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    'स्क्रिप्ट खत्म होते ही क्लिक हुआ...', Raid 2 में 'खलनायक' कैसे बने रितेश देशमुख, राजकुमार गुप्ता ने बताई पूरी बात

    रेड 2 सात साल बाद रिलीज होने वाली है और इसकी एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। इस बीच निर्देशक राजकुमार गुप्ता ने दैनिक जागरण की पत्रकार स्मिता श्रीवास्तव से इस फिल्म को लेकर खुलकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि रेड 2 की कहानी 2019 में सोची गई थी। 2022 में इसे फिर से शुरू किया गया।

    By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Mon, 28 Apr 2025 05:39 PM (IST)
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    राजकुमार गुप्ता की फिल्म रेड टू में रितेश देशमुख विलेन की भूमिका में नजर आएंगे (फोटो- सोशल मीडिया)

    जागरण संवाददाता, मुंबई। फिल्म रेड के सात साल बाद रेड टू बस रिलीज होने वाली है। इसे लेकर एडवांस बुकिंग भी शुरू हो गई है। राजकुमार गुप्ता फिल्म ‘रेड 2’ ला रहे हैं। उन्होंने इस अंतराल में वेब सीरीज ‘पिल’ भी बनाई थी।

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    दैनिक जागरण की पत्रकार स्मिता श्रीवास्तव ने राजकुमार गुप्ता से खास बातचीत की, जिसके कुछ खास अंश पेश हैं।

    हॉलीवुड से काफी लगाव है आपको?

    मुझे किताबें पढ़ने के अलावा हालीवुड का चार्म हमेशा से रहा है। मुझे अल्फ्रेड हिचकॉक, स्टीवन स्पीलबर्ग बहुत पसंद हैं। इन सबकी काफी फिल्में देखता हूं, लेकिन ऐसा नहीं है कि बाकी की नहीं देखता। कई बार आप कॉमेडी देखते हैं, लेकिन आपको लगता है कि मैं इसे बनाने में सक्षम नहीं हूं। उस हिसाब से कौन से फिल्ममेकर क्या बना रहे हैं, उसे देखने का शौक रहता है।

    आप लंबे ब्रेक लेते हैं तो इस बीच क्या क्या एक्सप्लोर करते हैं?

    मैंने यह नहीं कहा कि मैं लंबे-लंबे ब्रेक्स लेता हूं। लोग मुझसे यह पूछते हैं कि आप फिल्में जल्दी क्यों नहीं बनाते। मेरा बस यही कहना है कि मैं भी चाहता हूं कि मेरी फिल्में जल्दी आएं पर स्क्रिप्ट लिखने से लेकर कास्टिंग और फिर फिल्म बनाने में समय लगता है। कई बार फिल्म लिखने के बाद किसी कारणवश बन नहीं पाती है। तब नए सिरे से काम करना पड़ता है।

    फिल्म तैयार होने के बाद नहीं बनती है तो काफी हताशा होती होगी?

    बहुत सारे फिल्ममेकर्स के साथ ऐसा होता है कि सब कुछ तैयारी के बाद फिल्म नहीं बन पाती। उसकी अपनी एक जर्नी होती है। बुरा तो लगता है क्योंकि आपका समय और मेहनत लगी होती है। फिल्म नहीं बनती तो आपका विजन वहीं का वहीं धरा रह जाता है। कभी-कभी गुस्सा भी आता है।

    ‘रेड 2’ कब सोची गई?

    ऐसा नहीं था कि जब हम ‘रेड’ बना रहे थे तो हम सुनिश्चित थे कि यह फिल्म इतनी सफल होगी। हालांकि हमने मेहनत, लगन से एक कहानी कही, जिस पर हमें भरोसा था। साल 2019 में विचार था कि फिल्म के पात्रों को एक्सप्लोर किया जाए या नहीं। कोरोना में सब बिखर गया। 2022 में हमने फिल्म बनाने के बारे में सोचा।

    फिलहाल बॉक्स ऑफिस पर फिल्में नहीं चल पा रही हैं । हिंदी सिनेमा के भविष्य को लेकर तमाम आशंकाएं जताई जा रही हैं। आपका क्या मानना हैं?

    बॉलीवुड नहीं चलेगा, लोग सिनेमा देखने नहीं आएंगे, जबसे सिनेमा शुरू हुआ है, यह बहस तब से जारी है। चाहे हॉलीवुड हो या चाहे यहां हो, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं। फिल्म इंडस्ट्री में उतार- चढ़ाव आते रहेंगे। हमारे लिए जरूरी है कि हम अच्छी फिल्में बनाते रहें।

    बहुत बार ऐसा होता है कि शायद हम दर्शकों की उम्मीदों पर खरे न उतरे हों, लेकिन कोशिश होनी चाहिए। यह भी एक सवाल है कि हम यह सोचकर फिल्म नहीं बना सकते कि कौन सी किसको पसंद आएगी? हम तो कहानी को बेहतरीन तरीके से कहने की कोशिश करते हैं।

    ‘पिल’ सीरीज बनाते समय ही रितेश देशमुख को खलनायक के तौर पर लेने का सोचा था?

    नहीं। फिल्म की राइटिंग खत्म होने के बाद रितेश को लेकर मुझे इस पात्र के लिए विचार आया। उन्हें भी कहानी पसंद आई क्योंकि ‘रेड’ में ताऊजी की भूमिका में सौरभ शुक्ला का पात्र काफी पसंद किया गया था। अगर ‘रेड 2’ में विलेन हो तो उसका भी दमदार होना बनता है।

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    फ्रेंचाइज फिल्मों में अममून नायिका बदल जाती है। ‘रेड 2’ में इस बार वाणी कपूर हैं...

    मैं इसे इस तरह से नहीं देखता। हमारी फिल्म ही नहीं हाृॉलीवुड में मार्वल्स की फिल्म देखें तो उनमें भी बदलाव हो जाते हैं, चाहे पुरुष किरदार हो या महिला। उसमें किसी के लिए नकारात्मकता नहीं होनी चाहिए। यही बदलाव इस फिल्म में भी हुए हैं।