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    'राम' के नाम पर कर्ज लेने के बाद हुआ था शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म, अद्भुत है 'शॉटगन' की 'रामायण' वाली ये कहानी

    Updated: Sat, 13 Jul 2024 04:50 PM (IST)

    फैंस शॉटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrugha Sinha) की फिल्मों को देखना आज भी पसंद करते हैं। काला पत्थर उनके लिए गेम चेंजिंग फिल्म साबित हुई थी। अपने दौर के हिट एक्टर्स में शुमार रहे शत्रुघ्न ने हीरो के अलावा विलेन के रोल में भी धाक जमाई। पर्दे पर जब भी वह आते तो थिएटर में ऑडियंस उनके लिए सीटियां बजाती।

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    बॉलीवुड एक्टर और आसनसोल सांसद शत्रुघ्न सिन्हा

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Shatrughan Sinha Birthday: 'जली तो आग कहते हैं, बुझे तो राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं।' शत्रुघ्न सिन्हा द्वारा बोला गया ये डायलॉग आज भी खासा चर्चित है। 1969 में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में आने से पहले इस फील्ड में खूब काम किया और नाम कमाया। ये एक्टिंग को लेकर उनका पैशन ही था, जिस कारण खुद में कॉन्फिडेंस न होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बॉलीवुड में धाक जमाने के लिए लग गए कमर तोड़ मेहनत करने पर।

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    शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने अपनी मेहनत के दम पर मुंबई में 'रामायण' बंगले का निर्माण करवाया। हर बड़े अभिनेता की तरह शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपने बंगले को हटके नाम दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी जड़ें केवल रामायण काल से नहीं, बल्कि वाराणसी से जुड़ी हैं। कैसे ? चलिये हम आपको बताते हैं।

    संतान के लिए माता-पिता ने मांगी थी मन्नत

    15 जुलाई, 1946 को बिहार के पटना में जन्में शत्रुघ्न सिन्हा का ये नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है। इसके पीछे अनोखा कारण है। ऐसा कहा जाता है कि शत्रुघ्न सिन्हा के माता-पिता बेऔलाद थे। संतान प्राप्ति के लिए पिता भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा और मां श्यामा देवी ने राम रमापति बैंक से 'राम' नाम का कर्ज लिया था। उसी कर्ज के आशीर्वाद से उन्हें चार पुत्र हुए, जिसमें से शत्रुघ्न सबसे छोटे बेटे हैं।

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    ऑटोबायोग्राफी में किया खुलासा

    शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'एनिथिंग बट खामोश' में इसका जिक्र किया है। मान्यता है कि इस अनोखे बैंक में मन्नत मांगने वाले को 1.25 लाख बार राम के नाम का लिखना होता है। यह एक साल तक करना होता है। इसके लिए बैंक में अकाउंट भी खुलवाया जाता है।

    (Photo Credit: Film History Pics)

    लोन लेने से पहले शपथपत्र पर मनोकामना की डिटेल्स देनी होती है। नाम और इस प्रक्रिया को गुप्त रखा जाता है। उसे राम नाम के कर्ज का कारण बताना होता है और मन्नत लिखनी होती है। संतान प्राप्ति के लिए शत्रुघ्नन सिन्हा के माता-पिता ने यहां राम नाम का लोन लिया। ऐसा उन्होंने चार संतानों की प्राप्ति के लिए किया।

    ऐसे मिला था एक्टर को शत्रुघ्न नाम

    जब पहला बच्चा पैदा हुआ, तो उसका नाम राम रखा गया। इसी तरह दूसरे, तीसरे और चौथे बच्चे का नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रखा। मन्नत राम नाम के आशीर्वाद से पूरी हुई थी, इसलिए बच्चों का नाम भगवान राम और उनके भाइयों के नाम पर रखा गया। शत्रुघ्नन सिन्हा ने अपने बेटों का नाम भी रामायण के पात्रों पर ही रखा है। उनके जुड़वा बेटों का नाम भगवान राम के बेटों लव और कुश पर ही आधारित है।

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