Mungerilal Ke Haseen Sapne: 90s का सबसे पसंदीदा कॉमेडी सीरियल, प्रधान जी ने अपनी छोटी मूंछ से जीता था दिल
मुंगेरीलाल के हसीन सपने प्रकाश झा द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है जिसने कॉमेडी टीवी सीरियल की अलग ही कहानी लिखी। रघुबीर यादव द्वारा अभिनीत ये सीरियल मुंगेरीलाल के जीवन पर आधारित है। ये सीरियल सीधा दर्शकों के दिलों तक पहुंचा और 36 साल बाद भी इसका मुहावरा मुंगेरी लाल के हसीन सपने आज भी फेमस है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। एक समय था जब हमारे पास मनोरंजन के माध्यम के नाम पर सिर्फ रेडियो हुआ करता था। इसके बाद टेलीविजन आया और फिर सभी लोग सिर्फ दूरदर्शन देखते थे। 80 और 90 के दशक में इसी पर फिल्में देखी जाती थी और गाने सुने जाते थे। रामायण, महाभारत, वागले की दुनिया, मालगुड़ी डेज, लव कुश, शक्तिमान दूरदर्शन के कुछ फेमस शोज हैं जिन्हें भुलाना भी मुश्किल है। आज हम आपको दूरदर्शन के एक ऐसे ही पॉपुलर सीरियल के बारे में बताएंगे।
परिवार से साथ देख सकते हैं शो
हम बात कर रहे हैं 90 के दौर के उस कॉमेडी शो की जिसे लोग आज भी खूब पसंद करते हैं। तब उनमें कोई डबल मीनिंग बातें नहीं होती थी। आप परिवार के साथ बैठकर आराम से इसका आनंद ले सकते थे।
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अभी भी सीरियल की वही पॉपुलैरिटी
'सपनों के दाम नहीं, सपनों के नाम नहीं, सपनों के घोड़ों पर किसी की लगाम नहीं।” हम बात कर रहे हैं रघुबीर यादव की। साल 1989 में शुरू हुए दूरदर्शन नेटवर्क पर बेहद लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" के यादगार शुरुआती बोल, उस अद्भुत लेकिन सरल शो को बखूबी दर्शाते हैं।'मुंगेरीलाल के हसीन सपने' धारावाहिक काफी ज्यादा लोकप्रिय था। ये शो इतना पॉपुलर हुआ कि लोग आम बोलचाल में भी इसकी पॉपुलर लाइन 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने'का इस्तेमाल करने लगे।
सीरियल में थे 13 एपिसोड
निर्देशक प्रकाश झा ने इसे डायरेक्ट किया था और जाने माने लेखक मनोहर श्याम जोशी ने इसे लिखा था। इस सीरीज में 13 एपिसोड थे। इस सामाजिक व्यंग्य में अभिनेता रघुबीर यादव ने बिहार के मुंगेर जिले के एक साधारण मुंगेरीलाल की भूमिका निभाई थी। मंगेरीलाल को आदतन दिन में और वो भी अपनी पहुंचे से बहुत बड़े सपने देखने की आदत थी।
क्या थी मुंगेरीलाल की कहानी?
हर एपिसोड में, मुंगेरीलाल—जिसे उसके बॉस और परिवार के सदस्य बराबर परेशान करते हैं अपनी साधारण जिंदगी से निकलकर एक काल्पनिक वैकल्पिक दुनिया में चला जाता है जहां वह एक दिलों की धड़कन, एक हीरो, एक फ़िल्म स्टार, अपना बॉस और कभी-कभी तो खलनायक भी बन जाता है। इस समानांतर दुनिया में, उसकी सभी गहरी उम्मीदें और ख्वाहिशें उसकी हकीकत बन जाती हैं।
अपनी चार्ली चैपलिन और हिटलर जैसी मूंछें, टूटी हुई साइकिल और चमकती हुई आंखों से रघुवीर यादव ने ऑडियंस का दिल जीत लिया और स्टारडम की बुलंदियों को छुआ।
किससे प्रेरित थी मुंगेरी लाल की कहानी
मुंगेरीलाल का विचार वास्तव में अमेरिकी लेखक जेम्स थर्बर की प्रसिद्ध लघु कहानी द सीक्रेट लाइफ ऑफ वाल्टर मिट्टी से प्रेरित था, जो पहली बार 18 मार्च 1939 को द न्यू यॉर्कर में प्रकाशित हुई थी। इस कहानी को कई फीचर फिल्मों, ब्रॉडवे संगीत, रेडियो नाटकों और बेन स्टिलर द्वारा अभिनीत और निर्देशित साल 2013 की हॉलीवुड फिल्म में रूपांतरित किया गया है।
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