जब परिवार ने किया इंकार, तब सलमान खान के पिता बने थे वहीदा रहमान के लिए फरिश्ता, पढ़ें किस्सा
वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) अपने समय में बेहद खूबसूरत और टैलेंटेड एक्ट्रेसेस में गिनी जाती थीं। उन्होंने हिन्दी तेलुगु तमिल और बंगाली फिल्मों में काम किया है। मगर क्या आप जानते हैं कि दिग्गज अदाकारा एक जाने-माने अभिनेता के प्यार मे दीवानी हो गई थीं। एक्ट्रेस का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ थे मगर सलमान खान के पिता ने उनकी काफी मदद की थी। पढ़िए दिलचस्प किस्सा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा वहीदा रहमान न सिर्फ अपनी शानदार अदाकारी के लिए मशहूर रही हैं, बल्कि उनकी निजी जिंदगी भी हमेशा सुर्खियों में रही। ‘गाइड’, ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’ और ‘नील कमल’ जैसी क्लासिक फिल्मों में उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। लेकिन जहां उनकी प्रोफेशनल लाइफ बेहतरीन रही, वहीं पर्सनल लाइफ में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
वहीदा रहमान की शादी के खिलाफ थे घरवाले
दरअसल, वहीदा रहमान की जिंदगी में उस वक्त एक बड़ा मोड़ आया जब उन्होंने एक्टर कमलजीत से शादी करने का फैसला लिया। कहा जाता है कि कमलजीत वहीदा को लंबे समय से पसंद करते थे और उन्होंने ही शादी का प्रस्ताव रखा था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और उन्होंने एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझना शुरू किया। लेकिन जब बात शादी तक पहुंची, तो वहीदा के परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमलजीत और वहीदा अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते थे, यही वजह थी कि एक्ट्रेस के परिवारवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। वहीदा अपने परिवार की नाराज़गी से काफी परेशान थीं और असमंजस में थीं कि क्या करें। ऐसे समय में उनके लिए फरिश्ते बनकर आए मशहूर लेखक और सलमान खान के पिता सलीम खान।
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सलीम खान ने दी थी खास सलाह
सलीम खान और वहीदा रहमान अच्छे पड़ोसी होने के साथ-साथ गहरे दोस्त भी थे। जब उन्हें इस पूरे मामले का पता चला, तो उन्होंने वहीदा को समझाया कि उन्हें अपने दिल की आवाज सुननी चाहिए और अगर वे कमलजीत से प्यार करती हैं, तो उन्हें किसी की परवाह नहीं करनी चाहिए। सलीम खान की सलाह ने वहीदा को हिम्मत दी, और फिर उन्होंने 27 अप्रैल 1974 को कमलजीत से शादी कर ली।
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शादी के बाद वहीदा ने फिल्मों से दूरी बना ली, हालांकि वे पूरी तरह गायब नहीं हुईं। उन्हें ‘लम्हे’, ‘ओम जय जगदीश’, ‘रंग दे बसंती’ और ‘दिल्ली 6’ जैसी फिल्मों में अहम भूमिकाओं में देखा गया। उनकी ये कहानी आज भी प्रेरणा देती है कि प्यार के लिए कभी-कभी हिम्मत और सही सलाह की जरूरत होती है।
वहीदा रहमान के बारे में...
वहीदा रहमान हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने 1950s से लेकर 1970s के दशक में कई यादगार फिल्मों में काम किया है। गाइड (1965) देव आनंद के साथ, आर. के. नारायण की कहानी पर आधारित यह फिल्म वहीदा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक मानी जाती है। प्यासा (1957) गुरुदत्त के साथ यह फिल्म भारतीय सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती है। कागज के फूल (1959) गुरुदत्त के निर्देशन में बनी यह फिल्म अपने समय से बहुत आगे की मानी जाती है।
साहिब बीबी और गुलाम (1962) इसमें उन्होंने एक सशक्त महिला किरदार निभाया जो आज भी याद किया जाता है। तीसरी कसम (1966) राज कपूर के साथ यह फिल्म एक मासूम लव स्टोरी है। चित्रलेखा (1964) एक दार्शनिक प्रेम कहानी जिसमें वहीदा ने बहुत दमदार अभिनय किया था। आज भी अभिनेत्री बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में नजर आ जाती हैं।
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