संघर्ष से भरी थी सुनील दत्त की जिंदगी, एक्टर बनने से पहले करते थे ये काम, जानें कई अनसुनी बातें
एक सुनील दत्त ने एक्टर फारूख शेख के शो जीना इसी का नाम है में शिरकत की थी। इस दौरान सुनील ने अपने जीवन के कई राज पर से पर्दा हटाया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार सुनील दत्त का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 6 जून, 1929 को हुआ था। सुनील दत्त एक ऐसे कलकार थे जो हर किरदार में अपने आप ऐसे ढाल लेते थे मानों ये उन्हीं के लिए बना हो। उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं। सुनील दत्त को उनके अभिनय के लिए आज भी याद किया जाता है, लेकिन उनका सफर इतना आसान भी नहीं था। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए सुनील दत्त को काफी संघर्ष करना पड़ा था। वह इंडस्ट्री के पहले ऐेस एक्टर थे, जिन्होंने सही मायने में 'एंटी हीरो' की भूमिका निभाई और को साबित किया। आज हम आपको सुनील दत्त के बारे में कई खास बातें बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में...
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एक सुनील दत्त ने एक्टर फारूख शेख के शो 'जीना इसी का नाम है' में शिरकत की थी। इस दौरान सुनील ने अपने जीवन के कई राज पर से पर्दा हटाया था। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती समय के संघर्ष के बारे में बता की। उन्होंने बताया कि वह एक्टर बनने से पहले रेडियो में थे और उस जमाने के नामी एक्टर्स के इंटरव्यू लिया करते थे। लेकिन रेडियो में नौकरी करने से पहले सुनील दत्त ने एक और काम किया था।
आपको बता दें कि मुंबई आने के साथ ही उन्होंने बस डिपो में नौकरी की थी। दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें ये करना पड़ा था। शॉप रिकॉर्डर का उनका काम था। उन्हें इस बात का रिकॉर्ड रखना रहता था कि जब बस आती थी तो उसमें कितना डीजल ऑयल डालना है। इस बात का रिकॉर्ड रखना होता था कि बस को डैमेज क्या हुआ हैं। उन्हें ये काम दोपहर के ढाई बजे से रात के साढ़े ग्यारह बजे तक करना पड़ता था।
सुनील दत्त ने एक रोमांटिक हीरो से लेकर एक डाकू तक का रोल प्ले किया। उन्होंने 'मदर इंडिया', 'साधना', 'सुजाता', 'छाया', 'गुमराह', 'वक्त', 'खानदान', 'मेरा साया', 'हमराज', 'पड़ोशन', 'रेश्मा और शेरा', 'जख्म नागिन', 'जानी दुश्मन', 'राज तिलक', 'फूल' और 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' जैसी कई फिल्मों में काम किया।
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