Hisaab Barabar Review: बैंक खाते के घोटाले की कहानी दिखाती है 'हिसाब बराबर' फिल्म, देखने से पहले पढ़ें रिव्यू
शुक्रवार को ओटीटी लवर्स नई फिल्मों और सीरीज का इंतजार करते हैं। आर माधवन की मोस्ट अवेटेड फिल्म हिसाब बराबर (Hisaab Barabar Movie) जी5 पर रिलीज हो चुकी है। इसमें उन्होंने एक रेवले टिकट चेकर की भूमिका निभाई है। फिल्म की कहानी एक आम इंसान से जुड़े मुद्दे को दिखाती है। मूवी को देखने से पहले इसका रिव्यू (Hisaab Barabar Review) जरूर पढ़ लें।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में मेकर्स एक्शन और सस्पेंस आधारित फिल्में ज्यादा बना रहे हैं। ऐसे में जरूरी विषयों पर बनने वाली फिल्मों की संख्या लगातार कम हो रही है। इस बीच अभिनेता आर माधवन की फिल्म हिसाब बराबर (Hisaab Barabar) ओटीटी पर रिलीज हुई है। ये मूवी एक आम आदमी से जुड़े महत्वपूर्ण टॉपिक को उठाने का काम करती है। जी हां, फिल्म की कहानी बैंक अकाउंट से जुड़ी है और हम सभी इसके ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। हम बाजार में पैसों की बचत करने के लिए दुकानदार से कई मिनटों तक बहस करते हैं, लेकिन अपने बैंक खाते से जुड़ी जानकारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। आइए, फिर जी5 पर रिलीज हुई आर माधवन स्टारर फिल्म की कहानी जानते हैं।
फिल्म की कहानी
मूवी की कहानी रेलवे टिकट चेकर राधे मोहन (आर माधवन) की है, जो हिसाब का बिल्कुल पक्का होता है। वह 1 रुपये से लेकर 50 पैसे के बीच के अंतर को बखूबी से समझता है। जवानी के दिनों में उसने एक लड़की को शादी से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह हिसाब-किताब सही से नहीं जानती थी। फिल्म में उसकी नौकरी से लेकर जिंदगी की तमाम चुनौतियों को दिखाया गया है।
कहानी में ट्विस्ट आता है, जब राधे मोहन को बैंक के घोटाले के बारे में पता चलता है। खास बात है कि इस तरह की छोटी राशि के घोटाले पर कोई भी ध्यान नहीं देता है। एक दिन वह अपने बैंक खाते की पासबुक चेक करता है तो उसे पता चलता है कि खाते में से 27 रुपये 50 पैसे कट गए हैं। इसके तुरंत बाद वह बैंक जाकर शिकायत करता है। पहले तो बैंक वाले उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और टालने की कोशिश करते हैं, लेकिन बाद में जब ज्यादा हंगामा होता है तो वह उसे पैसे वापस करने के साथ ही, एक महंगा तोहफा भी देते हैं। इस मामले को गंभीरता से समझने के बाद उसे बैंक के घोटाले के बारे में पता चलता है, जो वह लाखों ग्राहकों के खाते से छोटी-छोटी रकम में वसूलते हैं। जब राधे ने इसे लेकर आवाज उठाने की कोशिश की, तो पूरा सिस्टम उसके खिलाफ हो जाता है और हर संभव तरीके से उसकी आवाज को दबाने के पीछे पड़ जाता है। इस कहानी का स्क्रीन पर चित्रण आपको आकर्षित कर सकता है।
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एक्टिंग कैसी है?
आर माधवन (R Madhavan) ने शानदार अभिनय से फिल्म को मजबूती देने का काम किया है। उन्होंने एक शरीफ इंसान के किरदार को बखूबी निभाया है, जो माचो हीरो नहीं है और गुंडों को पीटते भी नजर नहीं आते हैं। यह एक आम व्यक्ति का किरदार है और इस वजह से ही आपको यह पसंद आ सकता है। इसके अलावा, नील नितिन मुकेश को नेगेटिव रोल में देखा गया है और उनके टैलेंट की झलक देखने को मिली है। कीर्ति कुल्हारी का काम भी तारीफ के लायक है। उनका किरदार आपको हैरान भी कर सकता है। रश्मि देसाई का किरदार उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है। एक पॉपुलर टीवी एक्ट्रेस को कैरेक्टर का चुनाव थोड़ा विचार करके करना चाहिए। फिल्म में उनके रोल को कॉमिक टच देने की कोशिश की गई है, लेकिन वह ऐसा करने में सफल नहीं हो पाती हैं।
डायरेक्शन कैसा है?
अश्विन धीर ने हिसाब बराबर को डायरेक्ट किया है। बता दें कि उन्होंने रितेश शास्त्री के साथ मिलकर फिल्म को लिखने का काम भी किया है। कहानी का चयन करने के लिए उनकी तारीफ जरूर करनी चाहिए। स्क्रीनप्ले को थोड़ा और बेहतर बनाया जा सकता था।
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क्यों देखें फिल्म?
आर माधवन स्टारर हिसाब बराबर को देखा जा सकता है। वीकेंड पर मनोरंजन के उद्देश्य से फिल्म को देखना अच्छा फैसला साबित होगा। फिल्म की कहानी को जरूरी विषय को दिखाया गया है। कुल मिलाकर यह फिल्म देखने लायक जरूर है। आप इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर देख सकते हैं।
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