Karishma Kapoor की Zubeidaa थी असल जीवन पर आधारित, पढ़िए विमान हादसे में जान गंवाने वाली जुबैदा बेगम की कहानी
फिल्म जुबैदा एक ऐसी महिला की सच्ची कहानी है जिसने सच्चे प्यार के लिए समाज के नियम तोड़े। अभिनेत्री जुबैदा बेगम की जिंदगी ग्लैमर और जुनून से भरी थी लेकिन सामाजिक बंधनों ने उसे अधूरा छोड़ा। उनकी कहानी का अंत 1952 में एक दुखद विमान हादसे में हुआ जिसमें वह और उनके पति मारे गए।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल की 2001 में रिलीज हुई फिल्म जुबैदा एक कालजयी क्लासिक है। यह फिल्म अभिनेत्री जुबैदा बेगम की सच्ची कहानी पर आधारित है, जिनकी जिंदगी प्यार, ग्लैमर और त्रासदी से भरी थी। आइए जानते हैं इस फिल्म और इसके पीछे की कहानी की पूरी डिटेल्स।
‘जुबैदा’ की कहानी और सच्चाई
2001 में रिलीज हुई जुबैदा ने अपनी भावनात्मक कहानी से दर्शकों का दिल जीत लिया था। इस फिल्म में करिश्मा कपूर, रेखा, मनोज बाजपेयी और सुरेखा सिकरी ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं थी। यह फिल्म पत्रकार और लेखक खालिद मोहम्मद की मां, अभिनेत्री जुबैदा बेगम की जिंदगी पर आधारित है।
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जुबैदा बेगम 1950 के दशक की मशहूर अभिनेत्री थीं, जिनका जीवन ग्लैमर, प्यार और दुखों से भरा था। उनकी जिंदगी का अंत 26 जनवरी 1952 को एक दुखद विमान हादसे में हुआ, जिसमें उनके पति, जोधपुर के महाराजा हनवंत सिंह भी मारे गए थे। इस हादसे ने उनकी कहानी को और रहस्यमयी बना दिया था।
फिल्म से खास कनेक्शन
जुबैदा का स्क्रीनप्ले खालिद मोहम्मद ने लिखा है, जो उनकी मां की जिंदगी को सिल्वर स्क्रीन पर लाए। फिल्म में जुबैदा की जिंदगी को एक मुस्लिम अभिनेत्री के रूप में दिखाया गया है, जो अपने सपनों और प्यार के लिए समाज के नियमों से टकराती है। वह एक सिख राजकुमार से शादी करती है और उसकी दूसरी पत्नी बनती है। लेकिन उनका वैवाहिक जीवन मुश्किलों से भरा होता है, और अंत में एक गलत फैसले की वजह से उनकी जिंदगी त्रासदी में बदल जाती है। फिल्म में प्यार, बलिदान और आजादी की चाह को खूबसूरती से दिखाया गया है।
करिश्मा कपूर को मिला था बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड
जुबैदा को नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट फीचर फिल्म इन हिंदी मिला था। करिश्मा कपूर को उनकी शानदार एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) अवॉर्ड से नवाजा गया था। यह फिल्म श्याम बेनेगल की ट्रायलॉजी (तीन फिल्मों की सीरीज) का हिस्सा है, जिसमें मम्मो (1994) और सरदारी बेगम (1996) शामिल हैं। फिल्म का म्यूजिक ए.आर. रहमान ने दिया था, जिसके गाने जैसे “धीरज रे” और “मेंहदी है रचने वाली” आज भी लोकप्रिय हैं। श्याम बेनेगल ने इस फिल्म में मुख्यधारा और समानांतर सिनेमा को बेहतरीन तरीके से मिलाया।
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जुबैदा बेगम की असल जिंदगी
जुबैदा बेगम एक महत्वाकांक्षी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अपने समय में कई फिल्मों में काम किया था। उनकी शादी जोधपुर के महाराजा हनवंत सिंह से हुई, लेकिन यह रिश्ता कई मुश्किलों से गुजरा। 26 जनवरी 1952 को एक विमान हादसे में उनकी और उनके पति की मौत ने उनकी कहानी को अधूरा छोड़ दिया। उनकी जिंदगी के कई सवाल आज भी अनसुलझे हैं, जिन्हें श्याम बेनेगल ने फिल्म में दिखाने की कोशिश की।
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