‘सुपरब्वायज आफ मालेगांव' और दहाड़ में नजर आ चुकी Manjiri Pupala जल्द लेकर आ रहीं अपना शो, धड़क 2 पर दिया अपडेट
‘सुपरब्वायज आफ मालेगांव’ में हाल ही में नजर आईं मंजिरी पुपाला इन दिनों काफी चर्चा में हैं। एक्ट्रेस दहाड़ और शहर लखोट’ जैसी फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी हैं। वहीं मंजिरी बहुत जल्द अपना एक शो भी लेकर आने वाली हैं। एक्ट्रेस को अमेजन सीरीज में कैसे रोल मिला और वो यहां तक कैसे पहुंची इस बारे में उन्होंने हमसे बात की।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। बीते दिनों फिल्म ‘सुपरब्वायज आफ मालेगांव’ में नजर आईं मंजिरी पुपाला इससे पहले वेब सीरीज ‘दहाड़’ और फिल्म ‘गैस लाइट’ में भी काम कर चुकी हैं। आगामी दिनों में फिल्म ‘धड़क 2’ में नजर आने वाली मंजिरी बताती हैं कि थिएटर से पहली नजर में हुए प्यार के बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की तैयारी कर ली थी...
अभिनय सफर की शुरुआत कैसे हुई?
जब मैं कालेज में थी तो मराठी इंडस्ट्री में अभिनेत्री वीणा जामकर मेरी सीनियर थीं। उनका विजय तेंदुलकर द्वारा निर्देशित नाटक देखा था। उनकी परफार्मेंस देख मुझे प्यार हो गया था। मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थी तो सोचा कि उसे किनारे रखकर इस विचार को तवज्जो दी जाए। मैंने सोचा एक बार कोशिश करूं कि इस क्षेत्र में कुछ कर सकूं। मैंने बहुत सारे कालेज के नाटकों में हिस्सा लिया, फिर मराठी नाटक ‘जारू बाई जोरात’ में काम किया। उसके बाद हिंदी थिएटर में काम किया।
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मुझे विजया मेहता, सुनील शानबाग, रजित कपूर, मानव कौल, जेमिनी पाठक के साथ नाटक करने का मौका मिला। मेरी ट्रेनिंग किसी नाटक स्कूल से नहीं हुई, मैंने लोगों को देख-देखकर ही सीखा है। इसके अलावा मेरे पिता फिल्म्स डिविजन में आर्ट डायरेक्टर थे। उन्हें नाटकों से बहुत लगाव था। तो मैं ऐसे माहौल में पली-बढ़ी हूं, जहां नाटकों को बहुत सराहा गया। यही वजह है कि मैंने इसे ग्लैमर के तौर पर नहीं देखा।
आपकी पहली स्टेज परफार्मेंस को लेकर आपके पिता की क्या प्रतिक्रिया थी?
मां कहती हैं कि जितने पैसे तुमने नाटक से कमाए नहीं होंगे, उतने पापा ने तुम्हारे शो के टिकट खरीदकर उड़ाए हैं। (ठहाका मारती हैं) जबकि नाटक में मेरी संक्षिप्त भूमिका थी। उस स्टेज पर 16 लोग थे। उनमें आठ लड़कियों में एक मैं थी। हालांकि मेरे पिता शुरुआत में नहीं चाहते थे कि मैं एक्टिंग में आऊं। उन्हें पता था कि यह क्षेत्र कितना चुनौतीपूर्ण है। उन्हें लगता था कि यह मेरे स्वभाव का नहीं है। मुझे कुछ और करना चाहिए। मैंने उन्हें बहुत मिन्नतों के बाद मनाया।
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‘सुपरब्वायज आफ मालेगांव’ से कैसे जुड़ीं?
मैंने एक वेब सीरीज ‘शहर लखोट’ की थी। उसकी शूटिंग खत्म ही हुई थी और मैं दोस्तों के साथ छुट्टी मनाने बेंगलुरू गई थी। तब मेरे पास मैसेज आया कि अमेजन स्टूडियो का प्रोजेक्ट है। आप आडिशन दो। फिल्म में मेरे पात्र का जो बस स्टैंड वाला सीन था, जिसमें वह निजी जिंदगी के बारे में बात करती है, वही मेरा आडिशन सीन था। इससे पहले रीमा कागती के साथ मैंने ‘दहाड़’ वेब सीरीज की थी। उसमें मेरा सिर्फ तीन दिन का काम था। तब वो मजाक में बोलती थीं कि ‘दहाड़’ में तीन दिन के काम में डेढ़ दिन तुम लाश बनी हुई थीं। सौभाग्यशाली रही कि रीमा ने कहा कि ‘दहाड़’ में जो लड़कियां थीं, उनका आडिशन किया जाए।
फिल्म ‘धड़क 2’ में आपको किस अंदाज में देखेंगे?
इसके लिए फिल्म का इंतजार करें। उसे शाजिया इकबाल ने निर्देशित किया है। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि इतनी बेहतरीन महिला निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। यह फिल्म ‘धड़क’ की ही थीम पर है, जिसमें मैं ऐसे समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रही हूं, जिसका फिल्मों में बहुत ज्यादा चित्रण नहीं हुआ है। बस इतना बता सकती हूं कि मेरा किरदार बहुत ही सकारात्मक और परतदार है।
आगे क्या कर रही हैं?
मैं अपना एक सोलो परफार्मेंस पीस निर्देशित कर रही हूं, सबसे खास बात यह है कि इसे मैंने खुद लिखा भी है। मैं तीन साल से इस पर काम कर रही हूं। मेरे शो का नाम ‘मंजिरी मैचिंग सेंटर’ है। यह वास्तव में मेरे नाम की कहानी है कि मेरा नाम मंजिरी क्यों पड़ा? साल 2013 में मेरे पिता का निधन हो गया था। इसमें मैंने मेरे और पिताजी के रिश्ते को एक्सप्लोर किया है। फिलहाल इसके रिहर्सल चल रहे हैं। अगले महीने इसे परफार्म करूंगी।
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