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    Happy Birthday Manoj Kumar: दिलीप कुमार की फिल्म देखकर बदल लिया था नाम, कहलाये 'भारत कुमार'

    Happy Birthday Manoj Kumar मनोज कुमार ने 1957 में बनी फिल्म ‘फैशन’ के जरिए बॉलीवुड में पहला कदम रखा। इस फिल्म में उन्होंने एक भिखारी का बहुत छोटा सा रोल निभाया था।

    By Rahul soniEdited By: Updated: Wed, 24 Jul 2019 09:56 AM (IST)
    Happy Birthday Manoj Kumar: दिलीप कुमार की फिल्म देखकर बदल लिया था नाम, कहलाये 'भारत कुमार'

    नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Manoj Kumar: देशभक्ति से लबरेज़ फिल्में बनाने के लिए मशहूर मनोज कुमार 82 साल के हो गए हैं। 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में जन्में मनोज कुमार ने अपनी सौम्य और सशक्त अभिनय शैली से एक अमिट पहचान बनायी है। फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के साथ-साथ एक बात यह खास है कि ज्यादाकर फिल्मों में उनके किरदार का नाम भारत था। इस वजह से लोग उन्हें 'भारत कुमार' भी कहते हैं। आइये जानते हैं इस देशप्रेमी अभिनेता और फिल्ममेकर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

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    दिलीप कुमार से प्रभावित होकर बदला नाम

    हिंदी सिनेमा के लीजेंड मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरी गोस्वामी था। कहते हैं कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक दिन मनोज, दिलीप कुमार की फिल्म 'शबनम' देखने गए और फिर उनके किरदार से वो इतने प्रभावित हो गए कि उसी किरदार के नाम पर उन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रख लिया।

    बंटवारे के बाद भारत आए

    अभिनेता मनोज कुमार का परिवार भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पाकिस्तान छोड़कर दिल्ली आ गया था। उस समय मनोज कुमार की उम्र महज दस साल की थी और उनका परिवार दिल्ली में एक शरणार्थी के तौर पर रहने लगा। उनकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में ही हुई। 

    फिल्म फैशन के जरिए बॉलीवुड में रखा कदम

    मनोज कुमार ने 1957 में बनी फिल्म ‘फैशन’ के जरिए बॉलीवुड में पहला कदम रखा। इस फिल्म में उन्होंने एक भिखारी का बहुत छोटा सा रोल निभाया था। ‘कांच की गुड़िया’ (1960) में मनोज कुमार को पहली बार मुख्य भूमिका में लिया गया था। 1960 के दशक में उनकी रोमांटिक फिल्मों में 'हरियाली और रास्ता’, ‘दो बदन’ के अलावा ‘हनीमून’, ‘अपना बना के देखो’, ‘नकली नवाब’, ‘पत्थर के सनम’, ‘साजन’, ‘सावन की घटा’ और इनके अलावा सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्मों में- ‘अपने हुए पराये’, ‘पहचान’ ‘आदमी’, ‘शादी’, ‘गृहस्थी’ और ‘गुमनाम’, ‘वो कौन थी?’ आदि फिल्में शामिल थीं।

    जगाया देश प्रेम का जज़्बा

    मनोज कुमार ने देश प्रेम की भावनाओं पर केंद्रित फिल्में बनाई। 'शहीद', 'उपकार', पूरब और पश्चिम' से शुरू हुआ उनका सफर 'क्रांति' तक लगातार जारी रहा। उनकी फिल्मों ने आम दर्शकों में देश प्रेम का ऐसा जज़्बा जगाया कि देशभक्ति को केंद्र में रखकर और भी फिल्मकार फिल्में बनाने लगे। फिल्मों में योगदान को देखते हुए मनोज कुमार को दादा साहब फाल्के, पद्मश्री, फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।

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