जाह्नवी का दर्द समझते हैं अर्जुन कपूर, इमोशनल बॉन्डिंग पर खुल कर बोले
श्रीदेवी के निधन के बाद से ही अर्जुन कपूर श्रीदेवी की दोनों बेटियों खुशी और जाह्नवी कपूर के साथ पूरे सपोर्ट में खड़े नजर आ रहे हैं.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। जाह्नवी कपूर और अर्जुन कपूर के बीच इन दिनों काफ़ी अच्छी बॉन्डिंग हो गई है. एक दूसरे के लिए प्यार के साथ सम्मान भी नजर आता है. अर्जुन कपूर सोशल मीडिया पर भी जाह्नवी कपूर को पूरी तरह से सेफगार्ड करते हैं और ट्रोलर्स को भी खरी खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
श्रीदेवी के निधन के बाद से ही अर्जुन कपूर श्रीदेवी की दोनों बेटियों खुशी और जाह्नवी कपूर के साथ पूरे सपोर्ट में खड़े नजर आ रहे हैं. दोनों से अपने इस रिलेशनशिप पर जागरण डॉट कॉम से अर्जुन ने खुल कर बातचीत की. श्रीदेवी के निधन के वक्त भी अर्जुन परिवार में एक बड़े बेटे के रूप में पूरी जिम्मेदारी संभालते नजर आ रहे थे. ऐसे में यह कहे जाने पर कि उनके इस व्यवहार को लेकर, उनका एक अलग ही रूप देखा, एक अलग ही सपोर्टिव स्वभाव देखा. इस पर अर्जुन कहते हैं कि मैं कभी भी चीजें इसलिए नहीं करता हूं कि किसी और को पता लगे, या कोई मुझे कुछ कहे, मैं हमेशा से अपने में ही रहने वाला लड़का रहा हूं. मैं इंट्रोवर्ट रहता हूं.
अर्जुन कहते हैं कि मैं भी अपनी मां को खोया है, इसलिए इस दर्द को तो अच्छी तरह से समझ सकता हूं कि दोनों पर क्या गुजरी होगी. मैं अपने सामने जब उन्हें देख रहा था. तो यही सोच रहा था कि मैंने इन चीजों से खुद डील किया है. इसलिए मुझे लगा कि मैं उनके साथ खड़ा रह पाऊंगा. मेरे वक्त तो मैं बिल्कुल अकेला था. समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करना है क्या नहीं. उस वक्त मुझे वक्त लगा था इन सबसे बाहर आने में, पहले दो तीन दिनों तक मैं अलग ही मूड में था. मेरी जिंदगी में पहली फिल्म इशकजादे आ रही थी और दूसरी तरफ मैंने मां को खोया था. मेरी जिंदगी में खुशी और दुख एक साथ था. छह महीने में. मैं उस वक्त इशकजादे के प्रोमोशन में रहा तो उससे निकल पाया, वरना मां की मौत के बाद मैं खुद में घुट रहा था. ऐसे में जो जाह्नवी और खुशी के साथ हुआ, वह किसी के साथ नहीं होना चाहिए. मैंने जिंदगी को बहुत करीब से देखा है. आप इसके बाद कभी नॉर्मल नहीं हो पाते हैं.
अर्जुन का मानना है कि दोनों को अपना स्पेस तो चाहिए ही. उन्हें इससे निकलने में वक्त लगेगा लेकिन मैं जब उसे देखता हूं कि हमारे प्रोफेशन में रहते हुए उस हालात में भी उसे अपनी फिल्म प्रोमोट करनी पड़ रही थी, मैं मानता था कि बच्ची है लेकिन उसने खुद को संभाला. सब कुछ मैनेज किया और बहुत डिग्नीफाइड तरीके से किया और इसलिए कर पायी, क्योंकि वह लीगेसी से आती है. मुझे उस वक्त जो ठीक लगा, मैंने किया. मेरी मां जो मुझसे उस वक्त अपेक्षा करती, मैंने वही किया. मैंने अपनी मौसी को फोन किया. अपनी बहन को फोन किया और यह हम सब का निर्णय था कि हमें वहां रहना है लेकिन मैंने कुछ भी दर्शाने की कोशिश नहीं की. मुझे खुशी है कि जाह्नवी और अंशुला मुझे आस-पास देख कर खुद को प्रोटेक्टिव महसूस करती हैं. क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि एक अच्छे इंसान के रूप में, एक अच्छे बेटे के रूप में और अब उन दोनों के अच्छे भाई होने के नाते मुझे ये करना ही चाहिए था. बता दें कि अर्जुन कपूर की फिल्म नमस्ते इंग्लैंड 19 अक्तूबर को रिलीज़ होने जा रही है.
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