Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंटो की पत्नी के किरदार से मंटो को और ज्यादा जान सकी: रसिका दुग्गल

    By Rahul soniEdited By:
    Updated: Wed, 26 Sep 2018 09:48 AM (IST)

    रसिका कहती हैं कि मंटो पर फिल्म बनाना आसान नहीं था और यह साहस नंदिता दास ने दिखाया है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    मंटो की पत्नी के किरदार से मंटो को और ज्यादा जान सकी: रसिका दुग्गल

    मुंबई। जब भी फिल्म बनाई जाती है तो समाज के विभिन्न मुद्दों को शामिल किया जाता है। और कहानी को इस प्रकार बुना जाता है जिससे वो दर्शकों को ज्यादा समय के लिए बांध सके। फिल्म मंटो की कहानी भी कुछ एेसी ही है। मैं बहुत खुश हूं कि मंटो पर बनी फिल्म का हिस्सा हूं। मंटो की पत्नी साफिया के किरदार के साथ मंटो को और ज्यादा जान सकी हूं। यह कहना है नंदिता दास द्वारा निर्देशित फिल्म मंटो में मंटो की पत्नी साफिया के किरदार में नजर आ रही अभिनेत्री रसिका दुग्गल का। जागरण डॉट कॉम से अपनी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म मंटो और फिल्मी सफर को लेकर रसिका ने बात की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एेसे की रिसर्च

    मंटो की पत्नी के किरदार सफिया में नजर आ रही रसिका ने फिल्म में अपने किरदार को लेकर की गई रिसर्च के बारे में बताया कि, मैंने मंटो की पढ़ा है लेकिन उनकी पत्नी के बारे में कुछ खास जानकारी उपलब्ध नहीं है। क्योंकि मंटो की पत्नी पर ज्यादा नहीं लिखा गया है। नंदिता दास ने मंटो की बेटी और बहन के साथ काफी समय बिताया इसलिए उन्होंने इस कहानी को लेकर ज्यादा रिसर्च की है। लेकिन यह कह सकती हूं कि साफिया का किरदार कहानी का खूबसूरत हिस्सा है।

    साफिया को इतना समझ पाई रसिका

    रसिका बताती हैं कि, मंटो की पत्नी का किरदार निभाते हुए मंटो के जीवन की कई बातें समझ आई, जो कि सिर्फ मंटो के परिवार से ही पता चल सकती हैं। खास बात है कि, मंटो सबसे पहले अपनी कहानियां अपनी पत्नी साफिया को ही पढ़वाते थे। फिल्म में कभी भी एेसा नहीं लगता कि साफिया का किरदार कम है क्योंकि इस किरदार की प्रमुखता बहुत है।

    स्क्रिप्ट सुनी तो खुश हुईं 

    रसिका ने बताया कि, स्क्रिप्ट जब सामने आई तो मैं जंप करने लगी थी। मुझे लगा कि मंटो पर फिल्म बन रही है और मुझे मौका मिल रहा है तो मुझे कॉलेज के समय पढ़ा मंटो याद आ गया। पहली बार दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ा था मंटो को। बहुत प्रभावित हुई थी। उस समय यूनिवर्सिटी का माहौल भी एेसा हुआ करता था कि हर कोई युवा क्रांति से जुड़ना चाहता था। एफटीआईआई में पढ़ते हुए भी मंटो को पढ़ती रही।

    मंटो पर फिल्म नहीं थी आसान

    मंटो पर फिल्म अभी तक क्यों नहीं बनाई गई? इस सवाल का जवाब देते हुए रसिका ने कहा कि, मुझे लगता है मंटो पर फिल्म बनाना आसान नहीं था। इतना कुछ है करने के लिए। हर लाइन पर कुछ न कुछ किया जा सकता है। उनकी लाइफ और पर्सनॉलिटी पर बहुत कुछ किया जा सकता है। और वैसे भी मंटो की लाइफ स्टोरी पर कुछ नहीं किया गया था ततो नंदिता ने साहस दिखाया। आज के दौर में मंटो रसिका कहती हैं कि अगर आज के दौर में मंटो होते तो मुझे लगता है कि मंटो टाइटल टाइमलेस स है और हर समय में रेलेवेंट है। आशा करती हूं कि एेसा दौर आए जब फ्रीडम अॉफ स्पीच के लिए किसी और को अपने लिए न खड़ा करना हो। मंटो से हम सबको बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता है और खास तौर पर लेखकों को भी।

    यह भी पढ़ें: Bigg Boss 12: सुबह उठने के तुरंत बाद अनूप जलोटा की गर्लफ्रेंड जसलीन करती हैं ये काम

    यह भी पढ़ें: देश में होने वाले मनी स्कैम पर दो टूक बोले सैफ़ अली खान