Who Is Nisha Pahuja: कौन हैं निशा पाहुजा, जिनकी भारतीय डॉक्युमेंट्री To Kill A Tiger पहुंची ऑस्कर?
Oscar Awards 2024 आगामी ऑस्कर अवॉर्ड 2024 के नॉमिनेशंस का एलान हो गया है। इस बार बेस्ट फीचर फिल्म कैटेगरी में कोई भी भारतीय फिल्म अपनी जगह नहीं बना पाई है। लेकिन भारतीय डॉक्युमेंट्री टू किल ए टाइगर ने 96वें अकादमी पुरस्कार की बेस्ट डॉक्युमेंट्री फीचर फिल्म की कैटेगरी में नॉमिनेट होने सफल रही है। ऐसे में आइए इस डॉक्युमेंट्री के निर्देशक निशा पहुजा के बारे में जानते हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Nisha Pahuja To Kill A Tiger: एकेडमी ऑफ पिक्चर ऑफ आर्टस एंड साइसेंस यानी ऑस्कर अवॉर्ड्स 2024 के लिए नॉमिनेशंस का एलान हो गया है। मंगलवार यानी आज इनकी घोषणा हो गई है। इस बार कोई भारतीय फिल्म इस दुनिया के सबसे बड़े फिल्म पुरस्कार के फीचर फिल्म कैटेगरी के नॉमिनेशन में अपना स्थान नहीं बना पाई,
लेकिन इंडियन डॉक्युमेंट्री टू किल ए टाइगर ने बेस्ट डॉक्युमेंट्री फीचर फिल्म की कैटेगरी में नॉमिनेट होकर सुर्खियां बटोर ली हैं। इस लेख में हम टू किल ए टाइगर की डायरेक्टर निशा पाहुजा के बारें जानेंगे, जिनकी डॉक्युमेंट्री ऑस्कर 2024 की रेस में शामिल हुई है।
कौन हैं टू किल ए टाइगर की डायरेक्टर
डॉक्युमेंट्री टू किल एक टाइगर की निर्देशक निशा पाहुजा भारतीय मूल की कैनेडियन फिल्ममेकर हैं। मौजूदा समय में वह कनाडा के टोरंटों में रहती हैं। निशा का जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन छोटी सी उम्र में ही वह अपने माता-पिता के साथ 1970 के आस-पास टोरंटो पलायन कर गईं।
अपने फिल्मी करियर की शुरुआत निशा ने कनाडाई फिल्ममेकर्स जॉन वॉकर और अली काजिमी के साथ मिलकर एक रिसर्चर के तौर पर की है। टू किल ए टाइगर से पहले बतौर निर्देशक निशा पहुजा 'द वर्ल्ड बीफॉर हर, बॉलीवुड बाउंड और डायमंड रोड' जैसी पॉपुलर डॉक्युमेंट्री के जरिए वाहवाही लूट चुकी हैं।
बेशक निशा भारत में नहीं रहती हैं, लेकिन फिलहाल उनकी डाक्युमेंट्री टू किल एक टाइगर ने ऑस्कर की रेस में शामिल होकर देश का नाम रोशन कर दिया है।
क्या है टू किल ए टाइगर की कहानी
निशा पाहुजा की डॉक्युमेंट्री टू किल ए टाइगर की कहानी काफी संवेदनशील है। फिल्म में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना को दिखाया है। इस घटना बाद वह लड़की और उसका परिवार बड़े संघर्ष से गुजरता है। एक छोटे से गांव की 13 साल की बच्ची के साथ हुए इस घिघोने काम में 3 लोग आरोपी होते हैं,
जिनको जेल की सलाखों के पीछे भिजवाने के लिए एक व्यक्ति पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आता है। अब देखना ये दिलचस्प रहेगा कि क्या निर्माता गुनीत मोंगा की डॉक्युमेंट्री 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' की तरह निशा की ये डॉक्युमेंट्री ऑस्कर में इतिहास रच पाती है या नहीं।
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