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    'खुद पर करता हूं मेहनत...'Kanwaljit Singh ने बताया क्या है उनकी फिटनेस का राज, बुनियाद 2 को लेकर दिया बड़ा हिंट

    टेलीविजन के बाद ओटीटी पर अब अपनी अदाकारी से चर्चा बटोर रहे अभिनेता कंवलजीत किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। हाल ही में उन्हें पॉपुलर मूवी मिसेज में देखा गया था। एक फिल्म में वो सान्या मल्होत्रा के ससुर की भूमिका में नजर आए थे। अपने मजबूत व्यक्तित्व और कद-काठी के कारण इस अभिनेता की तुलना अक्सर अमिताभ बच्चन से की जाती है।

    By Smita Srivastava Edited By: Surabhi Shukla Updated: Sun, 16 Mar 2025 08:00 AM (IST)
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    कंवलजीत सिंह ने बुनियाद 2 पर की बात (Photo: Instagram)

    स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। करीब चार दशक से अभिनय में सक्रिय कंवलजीत सिंह ने खुद को किसी माध्यम तक सीमित नहीं रखा।फिल्म के अलावा टीवी और अब डिजिटल प्लेटफार्म पर भी काम कर रहे कंवलजीत सिंह बीते दिनों लगातार फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आए हैं। फिल्म को लेकर अपने अनुभवों व अभिनय सफर पर कंवलजीत ने हमसे बातचीत की...

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    आपकी फिटनेस का क्या राज है?

    (मुस्कुराते हुए) मेरा शुरू से ही नियम रहा है कि शाम छह बजे से नौ बजे के बीच अगर शूटिंग न हो तो यह मेरा मी टाइम होता है। इसमें मैं सिर्फ अपनी फिटनेस पर ध्यान देता हूं। पहले मैं टेनिस खेलता था। अब वाक करता हूं, जिम भी चला जाता हूं। (थोड़ा गंभीर होते हुए) यह कलाकारों की तैयारी का भी हिस्सा है कि वो अपने दिमाग और शरीर को सही रखें।

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    ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ में आप काफी हैंडसम लग रहे हैं...

    (बहुत तेजी से ठहाका मारते हुए) यह क्रेडिट जाता है मेरे निर्देशक (मुदस्सर अजीज) को। इससे पहले मैं उनके साथ ‘हैप्पी भाग जाएगी’, ‘डबल एक्सएल’ कर चुका हूं। अब आने वाली फिल्म ‘सिंगल सलमा’ है। ‘सिंगल सलमा’ के बाद हमने इसकी शूटिंग की थी। पहले मैंने कहा था कि मैं शक्ति कपूर वाला रोल करूंगा तो उन्होंने कहा कि नहीं आप रकुल के पिता की भूमिका करिए क्योंकि उसमें थोड़ा अंग्रेजी ढंग और स्टाइल है। वह दर्शकों को भी पसंद आया।

    राजश्री प्रोडक्शन पारिवारिक कंटेंट बनाता है। अब संयुक्त परिवार खत्म हो रहे हैं, ऐसे में ‘बड़ा नाम करेंगे’ जैसा कंटेंट कितना जरूरी है?

    मैं यही कहता हूं कि कहानी में दम होगा तो दर्शक देखेंगे। हमने ‘बुनियाद’ में 1947 दिखाया था तो लोगों ने देखा न। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपकी टीआरपी गिरी तो फलां पात्र को बदल दो। ऐसा मैंने कई बार अनुभव किया है। शेयर मार्केट भी ऊपर-नीचे होता है, आपका काम अपने मुकाम पर पहुंचेगा, यह यकीन रखना चाहिए।

    आपने कई धीर गंभीर किरदार भी किए हैं। कभी कोई पात्र ऐसा रहा, जिससे निकलने में दिक्कत हुई हो?

    ऐसा मेरे पसंदीदा धारावाहिक ‘फरमान’ के दौरान हुआ। इसके निर्देशक लेख टंडन जी थे। उनके साथ मैंने ‘दरार’ भी किया था। फिल्में भी उनके साथ की थीं। ‘फरमान’ 14 एपिसोड का ही था। उसे खींच-तानकर नहीं बनाया गया था मगर जब मैं 45 दिन बाद हैदराबाद से इसका शूट करके निकला तो छुट्टी मनाने नेपाल गया। वहां पर गैरभारतीय मिलते थे तो उन्हें मैं अपना परिचय अपने पात्र अजहर नवाज कहकर ही देता था। वह मेरे अंदर इतना उतर गया था। उसमें स्टाइल भी था मगर वह बहुत जटिल किरदार था।

    आज’सत्ते पे सत्ता’ का रीमेक बनना सही होगा?

    रीमेक की बात की है तो हाल ही में मुझे रमेश सिप्पी और किरण जुनेजा मिले थे। (हल्की खिलखिलाहट के साथ) उन्होंने बताया कि हम ‘बुनियाद 2’ लिखना शुरू कर चुके हैं। बाकी ‘सत्ते पे सत्ता’ के रीमेक की बहुत बार कोशिश हुई। जब हम उम्र के इस पड़ाव में नहीं पहुंचे थे तो कहा गया कि दूसरा पार्ट बनाते हैं, लेकिन बनी नहीं। कहीं और भी कोशिश हुई, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी।

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