'मेरी सात पुश्तों को कमाने की जरूरत न पड़ती', 'बाहुबली' के वॉइस आर्टिस्ट राजेश खट्टर ने किया ऐसा खुलासा
एसएस राजामौली की हिट फिल्म बाहुबली क्राउन ऑफ ब्लड डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। एक बार फिर ताज के लिए खून बहता देखा जाएगा। डिज्नी प्लस हॉटस्टार की एनिमेटेड सीरीज में रक्त देवता का किरदार भी है जिसे पॉपुलर एक्टर राजेश खट्टर ने आवाज दी है। उन्होंने इंडस्ट्री में वॉइस आर्टिस्ट और अपने काम को लेकर बात की।

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। बॉलीवुड में अभिनय के साथ हॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए डबिंग कर चुके राजेश खट्टर बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। अब उन्होंने हालिया प्रदर्शित एनिमेटेड वेब सीरीज ‘बाहुबली : क्राउन ऑफ ब्लड’ में रक्त देवता को आवाज दी है। उनसे बातचीत के अंश...
दो दशक के लंबे सफर में कौन से सपने पूरे हुए और कौन से अभी अधूरे हैं?
मैं अभिनय के लिए दिल्ली से मुंबई आया था। किस्मत अच्छी थी कि यहां काम मिलने लगा। फिर जैसा सबके साथ होता है, कभी काम मिलता है तो कभी काम नहीं मिलता। तब बहुत अलग-अलग काम किए। इस सफर में मेरे काफी सपने पूरे हो गए, पर आगे भी बहुत अलग-अलग किरदार करने हैं, जो चुनौतीपूर्ण हों और मजेदार भी। अब फोकस उसी पर है। मैं हास्य कलाकार, खलनायक या हीरो की किसी छवि में बंधा नहीं हूं। हर तरह का पात्र निभा सकता हूं।
आपने हॉलीवुड सिनेमा समेत कई फिल्मों में आवाज दी है। किसने आपके इस हुनर को पहचाना था?
डबिंग डायरेक्टर लीला घोष वह पहली शख्स थीं, जिन्होंने मेरी आवाज को अपने अंदाज में सुना। मैं अपने काम के लिए ही रिकार्डिंग कर रहा था। जैसे ही मैं बाहर आया तो निर्देशक ने मुझे उनसे मिलवाया। उन्होंने पूछा कि क्या मैं दूसरों के लिए भी आवाज देना चाहता हूं? मैंने ऐसा पहले कभी नहीं किया था मगर वहां से इसकी शुरुआत हुई। इसके बाद मैंने कुछ पात्रों को आवाज दी, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। मुझे भी इस काम में मजा आने लगा। अब तक 400 से ज्यादा फिल्मों को आवाज दे चुका हूं। कभी-कभी लगता है कि यदि हमारे यहां रॉयल्टी का चलन होता, तो शायद मेरी सात पुश्तों को कमाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
डबिंग आर्टिस्ट को उनका हक नहीं मिलता?
यह सच है। हालांकि स्थिति पहले से बेहतर है। आज लोग मुझे जानते हैं, पहचानते हैं। मेरा एक अलग प्रशंसक वर्ग है। बेशक चीजें बहुत बदल गई हैं। 15 वर्ष पहले कोई नहीं जानता था कि किसने किसको आवाज दी है। अब क्रेडिट में नाम देना शुरू कर दिया गया है। पहले तो अगर आप किसी मुख्य पात्र को आवाज दे रहे होते थे, तो उसे छिपाया जाता था क्योंकि यह नायक या नायिका के लिए खराब होता था। अगर आप देखें तो सच ये है कि जान अब्राहम, रानी मुखर्जी, कट्रीना कैफ के करियर की शुरुआत उनकी आवाज से नहीं हुई थी।
रक्त देवता की आवाज बनने का आपका अनुभव कैसा रहा?
आपको एसएस राजामौली सर से कोई प्रोजेक्ट मिलता है, तो आप पहले हां कहते हैं, फिर पूछते हैं कि आपका काम क्या है क्योंकि उनका नाम अपने आप में इतना बड़ा है। मैं उनके काम का बड़ा प्रशंसक हूं। जब रक्त देवता का पात्र मुझे बताया गया तो न करने का प्रश्न ही नहीं उठता था। वह बहुत शक्तिशाली खलनायक है। बाकी अन्य चरित्र स्थापित हैं जबकि यह एक नया चरित्र है इसलिए जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
जब आपके बेटे ईशान खट्टर इंडस्ट्री में आए तो उनके करियर को लेकर आपके क्या विचार थे?
मुझे लगता है कि वह सही दिशा में जा रहे हैं। पहले मैंने उन्हें कुछ विकल्प दिए थे मगर उन्होंने नहीं किया। बाद में लगा कि उनका निर्णय सही था। उनकी पसंद बहुत अच्छी है। मैं उनके काम से खुश हूं। उनका व्यक्तित्व बहुत मजबूत है क्योंकि वह आस-पास की गतिविधियों से प्रभावित नहीं होते हैं। यह एक असुरक्षित उद्योग है, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं बेटे को अपनी जगह पर बहुत सुरक्षित पाता हूं और यह एक ऐसी चीज है, जिसकी मैं वास्तव में प्रशंसा करता हूं।
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