Kishore Kumar Birth Anniversary: कभी डायरेक्टर को काटा तो कभी घर से भगाया, किया वही जो दिल ने कहा
Kishore Kumar Birth Anniversary किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के ऐसे फनकार थे जिनके हुनर की कोई सीमा नहीं थी। उन्होंने गायकी के साथ अभिनय में भी अपनी चमक ब ...और पढ़ें
नई दिल्ली, जेएनएन। 4 अगस्त 1929 को जन्मे किशोर कुमार ने अपने गीतों से संगीत और सिनेमा को समृद्ध किया। उनके गीतों की तरह उनकी निजी जिंदगी भी दिलचस्प रही।
कहा जाता है कि किशोर कुमार कभी पैसों के लिए नहीं गाते थे। कई बार तो उन्हें ढेर सारे पैसे ऑफर हुए, लेकिन उनका गाने का मन नहीं था, इसलिए नहीं गाया। किशोर कुमार के अनगिनत किस्से हैं, जिनमें वे एक जिंदादिल इंसान नजर आते हैं।
किशोर दा ने डायरेक्टर को काट लिया
एक बार की बात है, डायरेक्टर-प्रोड्यूसर एचएस रवैल किशोर कुमार से मिलने पहुंचे। कुछ देर बातचीत करने के बाद जब वे जाने लगे तो किशोर कुमार ने उनके हाथ पर काट लिया। रवैल हक्के-बक्के रह गए।
उन्होंने काटने का कारण पूछा तो किशोर दा ने घर के बाहर लगे साइनबोर्ड की ओर इशारा करते हुए कहा, 'आपने बोर्ड नहीं देखा?' इसके बाद जब रवैल ने बोर्ड देखा तो उस पर 'बिवेयर ऑफ किशोर' (किशोर से सावधान) लिखा था।
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एक ही गाने में मेल और फीमेल वॉइस दी
साल 1962 में कालीदास द्वारा निर्देशित फिल्म 'हाफ टिकट' रिलीज हुई। इस फिल्म में किशोर कुमार ने 'आके सीधे लगी दिल पे जैसी' गाना गाया, जो खूब हिट भी रहा, लेकिन खास बात ये है कि किशोर ने इस गाने में मेल और फीमेल, दोनों की वॉइस दी।
दरअसल, पहले लता मंगेशकर गाने में फीमेल वॉइस देने वाली थीं, लेकिन वे नहीं दे सकीं। लिहाजा किशोर ने मेल वॉइस के साथ फीमेल वॉइस भी दे दी।
अपनी जड़ों से जुड़े रहे, हर स्टेज पर याद करते
किशोर कुमार जब भी स्टेज शो करते, सबसे पहले हाथ जोड़कर कहते,
मेरे दादा-दादियों, नाना-नानियों और भाई-बहनों, तुम सबको खंडवे वाले किशोर कुमार का राम-राम और नमस्कार।
दरअसल, किशोर कुमार मूलतः मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के थे। उनका अपने गृह जिले से यह लगाव निरंतर चलता रहा और वे हर स्टेज पर अपनी मिट्टी को जरूर याद करते।
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बड़े डायरेक्टर को घर से भगा दिया
बॉलीवुड के बड़े डायरेक्टर्स में से एक ऋषिकेश मुखर्जी को किशोर कुमार के घर के चौकीदार ने भगा दिया था। हुआ यूं कि किशोर कुमार ने एक बंगाली ऑर्गेनाइजर के लिए शो किया था, लेकिन उसने किशोर दा को पैसे नहीं दिए।
किशोर दा ने अपने वॉचमैन से कहा कि घर के आसपास कोई बंगाली बाबू दिखे तो भगा देना। तभी ऋषिकेश मुखर्जी एक फिल्म का ऑफर लेकर किशोर कुमार के पास आए, लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी भी बंगाली थे। चौकीदार ने उन्हें ऑर्गेनाइजर समझकर वहां से भगा दिया।
जब किशोर दा के गानों पर लगा बैन
देश में इमरजेंसी के दौरान 1975-76 में किशोर कुमार की आवाज को रेडियो पर बैन कर दिया था। दरअसल, किशोर दा को कांग्रेस ने गीत गाने के लिए कहा, लेकिन किशोर दा ने ऐसा करने से मना कर दिया।
इसके बाद गुस्साई कांग्रेस ने ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर कुमार के गानों पर बैन लगा दिया था। बैन लगाने वाले कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल की बाद में एक नक्सली हमले में मौत हो गई थी।

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