Hunter Tootega Nahin, Todega Review: लचर पटकथा ने किया 'हंटर' का शिकार, कमजोर सीरीज में सुनील शेट्टी 'बलवान'
Hunter Tootega Nahin Todega Review सुनील शेट्टी इससे पहले एमएक्स प्लेयर की वेब सीरीज धारावी में अंडरवर्ल्ड डॉन के किरदार में नजर आये थे। ओटीटी स्पेस में उनकी यह दूसरी सीरीज है। हालांकि इसके मुकाबले धारावी में वो ज्यादा कंविंसिंग लगे थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। अमेजन की शॉपिंग ऐप पर मौजूद अमेजन मिनी टीवी ने पिछले कुछ वक्त में कंटेंट का दायरा बड़ा किया है। शॉर्ट फिल्मों और सीरीज से होते हुए मिनी टीवी अब लॉन्ग फॉर्मेट के शोज लेकर आ रहा है, जिनके साथ इंडस्ट्री के बड़े नाम जुड़े हुए हैं।
पिछले साल कॉमेडी शो केस तो बनता है को रितेश देशमुख और वरुण शर्मा ने होस्ट किया था, जबकि इस शो में अभिषेक बच्चन, शाहिद कपूर और संजय दत्त जैसे कई बड़े सितारे मेहमान के तौर पर शामिल हुए। अब प्लेटफॉर्म ने सुनील शेट्टी के साथ आठ एपिसोड्स की वेब सीरीज हंटर- टूटेगा नहीं, तोड़ेगा बनायी है, जो 22 मार्च से मिनी टीवी पर उपलब्ध हो गयी है।
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विशुद्ध मसाला एंटरटेनर अंदाज में बनायी गयी वेब सीरीज कुछ नया नहीं देती, बल्कि पुराने कंटेंट को नये तरीके से पेश करती है, जिसमें कत्ल का आरोपी पुलिस अफसर है, उसके पीछे पड़ा एक अन्य पुलिस अधिकारी है, जो विलेन की कमी पूरी करता है। तलाकशुदा पत्नी है। अफेयर है। सीरीज मुख्य रूप से सुनील शेट्टी की 'बलवान' छवि को कैश करती है। कहानी और घटनाक्रम में टुकड़ों में असर छोड़ते हैं।
क्या है हंटर की कहानी?
एसीपी विक्रम (सुनील शेट्टी) एक हाइ प्रोफाइल महिला लीना थॉमस (स्मिता जयकर) के कत्ल के इल्जाम में फंस जाता है। हुड्डा (राहुल देव), विक्रम को पकड़ने की कोशिश कर रहा है, मगर इसके पीछे उसका मकसद कुछ और है।
विक्रम कानून की गिरफ्त से बचते हुए खुद इस केस को हल करने की कोशिश कर रहा है, इसमें उसकी मदद एक जूनियर अफसर (करणवीर शर्मा) कर रहा है, जो उसकी पूर्व पत्नी स्वाति (बरखा बिष्ट) के साथ रिलेशनशिप में भी है। इसी क्रम में वो दिव्या (एशा दओल)से मिलता है, जो एक रिपोर्टर है और फिर इस मिशन में उसकी सहयोगी बन जाती है।
कैसे हैं पटकथा, संवाद और अभिनय?
प्रिंस धीमान और आलोक बत्रा निर्देशित सीरीज की कहानी दिलचस्प है, मगर स्क्रीनप्ले इसे पटरी से उतार देता है। कुछ दृश्य असर छोड़ते हैं तो कुछ बिल्कुल बकवास मालूम पड़ते हैं। संवाद सतही हैं और भाषा का सस्तापन साफ झलकता है। वैसे, यह सीरीज वयस्कों के लिए ही बनायी गयी है। सीरीज डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुष्परिणामों से लेकर अंगों के व्यापार और देह व्यापार तक के विषयों की बात करती है, मगर कंविंसिंग नहीं लगती।
साठ साल पार कर चुके सुनील शेट्टी को इतना एक्शन करते हुए देखकर उनकी फिटनेस की तारीफ बनती है। सुनील के किरदार विक्रम को गढ़ने में विदेशी फिल्मों और सीरीज का प्रभाव साफ नजर आता है। वहीं, राहुल देव का किरदार एकदम देसी लाइंस पर है। इन दोनों किरदारों के बीच चूहे-बिल्ली का खेल हंटर- टूटेगा नहीं, तोड़ेगा को थोड़ी मजबूती देता है।
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बरखा बिष्ट, विक्रम की तलाकशुदा पत्नी स्वाति के किरदार में हैं। यह कैरेक्टर उलझा हुआ है। तलाक के बावजूद विक्रम के लिए उसके दिल में जगह है, फिर भी वो उसके जूनियर के साथ प्रेम प्रसंग में है। विक्रम को पकड़ने में जुटा हुड्डा स्वाति को कुछ भी अनाप-शनाप बोल देता है, जबकि वो खुद एसीपी की पूर्व पत्नी है। ऐसी कई विसंगतियां संवादों में हैं।
गीतों का नयी धुनों के साथ बीच-बीच में इस्तेमाल स्क्रीनप्ले को सपोर्ट करता है। हंटर सीरीज को देखकर बार-बार ख्याल आता है कि इसे बहुत बेहतर बनाया जा सकता था। अगर आप क्राइम कंटेंट के शौकीन हैं तो इस सीरीज को बिंज वॉच कर सकते हैं। सीरीज देखने के लिए अगर मोटिवेशन की जरूरत है तो बता दें मिनी टीवी पर यह मुफ्त उपलब्ध है।
कलाकार- सुनील शेट्टी, एशा देओल, राहुल देव, बरखा बिष्ट, करणवीर शर्मा आदि।
निर्देशक- आलोक बत्रा, प्रिंस धीमान
प्लेटफॉर्म- अमेजन मिनी टीवी
अवधि- लगभग आधे घंटे के आठ एपिसोड्स
रेटिंग- **1/2