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    The Marvels Review: नये दुश्मनों से लड़ने निकलीं 'कैप्टन मार्वल' और 'मिस मार्वल'... बस 'आंटी मार्वल' मत कहना!

    By Jagran NewsEdited By: Manoj Vashisth
    Updated: Fri, 10 Nov 2023 04:55 PM (IST)

    The Marvels Review मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की ताजा फिल्म में कैप्टन मारवल और मिस मारवल के रोमांचक कारनामे दिखाये गये हैं। फिल्म का निर्देशन निया डाक ...और पढ़ें

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    द मार्वल्स सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है। फोटो- स्क्रीनशॉट

    प्रियंका सिंह, मुंबई। सुपरहीरो फिल्में बनाने वाले मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (एमसीयू) की 33वीं फिल्म द मार्वल्स भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म कैप्टन मार्वल की सीक्वल इस फिल्म की कहानी इस बार क्री समुदाय की योद्धा डर-बेन (जावे आश्टन) के प्रतिशोध के आसपास घूमती है।

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    क्या है द मार्वल्स की कहानी?

    युद्ध में नष्ट हो चुके अपने शहर हाला, जहां न पानी है, न हवा और न ही रोशनी है, वहां वो फिर से खुशहाली लाना चाहती है। हाला की बर्बादी के लिए वह कैरल डेनवर्स उर्फ कैप्टन मार्वल (ब्री लार्सन) को जिम्मेदार मानती है। कैरल खुद इस अपराधबोध से जूझ रही है, हालांकि उसका इरादा हाला को बर्बाद करने का नहीं था।

    डर-बेन के पास एक क्वांटम बैंड है, जिससे वह स्पेस में जम्प प्वाइंट्स बनाकर अलग-अलग जगहों से पानी, हवा और रोशनी हाला में लेकर आ रही है। इसकी वजह से संतुलन बिगड़ रहा है। दूसरा क्वांटम बैंड जर्सी सिटी में स्कूल में पढ़ने वाली 16 साल की कमाला खान (इमान वेलानी) के पास है।

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    डर-बेन को रोकने की जिम्मेदारी कैरल पर है। उसके साथ इस मिशन में कमाला और मोनिका भी जुड़ते हैं। जम्प प्वाइंट को एक साथ छूने की वजह से तीनों की शक्तियां लाइट और ऊर्जा की वजह से आपस में जुड़ जाती हैं। क्या डर-बेन को तीनों सुपरहीरो मिलकर हरा पाएंगे?

    कैसा है निया का निर्देशन?

    निया डाकोस्टा एमसीयू की सबसे युवा निर्देशक हैं। उसकी झलक उन्होंने इस फिल्म में दिखाई भी है। फिल्म में कैप्टन मार्वल का मिस मार्वल से यह कहना कि पढ़ाई मत छोड़ना सुपरहीरो की एक नई क्वालिटी की ओर इशारा करता है। मिस मार्वल नई पीढ़ी के नए शब्दों से रूबरू कराती हैं।

    फिल्म में ऐसे कोई संवाद तो नहीं हैं, जिस पर तालियां बजे, लेकिन एक्शन दमदार जरूर है, जो सांसें रोक देता है। खासकर, वह दृश्य, जिसमें तीनों सुपरहीरो एक-दूसरे की पॉवर आपस में टकराने की वजह से अपने आप टेलीपोर्ट यानी जगह बदलती रहती हैं।

    इस फिल्म की अच्छी बात यह है कि महिला सुपरहीरो के बीच ऐसा कोई संवाद नहीं है, जिससे वह पुरुषों से कमजोर लगे या महिला सुपरहीरो होना उनके लिए कोई बड़ी बात लगे।

    कहानी को फिल्म के लेखकों निया, मेगन मैकडानल, एलिसा करासिक ने बहुत ज्यादा फैलाया नहीं है। दोनों ही तरफ अपने लोगों की बचाने की उम्मीद है, बस एक का रास्ता सही है, दूसरे का गलत।

    तीनों सुपरहीरो का एक-दूसरे की उर्जा की वजह से सही वक्त पर ट्रांसपोर्ट होने का अभ्यास करने वाला दृश्य अच्छा है, लेकिन जब उसे प्रयोग करने के दृश्य आते हैं, तो उसमें वह बात नजर नहीं आती है।

    मार्वल की फिल्मों में हमेशा की तरह दो अंत हैं, जिससे इशारा मिलता है कि अब कहानी एक नए समानांतर यूनिवर्स में जाएगी, जहां लोगों की शक्लें अपनों जैसी हैं, लेकिन कोई एक-दूसरे को पहचानता नहीं हैं।

    अंत में निया डाकोस्टा ने यह भी बता दिया है कि एमसीयू में नई और युवा सुपरहीरो शामिल होने के लिए तैयार हैं। इसमें मिस मार्वल का किरदार कहता भी है कि आयरनमैन की बेटी भी बड़ी हो गई है।

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    ब्री लार्सन की जोरदार वापसी

    कैप्टन मार्वल की भूमिका में ब्री लार्सन कहीं से भी इसका एहसास नहीं होने देती हैं कि वह पांच साल बाद इस भूमिका में लौट रही हैं। मोनिका का उन्हें आंटी कैप्टन मार्वल कहकर बुलाना मजेदार है। इमान वेलानी कमाला की भूमिका में नई सुपरहीरो की राह पर चल पड़ी हैं।

    अच्छी बात यह है कि वह किसी तेज-तर्रार सुपरहीरो की तरह आते ही लड़ने नहीं लग जाती हैं, बल्कि उन्हें अपनी शक्तियों को समझने में समय लगता है।

    वह मासूम होने के साथ ही दमदार भी लगी हैं। जावे आश्टन नेगेटिव भूमिका में प्रभावित करती हैं। मोहन कपूर की कॉमिक टाइमिंग अच्छी है।

    निक फ्यूरी की भूमिका से काफी उम्मीदें होती हैं, हालांकि इस बार सैमुअल जैक्सन को इस भूमिका में बहुत ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं मिला है। अलद्ना के राजकुमार यान की भूमिका में कोरियन एक्टर पार्क स्यू-जून को पर्दे पर और देखने की चाहत होती है, लेकिन उन्हें स्पेस कम मिला है।