मौत से एक दिन पहले यूं गुजरी थी ओम पुरी की शाम, ठीक नहीं था सब कुछ!
ख़ालिद कहते हैं कि वहां उनका नंदिता से काफी बहस हुई। वो अपने बेटे ईशांत से मिलने गए थे। नीचे उतरकर उन्होंने ईशांत को फोन किया, लेकिन वो किसी पार्टी में था।
मुंबई। ओम पुरी के निधन से सारा फ़िल्म जगत सदमे में है। दुख इस बात का भी है कि वो अचानक चले गए। ओम पुरी 'रामभजन ज़िंदाबाद' नाम की फ़िल्म में काम कर रहे थे, जिसके निर्माता ख़ालिद किदवई गुरुवार को उनके साथ थे। ख़ालिद ने ओम पुरी के साथ बिताई आख़िरी शाम के बारे में बताया।
ख़ालिद बताते हैं कि कल (गुरुवार) उनका इंटरव्यू था, लेकिन बीच में ही उन्होंने मना कर दिया। शाम को फ़ोन कर उन्हें घर बुलाया था। ख़ालिद ने आगे कहा- "मैं कल शाम को साढ़े 5 बजे ओम पुरी के घर गया था। वहां उनका एक इंटरव्यू चल रहा था। इंटरव्यू ख़त्म होने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि एक समारोह में जाना है। उन्होंने साथ चलने को कहा। जब मैंने असमर्थता जताई तो गाड़ी से उन्हें छोड़ने को कहा। वहां से वो पहले 'त्रिशूल' (बिल्डिंग का नाम) अपने घर गए, जहां नंदिता रहती हैं।
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ख़ालिद कहते हैं कि वहां उनकी नंदिता से काफी बहस हुई। वो अपने बेटे ईशान से मिलने गए थे। नीचे उतरकर उन्होंने ईशान को फोन किया, लेकिन वो किसी पार्टी में था। फिर वो गाडी में ही उसका वेट करने लगे। इस बीच उन्होंने ड्रिंक भी लिया वो मुझे लेकर मनोज पाहवा के घर भी गए थे। वहां भी उनकी किसी से पैसों को लेकर फोन पर बहस हुई।
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ख़ालिद कहते हैं- ''मैं बाहर था। बहस किससे हो रही मुझे नहीं पता। वो बाहर आये तो काफी भावुक थे। फिर मैंने उन्हें घर छोड़ा रास्ते में ही मैंने देखा तो उनका पर्स मेरी कार में गिर गया था। देर रात होने वजह से मैंने पर्स के लिए सुबह उनके ड्राइवर मिश्रा को फोन किया तो उन्होंने बताया कि वो दरवाज़ा नहीं खोल रहे हैं।''