3 दिन तक सड़ती रही लाश... दर्दनाक मौत.. 2 शादी, 1 अफेयर के बाद रहीं अकेली, 50's की एक्ट्रेस नलिनी जयवंत की कहानी
Nalini Jaywant: हिंदी सिनेमा में कई अभिनेत्रियां ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने करियर में खूब ऊंचाईयां हासिल कीं, लेकिन उनका अंत इतना बुरा होगा ये किसी ने न ...और पढ़ें

मधुबाला को खूबसूरती में पीछे छोड़ने वाली वो अभिनेत्री
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली।
'मैं आपके योग्य तो नहीं हूँ... फिर भी आपके काबिल बनने की कोशिश करूंगी।'
पर्दे पर तवायफ 'किशोरी बाई' बनी नलिनी जयवंत जब ये डायलॉग बोलती हैं, तो लगता है कि मानो गला रुंध सा जाता है। ये वो किरदार ही था, जिसने नलिनी जयवंत के जीवन में उनके अभिनेत्री रूप को सार्थक कर दिया। अमूमन यही कहा जाता है कि सितारों की दुनिया में चकाचौंध का उजियारा जब होता है कि दुनिया बड़ी रंगीन लगती है, लेकिन वही जलती मसाल अंधेरे में गुम होने लग जाए तो मानो जिंदगी वीरान हो जाती है।
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आज हम आपको एक ऐसी हसीना की कहानी सुनाएंगे, जो पर्दे पर बोल्ड रही... जिसकी जिंदगी में शादी का सुख तो आया, पर वो खुशियां उसे नहीं मिलीं और अंत तो ऐसा हुआ कि हर किसी के मुंह से यही निकला कि, हे ऊपरवाले ऐसा कहर किसी पर न बरपाओ। मौत की दहलीज पर कदम रखने वाली नलिनी को आखिरी सांसों में किसी का सहारा तक नहीं मिला। सोचिए एक अभिनेत्री का जीवन इससे बुरा और क्या ही सकता है। चलिए आपको सुनाते हैं नलिनी के बिखरे जीवन की कहानी....
बचपन से ही फिल्मों की शौकीन थीं नलिनी
18 फरवरी 1926... ये वो तारीख है, जब एक मराठी परिवार में नलिनी जयवंत का जन्म हुआ। नलिनी के पिता कस्टम ऑफिसर थे और नलिनी को तो बचपन से ही संगीत और डांस का बड़ा शौक था। माता-पिता उनके इस शौक को कुछ खास पसंद नहीं करते थे। हालांकि पिता का समर्थन उन्हें जरूर मिला।
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नलिनी जयवंत काजोल की रिश्तेदार थीं। दरअसल नलिनी काजोल की नानी शोभना समर्थ की बुआ की बेटी थीं। ऐसे में वो काजोल की भी नानी लगीं। नलिनी को फिल्मों में आने का शौक भी था और इसके पीछे की वजह कालोज की नानी शोभना समर्थ और नलिनी की बहन थीं। खुद भी नलिनी फिल्मों से प्यार करती थीं। ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा को देखने उन्हें पसंद था। हालांकि वो कभी अपने पिता के सामने ये नहीं बोलती थीं, क्योंकि उनके पिता को ये सब पसंद नहीं था।
ऐसे मिली पहली फिल्म
नलिनी को पहली फिल्म मिलने का किस्सा भी मजेदार है। दरअसल नलिनी बुआ की बेटी शोभना समर्थ के जन्मदिन में गई थीं। यहीं पर फिल्ममेकर चिमनलाल देसाई आए हुए थे। इस बर्थडे पार्टी में नलिनी भी गईं थीं। यहीं पर 14 साल की नलिनी पर जब उनकी नजर पड़ी तो उन्होंने उन्हें फिल्म का ऑफर दे डाला।

वैसे भी उस वक्त वो अपनी फिल्म राधिका के लिए हीरोइन की तलाश कर रहे थे। हालांकि बाद में नलिनी के पिता को इससे काफी आपत्ति हुई पर वो मान गए और इस तरह से नलिनी को साल 1941 उनकी पहली डेब्यू फिल्म राधिका मिली।
50 के दशक में सुपरस्टार बनीं नलिनी
उस दौर में यूं तो कई एक्ट्रेसेस आ रही थीं। इसी बीच नलिनी भी अपने करियर को बनाने की कोशिश कर रही थीं। फिल्मों के बीच बीच में उन्होंने गाने भी गाए और करीब 39 गानों को उन्होंने आवाज दी। इसी बीच 1948 में दिलीप कुमार और नरगिस के साथ फिल्म 'अनोखा प्यार' उनके करियर का एक बड़ा मोड़ साबित हुई।
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इसके बाद उनके करियर का गोल्डन टाइम शुरू हुआ 950 में 'समाधि' और 'संग्राम' जैसी फिल्मों में वो दिखीं। इन फिल्मों में वो अशोक कुमार के साथ नजर आईं और ये फिल्म ब्लॉकबस्टर रहीं। फिर देवानंद के साथ मुनीम जी और काला पानी जैसी फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार कर दिया। दिलीप कुमार जैसे बड़े स्टार के साथ उन्होंने अनोखा प्यार जैसी फिल्म में साथ काम किया। यही वजह थी कि दिलीप कुमार ने एक बार कहा था कि नलिनी कमाल की एक्ट्रेस हैं।

