'रैंप का नियम होता है...' मॉडल को हटाने पर हुई ट्रोलिंग को लेकर फाइनली Nushrratt Bharuccha ने तोड़ी चुप्पी
नुसरत भरूचा इन दिनों अपनी फिल्म छोरी 2 को लेकर चर्चा में हैं। टीवी से करियर शुरू करके उन्होंने बॉलीवुड तक का सफर तय किया। एक्ट्रेस ने कई महिला केंद्रित फिल्में की हैं जिनकी सफलता का पूरा भार उनके कंधों पर था। वहीं बीते दिनों कई वजहों से वो सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हो रही थीं। अब एक्ट्रेस ने इसका जवाब दिया है।
प्रियंका सिंह, मुंबई। ‘जनहित में जारी’,‘छोरी’, ‘अकेली’ जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाने के बाद नुसरत भरूचा ने फिल्म ‘छोरी 2’ में एक बार फिर फिल्म की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है। नुसरत ने अपनी फिल्मों के चयन, ट्रोलिंग समेत कई मुद्दों पर बात हमसे बात की, आइए जानते हैं बातचीत के कुछ अंश...
लगातार मुद्दों वाली फिल्में कर रही हैं, पूरी फिल्म का जिम्मा अपने कंधों पर लेकर चल रही हैं...
मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं कि पूरी फिल्म मेरे कंधों पर है। मैं पात्र के सफर के आगे सोच नहीं पाती, लेकिन जब ‘छोरी’ (2021) का ट्रेलर आया था, पहली बार मैं अपने आपको पूरे ट्रेलर में देखकर चौंक गई थी कि मैं ही दिख रही हूं। उससे पहले तो मैं हीरो वाली फिल्मों का हिस्सा बन रही थी। उसमें मेरे तीन शाट्स आ जाते थे, मैं उतने में ही खुश हो जाती थी। खैर, मैं बस काम करती हूं। जब मैं ‘जनहित में जारी’ फिल्म कर रही थी तो पहली बार फीमेल लीड वाली फिल्म में कॉमेडी कर रही थी। उस वक्त भी डरी हुई थी। आपको पता नहीं चलता है कि किसको क्या पसंद आ जाए।
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महिला प्रधान फिल्मों के लिए कह सकते हैं कि दौर अच्छा चल रहा है?
हां, इस दौर की ही प्रतीक्षा थी। हालांकि अपनी बात करूं तो मुझे अब कुछ फिल्मों को मना भी करना पड़ रहा है, क्योंकि मैंने एक के बाद एक चार महिला प्रधान फिल्में की हैं। मैं सामने से ही निर्माता-निर्देशकों को मना कर देती हूं कि एक बार जो कर लिया, वैसे ही काम में दर्शक दोबारा क्यों देखेंगे। अब नीरज पांडे के साथ मेरी अगली फिल्म भी महिला केंद्रित है। जब वह फिल्म आई तो मैंने उनसे भी कहा कि यह ऐसी चौथी-पांचवी फिल्म होगी। हालांकि वह महिलाओं से जुड़े ऐसे अपराध पर है, जिसके बारे में जानना जरूरी है।
शादी को लेकर दबाव होता है या करियर पर ध्यान देते की बातें होती हैं?
मेरी दादी कहती रही हैं कि तुम इकलौती हो, हममें से किसी को कुछ हो गया तो आगे-पीछे कौन है। शादी कर लो, पति-बच्चे होंगे, परिवार होगा, जो तुम्हें संभाल लेंगे। उन्हें डर यही है कि जब उम्र बढ़ेगी तो सपोर्ट सिस्टम क्या होगा, जो सही बात है। हालांकि मैंने सालों पहले कह दिया था कि अगर यह करियर नहीं होता तो मैं शादी कर लेती। शादी कर ली तो इस करियर में जो वक्त और मेहनत देनी है, नहीं दे पाऊंगी। मैं समझौता नहीं करना चाहती। अब मैं अपना घर खुद चला रही हूं, पैसे कमा रही हूं, परिवार का ध्यान रख रही हूं। अब कोई नहीं कहता कि शादी कब कर रही हो।
आप पिछले दिनों रैंप पर माडल को हटाने को लेकर ट्रोल हो गई थीं। आपने इसका जवाब क्यों नहीं दिया?
हर कोई मेरे बारे में सही नहीं सोचेगा। क्या मैं चंद लोगों की राय बदलने के लिए सफाई दूं। इतनी ऊर्जा कहां से लाऊं। रैंप का नियम यही है कि बीच का रास्ता खाली रखना होता है। मैंने वहां खड़ी लड़की को केवल छुआ था। वह स्टेज के बीच में खड़ी थी। वह माडल नहीं, डिजाइनर थी, जो अभी स्टूडेंट है। उसे भी रैंप वाक के बारे में पता नहीं था। मुझसे कहा गया था कि रैंप पर जाकर डिजाइनर को पास बुलाइएगा। वह खुद साइड में खड़ी थी। मैंने उसे रैंप के सेंटर में बुलाया। शो स्टापर तो बीच में ही खड़ा होता है।
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