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    Deepika Padukone के 'स्पिरिट' विवाद पर Kajol का पक्ष, फिल्म निर्माताओं के लिए कही ऐसी बात

    इन दिनों Deepika Padukone संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म स्पिरिट छोड़ने के बाद चर्चा में हैं जिसने बॉलीवुड में काम के घंटों पर बहस छेड़ दी है। इस बीच Kajol ने मां बनने के बाद सेट पर लौटने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि निर्माताओं ने उनसे फिल्म सेट पर वापसी के बाद कैसे काम कराया था। जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh Updated: Sun, 15 Jun 2025 08:25 AM (IST)
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    Deepika की मेहनत पर Kajol का समर्थन (Photo Credit- Youtube)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री काजोल ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में काम के घंटों को लेकर चल रही चर्चा पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी 20 या 30 घंटे लगातार काम नहीं किया और हमेशा काम और निजी जिंदगी में संतुलन बनाए रखा। काजोल ने बताया कि उनके परिवार और फिल्म निर्माताओं ने इसमें उनकी बहुत मदद की। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।

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    काम और जिंदगी में संतुलन की बात

    काजोल ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि 1990 के दशक में जब उन्होंने अभिनय शुरू किया, तभी से उनके लिए काम और निजी जिंदगी में बैलेंस बनाना जरूरी था। उन्होंने बताया, "मैं उन कुछ अभिनेताओं में से थी, जो एक समय में सिर्फ एक फिल्म पर काम करते थे। मैं कभी चार फिल्में एक साथ नहीं करती थी। मैं एक फिल्म पूरी करती थी, फिर दूसरी शुरू करती थी। मैंने कभी 20 या 30 घंटे काम नहीं किया। मैं शुरू से साफ थी कि मैं एक निश्चित समय तक ही काम करूंगी। मेरी मां (तनुजा) ने भी इस मामले में मेरा बहुत साथ दिया।"

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    क्या है पूरा विवाद?

    हाल ही में दीपिका पादुकोण और डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'स्पिरिट' को लेकर खबरें आईं। कहा जा रहा है कि दीपिका ने 8 घंटे की शिफ्ट में काम करने की शर्त रखी थी, जिस पर सहमति न बनने के कारण उन्होंने फिल्म छोड़ दी। इस खबर ने इंडस्ट्री में काम के घंटों पर बहस छेड़ दी। काजोल ने इस पर कहा कि जब उनकी बेटी न्यासा (2003 में जन्मी) हुई थी, तब उन्होंने भी ऐसी ही बात की थी। उन्होंने बताया, "मुझे याद है, मैंने यह चर्चा की थी और ज्यादातर निर्माता इतने सहयोगी थे कि उन्होंने इस पर दो बार नहीं सोचा।"

    निर्माताओं ने किया था ऐसा बर्ताव

    काजोल ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब भी उनकी निजी जिंदगी में मुश्किलें आईं, फिल्म निर्माताओं ने उनकी स्थिति को समझा और जरूरत पड़ने पर उन्हें सेट से जल्दी जाने की इजाजत दी। उन्होंने दो फिल्मों का जिक्र किया था-

    'यू मी और हम' (2008): इस फिल्म की शूटिंग के दौरान काजोल के पिता अस्पताल में थे और उनकी बेटी न्यासा सिर्फ दो साल की थी। यह उनके लिए मुश्किल समय था। लेकिन फिल्म के निर्माता और उनके पति अजय देवगन ने सब कुछ मैनेज किया। काजोल ने बताया, "अजय ने यह सुनिश्चित किया कि मैं जल्दी घर जा सकूं ताकि मैं अस्पताल जा सकूं। इस तरह हमने काम और जिंदगी में संतुलन बनाया।"

    'फना' (2006): इस फिल्म की शूटिंग के दौरान भी काजोल की जरूरतों को बिना किसी दिक्कत के पूरा किया गया। उन्होंने कहा, "सबने मेरे शेड्यूल के हिसाब से काम किया। इसे कॉन्ट्रैक्ट में लिखने की जरूरत भी नहीं पड़ी। मेरे अनुभव बहुत अच्छे रहे हैं। ज्यादातर लोग समझते हैं और आपके हिसाब से काम करते हैं।"

    काजोल की अगली फिल्म 'मां'

    काजोल जल्द ही हॉरर-थ्रिलर फिल्म 'मां' में नजर आएंगी। यह फिल्म विशाल फुरिया ने डायरेक्ट की है, जिन्होंने 'लपछपी' और 'छोरी' जैसी फिल्में बनाई हैं। काजोल ने बताया कि इस फिल्म में काम करना उनके लिए खास अनुभव रहा है।

    काजोल की बातों से पता चलता है कि फिल्म इंडस्ट्री में अब काम के घंटों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। खासकर नई मां बनने वाली अभिनेत्रियों के लिए यह जरूरी है कि उनके काम और परिवार के बीच संतुलन बना रहे। काजोल और अजय जैसे सितारों का समर्थन इस बदलाव को और मजबूती दे रहा है।

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