Nargis Dutt Death Anniversary: नरगिस दत्त के इन किरदारों को दिमाग से निकालना नामुमकिन, इस फिल्म ने लिखा इतिहास
Nargis Dutt Death Anniversary अपनी सादगी से फैंस का दिल जीतने वालीं नरगिस दत्त ने 3 मई 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनकी 41वीं डेथ एनिवर्सरी पर जानिए उनके वो किरदार जो आज भी फैंस के जहन में बसे हुए है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Nargis dutt Death Anniversary: 50-60 के दशक में कई ऐसी अभिनेत्रियां आईं, जिन्होंने अपने अभिनय के साथ-साथ अपनी खूबसूरती से भी फैंस के दिलों पर राज किया। आज के समय में भी जब पुराने सिनेमा को याद किया जाता है, तो लोगों की जुबान पर इन अभिनेत्रियों का नाम आ जाता है।
इन्हीं दिग्गज एक्ट्रेसेज में शुमार है संजय दत्त की मां और हिंदी सिनेमा की खूबसूरत अभिनेत्री नरगिस दत्त का नाम। अपनी सादगी और अदायगी से उन्होंने हमेशा ऑडियंस के दिल में अपनी जगह बनाई है।कैंसर जैसी बीमारी से लंबे समय तक जूझने के बाद नरगिस दत्त ने 3 मई 1981 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
इस साल उनकी 41वीं डेथ एनिवर्सरी है।बाल कलाकार के तौर पर अपना करियर शुरू करने वालीं नरगिस दत्त ने वैसे तो अपने लंबे करियर में कई यादगार फिल्में की हैं, लेकिन उनके इन पावरफुल किरदारों को भुलाना नामुमकिन है। चलिए देखते हैं पूरी लिस्ट।
मदर इंडिया (Mother India)
साल 1957 में रिलीज हुई 'मदर इंडिया' नरगिस दत्त की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में एक्ट्रेस ने एक गांव की महिला का किरदार निभाया था, जो काफी गरीब है। फिल्म में उनके कैरेक्टर का नाम 'राधा' था। मदर इंडिया में अपने दो बच्चों का पालन पोषण करने के लिए एक सिंगल मदर के संघर्ष को बड़ी ही खूबसूरती से पर्दे पर उतारा गया।
आपको बता दें कि उस समय में जहां एक्ट्रेस मां का किरदार निभाने से बचती थीं, 28 साल की उम्र में नरगिस दत्त ने महबूब खान की फिल्म में इस रोल को स्वीकार किया।
उन्होंने सुनील दत्त और राजेन्द्र कुमार की मां का किरदार इस फिल्म में निभाया था। इस फिल्म से ही दोनों के प्यार की कहानी की शुरुआत हुई थी। मदर इंडिया में नरगिस के किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर की तरफ से बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
आवारा(Awaara)
नरगिस दत्ता और राज कपूर की जोड़ी जब-जब स्क्रीन पर आई, लोगों की आंखें खुली की खुली रह गई। दोनों ने साथ 1951 में रिलीज हुई फिल्म 'आवारा' में साथ काम किया। इस फिल्म की कहानी एक लड़के राज की है, जो काफी गरीब है और जिसे रीता(नरगिस)दत्त से प्यार हो जाता है।
1951 में रिलीज इस फिल्म को 1953 में कांस फिल्म फेस्टिवल में एंट्री मिली थी, जहां इसे ग्रैंड प्राइज ऑफ द फेस्टिवल के लिए नॉमिनेट किया गया था।
रात और दिन(Raat Aur Din)
सत्येन बोस के निर्देशन में बनी फिल्म रात और दिन नरगिस दत्त की पहली फिल्म थी, जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के तौर पर नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इस फिल्म में उन्होंने वरुणा का किरदार निभाया था, जोकि एक शादीशुदा महिला है, जिसे डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर है।
दिन में वह एक होममेकर है, जबकि रात को कोलकाता की सड़कों पर घूमते हुए वह खुद को पैगी बुलाती है। इस फिल्म में उनके अलावा प्रदीप कुमार और फिरोज खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
श्री-420 (Shree 420)
आवारा के बाद 1955 में एक बार फिर राज कपूर और नरगिस दत्त की जोड़ी फिल्म 'श्री-420' में नजर आई। इस फिल्म ने उस समय पर बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की। मूवी में नरगिस दत्त ने विद्या का किरदार निभाया था, जो काफी गरीब, लेकिन बेहद ही गुणी हैं।
उसके मन में राज कपूर के लिए सॉफ्ट कॉर्नर है। हालांकि, राज कपूर का किरदार ऐसा है, जो जल्द ही बेईमानी के रास्ते पर चल पड़ता है और एक ठग बन जाता है। उस समय पर इस फिल्म ने तीन करोड़ के आसपास का बिजनेस किया था।
अंदाज(Andaz)
महबूब खान ने नरगिस दत्त के करियर में काफी हिट फिल्में दी। उन्होंने 'मदर इंडिया' से पहले 1949 में नरगिस दत्त के साथ फिल्म 'अंदाज' में काम किया।
इस फिल्म में उस समय के सबसे मशहूर एक्टर्स राज कपूर, नरगिस दत्त और दिलीप कुमार पहली बार स्क्रीन पर साथ आए। फिल्म एक ट्रायंगल लव स्टोरी है, जिसमें नरगिस दत्त ने नीना का किरदार निभाया था।