हेल्मेट पहनना जरूरी है। हेल्मेट नहीं होने पर पुलिस कार्रवाई करती है।'
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