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    'देश में किस तरह की चीजें...' The Delhi Files में दिखाया जाएगा CAA-NRC का मुद्दा? Pallavi Joshi ने किया खुलासा

    द दिल्ली फाइल्स (The Delhi Files) का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ। इसके बाद से ही सिनेमा लवर्स जानना चाहते हैं कि इस फिल्म में किस मुद्दे से जुड़े इतिहास को दिखाया जाएगा। फिल्म में बतौर निर्माता और एक्ट्रेस काम करने वाली पल्लवी जोशी ने इसके बारे में खुलकर बातचीत की है। आइए जानते हैं कि इस फिल्म के बारे में उनका क्या कहना है।

    By Deepesh pandey Edited By: Sahil Ohlyan Updated: Sun, 09 Feb 2025 12:55 PM (IST)
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    पल्लवी जोशी ने द दिल्ली फाइल्स की कहानी के बारे में बात की (Photo Credit- IMDB)

    दीपेश पांडेय, मुंबई। फिल्मों को मनोरंजन से ज्यादा समाजसेवा का तरीका मानती हैं पल्लवी जोशी। ‘द दिल्ली फाइल्स’ का निर्माण करने के साथ-साथ वह उसमें अभिनय करती नजर आएंगी। द कश्मीर फाइल्स के बाद अब उनकी अपकमिंग फिल्म को लेकर काफी बज बना हुआ है। आखिरकार अब पल्लवी ने खुद फिल्म की कहानी के बारे में जागरण को दिए इंटरव्यू में रोजक जानकारी दी है।

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    ‘द ताशकंद फाइल्स’, ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द वैक्सीन वार’ फिल्मों के बाद अभिनेत्री पल्लवी जोशी फिल्म द दिल्ली फाइल्स (The Delhi Files) में एक बार फिर अपने पति और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री के साथ काम कर रही हैं। तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता पल्लवी इस फिल्म से अभिनेत्री और प्रोड्यूसर दोनों भूमिकाओं में जुड़ी हैं। पल्लवी मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और बदलावों में भी सिनेमा की बड़ी भूमिका मानती हैं। वह कहती हैं, ‘फिल्मकारों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। कोई भी फिल्मकार या कलाकार इस पेशे में सिर्फ इसलिए नहीं होता है कि यहां आकर सिर्फ नाम और पैसे कमाए और सभी को अपने जूतों के नीचे रखे। आप यहां समाजसेवा के लिए भी हैं।

    कला एक जिम्मेदारी होती है

    जब कोई कलाकार पेंटिग बनाता है तो वह अपनी पेंटिंग से दुनिया को कुछ कहता है। हर कला आपको सोचने पर मजबूर कर सकती है वे थोड़ा विचलित कर सकती है। आजकल तो हमने फिल्मों को कला मानना ही बंद कर दिया है, हमने उन्हें बस मनोरंजन का माध्यम बना दिया है। मनोरंजन के तो तमाम साधन हैं, फिर कोई 400-500 रुपये का टिकट खरीदकर आपकी फिल्म देखने क्यों जाए? कला एक जिम्मेदारी होती है। मैं अपनी भूमिका से क्या कहना चाहती हूं, लोगों को क्या संदेश दे रही हूं? जब तक मैं इसके बारे में जिम्मेदारी से नहीं सोचूंगी, तब तक मैं स्वयं को कलाकार नहीं कह सकती हूं।’

    Photo Credit- Jagran

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    इसमें आया दोगुना मजा

    मसाला फिल्में ज्यादा बनने और सार्थक सिनेमा की कमी में पल्लवी स्टार सिस्टम की भी बड़ी भूमिका मानती हैं। उनका कहना है, ‘इन दिनों जो स्टार्स और कलाकारों के बीच में अंतर पर चर्चा होती है, वह इसी फर्क के साथ होती है। मैं यह नहीं कहती हूं कि स्टार होना आसान है, यह तो बहुत मुश्किल है। यहां स्टार की हर शुक्रवार को बोली लगती है। एक शुक्रवार को चलने के बाद अगर अगले शुक्रवार को उसकी दूसरी फिल्म नहीं चलती है तो उस स्टार की भी कीमत कम हो जाती है।’

    वहीं, इस फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ में अभिनेत्री और प्रोड्यूसर की अपनी दोहरी भूमिका को लेकर पल्लवी कहती हैं, ‘अब तो मुझे प्रोडक्शन में भी मजा आने लगा है। मुझे इस बात से खुशी होती है कि इस फिल्म को आगे ले जाने में मेरा भी कोई हाथ है। अभिनय मेरा पहला प्यार रहा है। अगर मुझे कोई फिल्म सिर्फ प्रोड्यूस करनी हो, उसमें अभिनय न करना हो तो मजा नहीं आएगा। हां, अगर बिना प्रोड्यूस किए अभिनय करना हो तो वो कर लूंगी, लेकिन जहां दोनों भूमिकाओं में जुड़ने का मौका मिलता है, वहां ज्यादा मजा आता है। इस फिल्म के लिए जब हमने रिसर्च की, उसे देखकर हमें समझ आया कि सारी चीजें एक फिल्म में नहीं दिखाई जा सकती हैं। फिल्म में वर्तमान और अतीत को जोड़ते हुए सत्य घटनाओं पर आधारित चीजें दिखाई जाएंगी। जिसकी शुरुआत स्वतंत्रता मिलने से पहले के दौर से लेकर होगी और ये तार वर्तमान दौर से भी जुड़ेंगे।’

    Photo Credit- Instagram

    हमने सिर्फ नजरिया दिया है

    फिल्म के लिए बनाए बंगाल के सेट पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में लिखे नारे भी दिखे। क्या वह भी फिल्म का हिस्सा होंगे? इस पर पल्लवी कहती हैं, ‘अगर आप बंगाल में जाएंगे, तो अभी भी वहां की दीवारों पर ऐसे नारे लिखे दिख जाएंगे। एक माहौल बनाया गया है, फिल्मों में हर चीज के बारे में सीधे बात करना जरूरी नहीं होता है। माहौल और परिस्थितियां भी बहुत कुछ कह जाती हैं। हमने इस फिल्म की सेटिंग इस तरह से की है और सीन इस तरह से लिया है कि सामने चल रहे टकराव के साथ पीछे वो नारे भी दिखते हैं। इससे पता चलता है कि देश में किस तरह की चीजें चल रही हैं। बाकी हमने सीएए और एनआरसी पर विशेष बात नहीं की है।’

    पल्लवी पिछले कुछ समय से अपने पति के निर्देशन में और अपने घरेलू प्रोडक्शन में ही फिल्में कर रही हैं। उससे अलग फिल्में करने पर पल्लवी कहती हैं, ‘अभी मैंने अनुपम जी (अभिनेता अनुपम खेर) की एक फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ की है। इसके अलावा भी एक-दो ऐसी फिल्मों को लेकर बातचीत चल रही है। देखते हैं जब तक कुछ दिलचस्प करने के लिए नहीं मिलता, तब तक मन नहीं करता है।’

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