धर्म, त्याग और मर्यादा को दर्शाने वाले Ramayan के बेमिसाल डायलॉग्स, जो आज भी करते हैं दिलों पर राज
रामानंद सागर की रामायण (Ramayan) को धार्मिक सीरियल्स देखने वालों ने खूब पसंद किया। साल 1988 में दूरदर्शन पर आए इस धारावाहिक का जिक्र आज भी होता है। टीवी लवर्स अक्सर इसके किरदारों और डायलॉग्स पर अपनी राय पेश करते हैं। भगवान राम की कहानी दिखाने वाले इस नाटक के कुछ डायलॉग लोगों को प्रेरणा देने का काम भी करते हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रामानंद सागर के धार्मिक सीरियल रामायण का आज भी लोगों के बीच जिक्र चलता है। साल 1988 में दूरदर्शन पर शुरू हुए इस धारावाहिक में श्रीराम के जीवन की कहानी को बेहतरीन ढंग से अदा किया गया। इसकी सफलता का असर यह हुआ कि लोगों ने इसमें काम करने वाले कलाकारों को भगवान के रूप में देखना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, इसके डायलॉग्स को भी दर्शकों से खासा प्रतिक्रिया मिली और सोशल मीडिया पर इसके कुछ डायलॉग आज भी वायरल होते हैं।
प्राण जाए पर वचन न जाए
रामायण की चर्चा होती है, तो भगवान श्रीराम के बोले हुए इस डायलॉग के बारे में जरूर बाती होती है। यह संवाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम की संकल्प शक्ति को दर्शाने का काम करता है। इसे आज भी आदर्श माना जाता है, और लोग इससे प्रेरणा लेते हैं।
राजधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता
धर्म के जानकर अक्सर अपने हिसाब से इसका अलग-अलग मतलब बताते हैं। उनका मानना है कि धर्म के मायने सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन जब बात रामायण की होती है, तो इससे यह सीख मिलती है कि रामधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है।
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पिता का वचन ही मेरे लिए आज्ञा है
रामानंद सागर की रामायण में दिखाया गया कि जब राम को वनवास दिया जाता है, तो वह कहते हैं कि पिता का वचन ही मेरे लिए आज्ञा है और राम खुशी-खुशी 14 वर्ष के वनवास पर जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। यह संवाद परिवार के मूल्यों और अपने माता-पिता के प्रति सम्मान का सबसे बड़ा उदाहरण है।
सीता मेरी पत्नी ही नहीं, मेरे जीवन की मर्यादा हैं
रावण जब सीता का अपहरण करता है, तो श्रीराम ने उनका पता लगाने और वापस लाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसके पीछे का कारण बताते हुए राम ने एक बार कहा था कि सीता उनके लिए पत्नी ही नहीं, जीवन की मर्यादा हैं। राम का यह संवाद उनकी पत्नी के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।
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धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देता है यह डायलॉग
रामायण के पॉपुलर डायलॉग की लिस्ट में 'धर्म के मार्ग पर चलना कठिन होता है, पर वही सच्चा मार्ग होता है' को भी शामिल किया जाता है। यह संवाद सीख देता है कि इंसान के लिए धर्म के मार्ग पर चलना मुश्किल जरूर होत सकता है, लेकिन यह सबसे बेहतर और सही रास्ता होता है।
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