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    फिल्ममेकर Murali Mohan का 57 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से किडनी की बीमारी से थे पीड़ित

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 01:38 PM (IST)

    कन्नड़ सिनेमा ने एक ऐसे फिल्म निर्माता को खो दिया है जिन्होंने इंडस्ट्री के कुछ सबसे बड़े सितारों के साथ काम करके इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ी थी। रियल स्टार उपेंद्र अभिनीत नागराहावु हैट्रिक हीरो शिवराजकुमार अभिनीत संथा और क्रेजी स्टार रविचंद्रन अभिनीत मल्लिकार्जुन जैसी फिल्मों के निर्देशक मुरली मोहन का 13 अगस्त को बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 57 वर्ष के थे।

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    फिल्म मेकर मुरली मोहन का निधन (फोटो-इंस्टाग्राम)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कन्नड़ फिल्म जगत के लिए 14 अगस्त को एक बुरी खबर आई। जाने माने निर्देशक मुरली मोहन का निधन हो गया जिसकी वजह से इंडस्ट्री शोक में है।

    किडनी संबंधी बीमारियों से थे ग्रस्त

    उन्होंने इंडस्ट्री में कुछ बड़े सितारों के साथ काम किया और अमिट छाप छोड़ी। रियल स्टार उपेंद्र के साथ 'नागरहावु', हैट्रिक हीरो शिवराजकुमार के साथ संथा और क्रेजी स्टार रविचंद्रन के साथ मल्लिकार्जुन के निर्देशन के लिए मशहूर मुरली मोहन का 13 अगस्त को बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 57 वर्ष के थे। किडनी संबंधी बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे थे।

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    डायरेक्टर ने की मुरली मोहन की तारीफ

    इस खबर को डायरेक्टर प्रकाशराज मेहू ने सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया। उन्होंने लिखा- मुरली मोहन फिल्म ओम के पीछे के एक बहुत महत्वपूर्ण हाथ थे। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि वज्रस्वरी प्रोडक्शन में स्टोरी पर चर्चा करने के दौरान जिसका मैं भी पार्ट था ओम टॉपिक आया वर्दन्ना उतनी बार मुरली और उनके योगदान को याद कर रहे थे। उन्होंने उनकी इंटेलिजेंस की भी तारीफ की। ये ट्रेजडी है कि उनके टैलेंट को कन्नड़ इंडस्ट्री में कभी इस्तेमाल नहीं किया गया।

    उनके टैलेंट को नहीं पहचाना गया

    प्रकाशराज मेहू ने आगे लिखा, "उनके जैसे लोगों को देखकर यह कहावत सच लगती है कि बड़े बरगद के पेड़ के नीचे कुछ और नहीं उगता। मुरली, जो हमेशा ईश्वर, धर्म, ध्यान, होम और हवन की बातें करते थे, मुझे किसी फ़िल्म निर्देशक से ज़्यादा किसी मठ के प्रमुख जैसे लगे। उन्होंने उत्तरहल्ली में एक प्लॉट ख़रीदा था, लेकिन वह राजाकालुवे (तूफ़ानी नाला) में फंस गया।"

    पब्लिक से मांगी थी मदद

    मुरली का काफी समय से जेसी रोड बेंग्लुरु स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसके लिए बहुत सारी सर्जरी की जरूरत थी जिसका खर्चा काफी ज्यादा था। उन्होंने पब्लिक से फाइनेंशियल हेल्थ मांगी थी ताकि अपना इलाज करवा सकें।

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