Saqib Saleem: कम डायलॉग के साथ भी बने दमदार खलनायक, ‘सिटाडेल: हनी बनी’ में साकिब ने निभाया ये किरदार
साकिब सलीम (Saqib Saleem) ‘रेस 3’ और ‘83’ जैसी चर्चित फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। हाल ही में उन्हें ‘सिटाडेल हनी बनी’ (Citadel Honey Bunny) में देखा गया। इस वेब सीरीज में खलनायक का रोल निभाने के अनुभव को उन्होंने शेयर किया। साथ ही बताया कि नेगेटिव रोल की भूमिका अदा करने से एक अभिनेता को क्या फायदा मिलता है।

दीपेश पांडेय, मुंबई। ‘रेस 3’ और ‘83’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता साकिब सलीम को हाल ही में आई वेब सीरीज ‘सिटाडेल: हनी बनी’ में देखा गया। इसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका अदा की। इस सीरीज में काम करने से जुड़े अनुभव को एक्टर ने शेयर किया है। आइए जानते हैं के नेगेटिव रोल प्ले करने का उनका अनुभव कैसा रहा है।
नैतिक मूल्यों का दबाव नहीं
साकिब कहते हैं, ‘जब आपको खलनायक की भूमिका मिलती है, तो उसमें करने और खेलने के लिए बहुत कुछ होता है। उसमें कुछ नए प्रयोग भी कर सकते हैं, क्योंकि वहां सही रहने के लिए किसी भी तरह के नैतिक मूल्यों का दबाव नहीं होता है। जब मुझे ‘सिटाडेल: हनी बनी’ में केदार की भूमिका मिली तो मैंने अपने दिमाग में यह कहानी गढ़ी कि केडी अपनी कहानी का हीरो है और सामने वाले बंदे ने उससे उसका परिवार छीन लिया है। अगर शो का नाम सिटाडेल केडी होता तो वो ही इसका हीरो होता। वो शो में जो भी कर रहा था, उसके पास उन सबके सही कारण हैं।'
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उन्होंने आगे बताया 'इस शो में मेरे पास बोलने के लिए ज्यादा डायलॉग नहीं थे। मेरा किरदार सीरीज में ज्यादा बातचीत भी नहीं करता है, वो सीधा गोली मारता है या किसी के पीछे भाग रहा होता है। ऐसे में यह शो करते हुए मैंने सीखा कि जब आपके पास ज्यादा डायलॉग नहीं होते हैं, तो अपनी कहानी और भावनाओं को लोगों के सामने कैसे अच्छी तरह से रखा जाता है।’
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निर्देशक हैं असली स्टार
एक दशक में फिल्मकारों के अपने प्रति बदले रवैये को लेकर साकिब कहते हैं, ‘जब आप अच्छा काम करते हैं, आपकी तारीफ होती है तो इंडस्ट्री का रवैया आपके प्रति बदल जाता है। इन दिनों मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है, क्योंकि मुझे रोजाना फोन और मैसेज आ रहे हैं और मेरे काम की तारीफ भी हो रही है।’
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फिल्म हो या डिजिटल प्लेटफॉर्म इन दिनों दोनों जगह फिल्मों और सीरीज के चलने और न चलने की अनिश्चितता बढ़ गई है। ऐसे में अपनी प्राथमिकता को लेकर साकिब कहते हैं, ‘इतने वर्षों में मैं एक चीज अच्छी तरह से समझ चुका हूं कि फिल्म पूरी तरह से निर्देशक की होती है। सिनेमा स्टार्स की बदौलत चलने वाला माध्यम नहीं है, बल्कि इसे निर्देशक चलाते हैं। इसलिए तीन-चार वर्षों में मेरी कोशिश अच्छे फिल्मकारों के साथ काम करने की रही है। फिर वह कबीर खान के साथ फिल्म ‘83 हो या राज एंड डीके के साथ ‘सिटाडेल: हनी बनी’ वेब सीरीज। यहां फिल्मकारों का काम बिकता है। मैं उन फिल्मकारों के साथ काम करने की कोशिश कर रहा हूं, जो अपनी चीजों और कहानियों को लेकर सुनिश्चित रहते हैं। हमारी इंडस्ट्री की अनिश्चितताओं से निपटने का मुझे यही सबसे सही तरीका लगता है।’
कट्टर नहीं है मेरी सोच
मुस्लिम समुदाय से आने वाले साकिब ने अपने इंस्टाग्राम बायो में गर्व से स्वयं को भगवान का बेटा बताया है। वह कहते हैं, ‘मेरी व्यक्तिगत मान्यताएं किसी एक मत विशेष से जुड़ी हो सकती हैं, लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि इस दुनिया, ब्रह्मांड को निश्चित तौर पर ऊपर बैठी एक दिव्य शक्ति चला रही है। कभी-कभी लोगों को आपत्ति भी होती है कि साकिब सलीम ने भगवान का बेटा क्यों लिखा है? हालांकि, मैं अपने आप को धर्म के ऐसे नजरिए से नहीं देखता हूं। मैं उस माहौल में पला-बढ़ा हूं, जहां मेरे लिए सभी बराबर हैं। मेरे दिमाग में ऐसा कट्टरता की सोच के लिए जगह नहीं है।’
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