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    शाह रूख़ के दिल से किसने निकाला रोमांस का डर और वो बन गए King Of Romance

    By मनोज वशिष्ठEdited By:
    Updated: Sun, 26 Feb 2017 04:17 PM (IST)

    शाह रूख़ बताते हैं- ''मैंने यश जी के साथ डर से काम करना शुरू किया था, जिसमें मैं बुरा व्यक्ति था। मैं लोगों को मार रहा था और उनके साथ बुरा बर्ताव कर रहा था''

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    शाह रूख़ के दिल से किसने निकाला रोमांस का डर और वो बन गए King Of Romance

    मुंबई। बॉलीवुड में आज उन्हें भले ही किंग ऑफ़ रोमांस कहा जाता है, मगर एक वक़्त ऐसा भी था जब शाह रूख़ ख़ान लवर ब्वॉय नहीं बनना चाहते थे। फ़िल्मों में रोमांटिक पारी शुरू करने का श्रेय किंग ख़ान यश चोपड़ा को देते हैं, जिनके ज़ोर देने पर उन्होंने फ़िल्मों में रोमांस किया।

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    बात उन दिनों की है, जब शाह रूख़ यश चोपड़ा के साथ डर कर रहे थे। इस फ़िल्म के ज़रिए वो पहली दफ़ा यश जी के संपर्क में आए और उनके करियर का ये अहम मोड़ साबित हुआ। शाह रूख़ बताते हैं- ''मैंने यश जी के साथ डर से काम करना शुरू किया था, जिसमें मैं बुरा व्यक्ति था। मैं लोगों को मार रहा था और उनके साथ बुरा बर्ताव कर रहा था, वो भी ड्रग्स के प्रभाव के बिना, जो काफी इंटेंस था। मुझे याद है उस वक़्त यश जी मुझसे कहते थे, कि जब तक मैं लवर ब्वॉय नहीं प्ले करूंगा, प्रोफेशनली मेरा कुछ नहीं होने वाला।''

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    शाह रूख़ आगे कहते हैं- ''मैं लवर ब्वॉय प्ले नहीं करना चाहता था क्योंकि मैं रोमांस अच्छे से नहीं कर पाता। लेकिन यश जी ये कहते रहे कि अगर में पर्दे पर प्रेमी नहीं बनूंगा तो करियर का कुछ नहीं होगा। जब यश जी एक ही बात को बार-बार कहते थे, तो इसका कुछ मतलब था। इसलिए भले ही मैं रोमांटिक हीरो की तरह नहीं दिखता था या रोमांटिक एक्टिंग नहीं कर पाता था, मैंने उनके विश्वास पर भरोसा किया और उसका फल भी मिला।''

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    शाह रूख़ को नेशनल यश चोपड़ा मैमोरियल पुरस्कार से नवाज़ा गया है। उन्होंने कहा कि चौथी बार ये पुरस्कार जीतकर मैं सम्मानित महसूस करता हूं। शाह रूख़ ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कुछ कुछ होता है, मोहब्बतें, दिल तो पागल है, देवदास, वीर-ज़ारा, रब ने बना दी जोड़ी और जब तक है जान जैसी फ़िल्मों से अपनी रोमांटिक इमेज को मजबूत किया है।