कौन हैं Chhaava में कवि कलश बने Vineet Kumar Singh? मरीजों का इलाज छोड़ डॉक्टर बने अभिनेता
हिस्टोरिकल ड्रामा छावा मूवी (Chhaava) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। विक्की कौशल स्टारर फिल्म में यूं तो छत्रपति संभाजी महाराज के किरदार में उन्होंने जान फूंक दी और अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna) का रोल भी काबिल-ए-तारीफ था लेकिन एक अभिनेता इन दोनों स्टार्स पर भारी पड़ गया। चलिए आपको बताते हैं कि छावा में कवि कलश का किरदार निभाने वाले विनीत कुमार सिंह कौन हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। छत्रपति संभाजी महाराज पर आधारित फिल्म छावा (Chhaava) सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। विक्की कौशल और अक्षय खन्ना की दमदार परफॉर्मेंस के बीच एक और अभिनेता ने लक्ष्मण उतेकर की फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है और यह अभिनेता हैं विनीत कुमार सिंह (Vineet Kumar Singh)।
गैंग्स ऑफ वासेपुर और मुक्काबाज जैसी फिल्मों में काम कर चुके विनीत कुमार सिंह ने छावा में कवि कलश की भूमिका निभाई है। कवि कलश छत्रपति संभाजी महाराज के जिगरी यार थे जिन्होंने आखिर तक उनका साथ नहीं छोड़ा। छावा फिल्म में उन्होंने अपने किरदार को बड़ी उम्दा तरीके से निभाया है, जिसके चलते हर ओर उनकी वाहवाही हो रही है। चलिए आपको उनके बारे में दिलचस्प बातें बताते हैं।
मेडिकल प्रैक्टिशनर रह चुके हैं छावा के कवि
28 अगस्त 1978 को जन्मे वाराणसी के विनीत कुमार सिंह एक नेशनल लेवल बास्केटबॉल प्लेयर रह चुके हैं। साथ ही मेडिकल कॉलेज में टॉप भी किया है। वह CPMT क्वालिफाईड हैं। यहां तक कि लाइसेंस प्राप्त मेडिकल प्रैक्टिशनर भी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई बैचलर ऑफ आयुर्वेद, मेडिसिन एंड सर्जरी आरए पोदार आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज से की है और आयुर्वेद में MD नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से की है।
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संजय दत्त की फिल्म से किया था डेब्यू
भले ही पैरेंट्स के प्रेशर में विनीत कुमार को मेडिकल की पढ़ाई और प्रैक्टिस करनी पड़ी। मगर मन ही मन उन्हें अभिनेता बनना था। वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन दबाव में नहीं कर पाए। मगर अभिनेता बनने की चाह कभी खत्म नहीं होने दी। सुपरस्टार टैलेंट हंट कॉम्पटीशन जीतने के बाद शो के जज महेश मांजरेकर ने उन्हें संजय दत्त की फिल्म पिताह में एक छोटा सा रोल दिया था।
मुक्केबाज के बाद टूटा सपना
पिताह फ्लॉप हुई और विनीत कुमार सिंह के हाथ में कुछ नहीं आया। फिर उन्होंने महेश मांजरेकर को कई फिल्मों में असिस्ट किया। उन्हें पहचान फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से मिली थी। फिर वह अगली और बॉम्बे टॉकीज में भी नजर आए। साल 2018 में उन्हें पहली लीड फिल्म मुक्केबाज मिली। उन्हें लगा कि इस फिल्म से वह बतौर हीरो चमक जाएंगे, लेकिन फिल्म की फ्लॉप ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया।
छावा में कवि कलश का रोल निभाने के बाद मिली प्रशंसा पर खुशी जाहिर करते हुए विनीत ने बताया कि मुक्केबाज के बाद उनके पास लगभग कोई फिल्म नहीं थी। वह कई बार मुक्केबाज की असफलता पर अपना दर्द बयां कर चुके हैं।
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