'मुस्लिम होने पर शर्म...' Salim Merchant का पहलगाम में हुए हमले पर फूटा गुस्सा, मायूस होकर शेयर किया वीडियो
पहलगाम हमले के बाद से पूरा देश दहला उठा है। हर कोई न्याय चाहता है। जगह -जगह इसको लेकर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। तमाम फिल्मी सितारों ने भी इस घटना की निंदा की है। अब फेमस प्लेबैक सिंगर सलीम मर्चेंट ने आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की और कहा कि उन्हें शर्म आती है कि वो मुसलमान हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पूरा देश आक्रोश में है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई जबकि कई अन्य घायल हैं। बॉलीवुड से लेकर टीवी तक कई सेलेब्स ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
सलीम मर्चेंट ने शेयर किया वीडियो
म्यूजिक कंपोजर और प्लेबैक सिंगर सलीम मर्चेंट ने भी पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले के बाद दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। बुधवार को सलीम खान ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावपूर्ण वीडियो पोस्ट किया जिसमें सलीम ने हमले की कड़ी निंदा की और स्पष्ट किया कि अपराधियों को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए-निश्चित रूप से इस्लाम से नहीं।
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इस्लाम हिंसा नहीं सिखाता - सलीम
सलीम ने कहा, "पहलगाम में निर्दोष लोगों को इसलिए मारा गया क्योंकि वे हिंदू थे। क्या हत्यारे मुसलमान हैं? नहीं। वे आतंकवादी हैं।" कुरान से उन्होंने सूरह अल-बकराह, आयत 256 का हवाला दिया -"धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है।" उन्होंने कहा, "इस्लाम हिंसा नहीं सिखाता। हम ऐसे नहीं हैं।"
सिंगर ने पीड़ितों के लिए की दुआ
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे शर्म आ रही है एक मुस्लिम होने के नाते कि मुझे ये दिन देखना पड़ रहा है। मेरे निर्दोष हिंदू भाई-बहनों को इतनी बेरहमी से मार दिया गया। सिर्फ इसलिए कि वो हिंदू हैं। कब खत्म होगा ये सब? कश्मीर के रहने वाले, जो कश्मीर 2-3 साल से ठीक-ठाक जी रहे थे, उनकी जिंदगी में फिर से वही प्रॉब्लम्स। समझ नहीं आ रहा कि कैसे मैं अपना गम और गुस्सा बयां करूं। कश्मीर में आखिरकार सुधार शुरू हो गया था और अब यह। मैं यह भी नहीं जानता कि अपने दुख और गुस्से को शब्दों में कैसे व्यक्त करूं। मैं दुआ करता हूं जो निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ईश्वर उनके और उनके परिवारों को शक्ति दें। ओम शांति।"
मारने से पहले पूछा धर्म
इस हमले में कुछ बंदूकधारियों ने दिनदहाड़े कुछ पर्यटकों पर गोलियां चलाईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पीड़ितों को मारने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा। मृतकों में एक स्थानीय घुड़सवार भी शामिल था, जिसने आतंकवादियों का सामना करने और पर्यटकों की रक्षा करने की कोशिश की थी। यह एक बहादुरी का काम था, जिसकी वजह से उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
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