बोल्ड इमेज से मचाई थी सनसनी
50 का दशक में नलिनी ने फिल्म इंड्स्ट्री में तूफान खड़ा कर दिया। बैक टू बैक बड़ी फिल्मों में तो वो काम कर रही रही थीं। साथ ही उनकी बोल्ड इमेज ने भी उन्हें बड़ी पहचान दिलाई। फिल्मफेयर मैगजीन के ब्यूटी पोल में उन्हें सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस का खिताब मिला। पर्दे पर स्विमसूट पहनने वाली वो पहली एक्ट्रेस बनीं।
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ब्लैक एंड व्हाइट के दौर में हीरोइन का इतना बोल्ड होना मानो किसी के लिए भी छोटी बात नहीं थीं। उन्होंने मधुबाला जैसी एक्ट्रेस को भी पीछे कर दिया। बोल्ड इमेज वाली नलिनी जैसे ही 60 के दौर में आईं तो फिल्में मिलना कम हो गईं और करियर भी ढलान पर आ गया।
2 शादी, एक अफेयर, नहीं बनीं कभी मां
नलिनी की लाइफ पर्दे पर जितनी हिट रही, वहीं निजी जिंदगी में उन्हें उतना ही दर्द भी मिला। नलिनी ने डेब्यू फिल्म के डायरेक्टर चिमनलाल के बेटे वीरेंद्र देसाई से शादी की थी। फिल्म के दौरान ही दोनों की दोस्ती बढ़ी और प्यार हो गया और फिर जाकर शादी कर ली। वीरेंद्र एक तो शादीशुदा थे और पहले से एक बच्चे के पिता भी थे। बहुत दिक्कतें भी आईं, लेकिन 1945 में दोनों ने शादी कर ली थी।
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इस शादी के चलते वीरेंद्र को उनके पिता ने उन्हें घर से बेदखल कर दिया। इसके बाद दोनों ने फिल्मिस्तान स्टूडियो में नौकरी भी की। बाद में किराए के एक बंगले में दोनों रहने लगे। दोनों के बीच फिल्मों को लेकर अनबन होने लगी और शादी के तीन साल बाद ही इनका तलाक हो गया। पति से अलग होने के बाद नलिनी की फिल्मों में वापसी हुई और 50 के दशक में फिर वो बड़ी स्टार बन गईं।

कहा जाता है कि नलिनी का अशोक कुमार से अफेयर रहा। हालांकि अफेयर की खबरें वहीं तक दबी रहीं। इसके बाद नलिनी ने एक्टर प्रभुदयाल से शादी की। फिल्म मुनीमजी में नलिनी और प्रभुदयाल साथ में नजर आए थे। शूटिंग के दौरान ही प्यार हुआ और फिर दोनों की दूसरी फिल्म के दौरान इन्होंने शादी कर ली।
फिल्मों से बना ली दूरी
नलिनी जयवंत (Nalini Jaywant) ने दूसरी शादी करके अपना घर बसा लिया। 1965 में फिल्म बॉम्बे रेसकोर्स में काम किया और इसके बाद तो मानो वो सिनेमा से दूर रह गईं। हालांकि इसके लंबे वक्त बाद वो फिल्म नास्तिक में दिखीं। इस फिल्म में उन्होंने अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था। फिर तो वो फिल्मों से दूर ही हो गईं और घर संभालने लगीं। इस बीच उन्हें कोई बच्चा नहीं हुआ। ना तो उनकी पहली शादी से उन्हें कोई संतान थी और ना ही दूसरी शादी से उन्हें कोई बच्चा हुआ।
3 दिनों तक घर में सड़ती रही लाश
साल 2001 में नलिनी के पति का निधन हो गया। पति के निधन के बाद वो और अकेली पड़ गईं। रिश्तेदार भी आते-जाते नहीं थे। अकेले घर में नलिनी अपनी जिंदगी गुजारती रहीं। कहा जाता है कि जब नलिनी की साल 2009 में मौत हुई तो इसकी जानकारी तब सामने आई जब एक शख्स खुद को नलिनी का रिश्तेदार बताकर उनका शव ले गया।
ये जानकारी भी तीन दिन बाद सामने आई। तीन दिनों तक नलिनी की लाश घर में सड़ती रही। ना तो कोई देखने वाला और ना कोई पूछने वाला। हालांकि ये बात आजतक रहस्य ही है कि नलिनी का शव कौन लेकर गया और अंतिम संस्कार कहां किया गया।
नलिनी अपने जीवन के गोल्डन ऐरा में रहीं। बड़ी फिल्मों में काम किया, नाम और शौहरत हासिल की, लेकिन जीवन का अंतिम पड़ाव इतना दुखद होगा, ये किसी ने नहीं सोचा था।

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