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    Satish Kaushik: इस गहरे गम से जूझते रहे थे सतीश कौशिक, हंसी के पीछे अपने दर्द को दुनिया से यूं छुपाया...

    Satish kaushik Passed Away अपने हंसते मुस्कुराते चेहरे के पीछे सतीश कौशिक ने सालों तक अपने इस गम को दफन करके रखा। अपने दुख को कभी भी किसी के सामने जाहिर नहीं होने दिया। पर उनके दोस्तों को एहसास था...।

    By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Thu, 09 Mar 2023 08:54 AM (IST)
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    satish kaushik passed away Satish Kaushik had been struggling with this deep sorrow for years

    नई दिल्ली, जेएनएन। 'मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है' आज सुबह अनुपम खेर के इन शब्दों ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया, जब उन्होंने खबर दी कि सतीश कौशिक हमारे बीच नहीं रहे...। हर कोई स्तब्ध था, यकीन ही नहीं आया कि एक हंसता खेलता शख्स इस तरह से अचानक हमारे बीच से चला जाएगा। पर मृत्यु ही अंतिम सत्य है...

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    सताता रहा ये गम...

    सबको हंसाने वाले सतीश कौशिक के बारे में कम लोग जानते हैं कि वो एक बहुत गहरे गम से जूझ रहे थे। साल 1990 में उनके बेटे सानू के निधन ने उन्हें दुख के समंदर में डूबो दिया था। खुद को इस गम से उबारने के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा काम करना शुरू किया। साल 2012 में उन्होंने सोशल मीडिया पर फैंस को बताया कि उनके घर बेटी का जन्म हुआ है। सतीश जी ने ट्विटर पर लिखा था- 'हमारी बेटी का जन्म एक बच्चे के लिए हमारे लंबे और दर्दनाक इंतजार का अंत है।'

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    करोड़ीमल कॉलेज से किया था ग्रेजुएशन

    सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेन्‍द्रगढ़ में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने करोलबाग के एक स्कूल से की फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज से 1972 ग्रेजुएशन किया। एक्टिंग का शौक उन्हें नेशनल स्कूल ऑफि ड्रामा तक ले गया। बॉलीवुड में एंट्री से पहले वो थिएटर के मंझे हुए कलाकार थे।

    100 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

    साल 1983 में आई फिल्म मासूम में उन्होंने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्हें कल्ट फिल्म जाने भी यारों में अभिनय के साथ-साथ डायरेक्शन में भी हाथ आजमाने का मौका मिला। ‘रूप की रानी चोरों का राजा’के डायरेक्टर सतीश कौशिक ही थे। अपने लंबे करियर में उन्होंने करीब 100 फिल्मों में काम किया होगा।

    मिस्टर इंडिया से मिली पहचान

    1987 में आई मिस्टर इंडिया से उन्हें बतौर एक्टर पहचान मिली, जिसके बाद उन्हें कॉमेडी रोल ज्यादा मिलने लग गए। फिल्म में इंडस्ट्री में वो अपनी जिंदादिली और दोस्ती के लिए भी जाने जाते हैं। सतीश कौशिक ने फिल्म ‘राम-लखन’ और ‘साजन चले ससुराल’ के लिए दो बार बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता था। वो अपने पीछे बेटी वंशिका और पत्नी शशि कौशिक को छोड़ गए हैं।

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