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    Special Ops 2: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के घातक खतरे को दिखाएगी सीरीज, स्टार कास्ट ने खोले स्पेशल ऑप्स 2 के राज

    स्पेशल ऑप्स 2 वेब सीरीज साइबर क्राइम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुद्दों पर आधारित है। के. के. मेनन और ताहिर राज भसीन ने बताया कि कैसे साइबर अपराध बढ़ रहे हैं जिसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा की सुरक्षा खतरे में है। कलाकारों ने किरदारों को समझने और नकारात्मक भूमिकाओं को निभाने के अपने अनुभव साझा किए। आइए जानते हैं कि इसमें आपको क्या कुछ खास देखने को मिलेगा।

    By Sahil Ohlyan Edited By: Sahil Ohlyan Updated: Mon, 30 Jun 2025 05:15 PM (IST)
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    साइबर धोखाधड़ी पर आधारित है स्पेशल ऑप्स 2 (Photo Credit- IMDb)

    स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। कोरोना काल के दौरान वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स का पहला सीजन आया था। इसके बाद अब ओटीटी पर इसका दूसरा सीजन दस्तक देने वाला है। स्पेशल आप्स 2 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर क्राइम के मुद्दे को दिखाया गया है। इसमें रॉ अधिकारी की भूमिका निभाने वाले के. के. मेनन और खलनायक ताहिर राज भसीन ने जागरण को दिए इंटरव्यू में खुलकर बातचीत की।

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    आप साइबर क्राइम की किन घटनाओं से परिचित रहे हैं?

    ताहिर ने कहा, मेरा एक दोस्त आनलाइन इंपोर्टेड बाइक देख रहा था। उसने कहा कि चलो सेकेंड हैंड खरीद लेता हूं। उसे जो बाइक पसंद आई, उसकी कीमत पांच लाख रुपये की थी, लेकिन वहां दो लाख रुपये में मिल रही थी। उसने बाइक के वीडियो मांगे। विक्रेता ने शर्त रखी कि पता नहीं आप सही खरीददार हैं या नहीं तो आप टोकन मनी के तौर पर पचास हजार रुपये भेज कर दिए गए पते पर आ जाइए। मेरे दोस्त ने पैसे दे दिए, जब पते पर गए तो न वो सही पता था, न वहां कोई बाइक। हमारा शो, जो साइबर क्राइम की बात करता है, में इसी उदाहरण को बड़े नजरिए से देखें। आपके मेडिकल रिकार्ड या बैंक रिकार्ड, रक्षा रिकार्ड निकाल कर कोई बेचना चाहे तो देश या सुरक्षा पर क्या असर पड़ता है। उस मुद्दे पर है।

    यह शो साइबर दुनिया की किन नई चीजों के बारे में बताता है ?

    के.के. मेनन ने चर्चा करते हुए कहा कि मैं साइबर दुनिया को जानता हूं, लेकिन बहुत गहन जानकारी नहीं रखता हूं। मैं यह भी जानता हूं कि अगर इंसान एक-दूसरे से मिलता रहे तो चीजें बेहतर हो जाती हैं। मेरा किरदार हिम्मत सिंह और विनय पाठक का किरदार साइबर की दुनिया से बहुत परिचित नहीं है। यही वजह है कि दोनों तकनीक विशेषज्ञ की मदद ले रहे हैं। तो वहां भी ऐसा नहीं है कि तकनीकी रूप से बहुत बड़ा विशेषज्ञ हूं। वहां पर बहुत सारे तकनीकी के शब्द आते थे, जो मेरे पल्ले नहीं पड़ते थे। उनके बारे में मुझे बताया जाता था।

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    ताहिर ने अपने विचार साझा करते हुए आगे कहा, मुझे लगता है कि एक्टिंग की खूबसूरती यही होती है कि आप उस दुनिया को समझ लें, जिसमें आप किरदार निभाने वाले हैं। यह काफी जानकारीपरक होता है। इसके लिए साइबर क्राइम में डिग्री लेने की जरूरत नहीं है। आम तौर पर खलनायक हथियारों से लड़ते हुए दिखेगा या अपनी फिजीक बनाकर आता है, जिसे देखकर लगता है कि खतरा है। यहां पर चार्मिंग सा आदमी है, जो दिमाग से खेलता है। तो मेरी सीख यही है कि ताकत को कैसे बिना चीखे-चिल्लाए दिखाएं। सादगी में आप अपना स्टेटस कैसे दिखा सकते हैं, वो बड़ी सीख रही।

    क्या अब खलनायक का स्वरूप बदल गया है?

    ताहिर ने इस सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा, पहली बात तो बतौर कलाकार आप अपने पात्र को कभी जज नहीं करते हैं। मेरे हिसाब से मैं स्क्रिप्ट में सही हूं। एक बात केके सर ने कही थी कि हर इंसान में कुछ अच्छाई और बुराई होती है, यह हालात पर निर्भर है कि आप उसे कहां पिच करें। हम कलाकार सौभाग्यशाली होते हैं कि हमें यह चुनने का मौका मिलता है। मैं ‘स्पेशल आप्स 2’ को लेकर बहुत उत्साहित था कि एक सफल फ्रेंचाइज में मेरी नई एंट्री है। नीरज सर (निर्देशक नीरज पांडेय) के अलावा एक बड़ी वजह थी केके सर। बहुत कम कलाकार हैं जो नकारात्मक के साथ सकारात्मक मतलब दोनों किरदारों को बराबरी से निभा सकते हैं। चाहे उनकी फिल्म ‘शौर्य’ हो या ‘हैदर’ हो। मैं यह नहीं कहूंगा कि आसान है, लेकिन हम उसका लुत्फ लेते हैं।

    Photo Credit- IMDb

    पात्र विदेश घूमते हैं तो कोई खास यादगार घटना?

    ताहिर ने कहा, मुझे बुडापेस्ट एयरपोर्ट पर एक शख्स मिले थे, जो शायद जर्मनी से थे। उन्होंने मेरा काम देखा हुआ था। जब कोई दूसरे देश का मिले और आपकी भाषा से परिचित न हो और उसने काम देखा हो तो खुशी होना लाजमी है।

    सफलता को संभालना क्या आपके लिए आसान रहा?

    मैं असफलता को झेलते-झेलते आया हूं तो सफलता को संभाल लेता हूं। बहुत पहले सीख मिल गई थी कि आपने जो किया है, उस पर अपनी आशाओं को टिका कर न रखें। मुझे यह अनुभव फिल्म ‘पांच’ से हुआ है। हमें लगा कि यह बहुत बड़ी हिट होगी, लेकिन वो प्रदर्शित ही नहीं हुई। उसने मुझे बहुत कुछ सिखाया। सफलता-विफलता को लेकर सबकी अपनी परिभाषा है। मैं बस यही सोचता हूं कि अच्छा सफर रहा (हाथों की दोनों हथेलियों को जोड़ते हुए) किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है!

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