Kailash Kher: दिल्ली में खाए धक्के, मुंबई में मिली दुत्कार, कैलाश खेर ने यूं तय किया 'जंगल से जिंगल' तक का सफर
Kailash Kher Birthday सिंगर कैलाश खेर का संगीत से प्यार जगजाहिर है। उन्होंने इस प्यार के लिए खूब पापड़ भी बेले हैं। सिंगर ने अपनी जर्नी उत्तर प्रदेश से शुरू की। इसके बाद उत्तराखंड दिल्ली से मुंबई तक पहुंचे। जहां उनके सपनों को पंख मिल गए और उन्होंने ऐसी उड़ान भरी कि एक बाद एक लगातार कई सुपरहिट गाने दिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। Kailash Kher Birthday: कैलाश खेर अपनी अलग आवाज और बीट के लिए पहचाने जाते हैं। उनका सूफी अंदाज और दिल को छू लेने वाली खूबसूरत आवाज उन्हें सबसे अलग बनाती है। कैलाश खेर आज जिस मुकाम पर हैं, वहां, तक पहुंचने के लिए उन्होंने हर जतन किए है।
दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले और उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर मेरठ में पले बढ़े कैलाश खेर का संघर्ष छोटी उम्र में ही शुरू हो गया था। 14 साल की उम्र में खुद को पाने की तलाश में कैलाश खेर अपने घर से भाग गए। इसके बाद वो सीधा ऋषिकेश के पहाड़ों में पहुंचे और आश्रमों को अपना घर बना लिया।
जब कैलाश ने की अपनी जान लेने की कोशिश
कैलाश खेर के बेचैन मन को फिर भी राहत नहीं मिली और उनका स्ट्रगल इतना बढ़ गया कि उन्होंने आत्महत्या करने की सोची, लेकिन किस्मत में तो उनके दुनियाभर में नाम कमाना लिखा था। खुद की उलझनों से परेशान कैलाश खेर ने गंगा नदी में छलांग लगा दी। उन्हें ऐसा करते देख एक अंजान शख्स उनके पीछे नदी में कूद पड़ा। उसने कैलाश खेर को बाहर निकाला और ऐसा कदम उठाने के लिए एक जोरदार तमाचा लगाया।
बिना किसी ट्रेनिंग आवाज में है जादू
कैलाश खेर ने इस हादसे के बाद पूरे एक दिन खुद को कमरे में बंद रखा। फिर बाहर निकले और गंगा आरती का हिस्सा बनना शुरू कर दिया। कैलाश खेल म्यूजिक की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है, लेकिन बचपन से उन्हें गाने का शौक था। कैलास 4 साल की छोटी उम्र से गाना गाते थे। फिल्मी गानों से उनका कोई लेना-देना नहीं था, सिंगर राधा और कृष्ण से जुड़े गाने गाते थे।
ऋषिकेश के जंगलों में मिली राह
कैलाश खेर ऐसा ही ऋषिकेश के आश्रमों में भी करते थे। गंगा के घाट पर रोजाना गंगा आरती होती है। जब महंत आरती की तैयारी करते थे तब कैलाश अपनी मस्त आवाज में गाना गुनगुनाते थे, जिसे सुनकर वहां मौजूद साधु-संत भी झूमने को मजबूर हो जाते थे।
साधु ने दिखाया रास्ता
ऐसे ही एक दिन कैलाश की आवाज सुनकर एक महंत ने उन्हें अपने पास बुलाया और कहा कि तुम्हारी आवाज में जादू है, तुम इतने परेशान क्यों रहते हो। भोलेनाथ सब अच्छा करेंगे। कैलाश खेर को साधुओं को अपनी धुन पर झूमते हुए देखकर कॉन्फिडेंट आया और उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया।
दिल्ली में खाए धक्के
ऋषिकेश से निकलकर कैलाश खेल दिल्ली अपनी किस्मत आजमाने चले गए। जहां उन्होंने कुछ म्यूजिक टेक्नीशियन के साथ संपर्क किया। वो चाहते थे कि टेक्नीशियन उनके लिए म्यूजिक तैयार करें, लेकिन दोनों एक-दूसरे की बात नहीं समझ पाए और कैलाश को यहां भी निराशा ही हाथ लगी। दिल्ली में टिके रहने के लिए उन्होंने कई तरह के छोटे-मोटे काम किए। इस बीच धक्का खाते हुए उन्होंने एक्सपोर्ट का काम भी किया। कैलाश हैंडक्राफ्टेड सामान दिल्ली से जर्मनी भेजा करते थे।
मुंबई में बात बढ़ी आगे
दिल्ली के बाद कैलाश खेर ने मुंबई में किस्मत आजमाने का फैसला किया, लेकिन डगर यहां भी आसान नहीं थी। कैलाश ने मुंबई में खूब हाथ-पैरा मारा। जिसका उन्हें फल भी मिला और लोग कैलाश को जिंगल बनाने के लिए ऑफर देने लगे। आमदनी भी ठीक- ठाक होने लगी तो कैलाश ने पीजी छोड़कर किराए पर फ्लैट ले लिया।
जंगल से जिंगल तक का सफर
कैलाश खेर ने कई पॉपुलर ब्रांड के लिए जिंगल गाए, दिलचस्प बात तो ये थी कि शुरुआत में उन्हें जिंगल का मतलब भी नहीं पता था। कैलाश खेर कुछ इस तरह ऋषिकेश के जंगलों से निकलकर जिंगल मास्टर बनने तक का सफर तय किया।
कैसे मिला पहला गाना
कैलाश खेर के जिंगल मशहूर म्यूजिक कंपोजर विशाल- शेखर की जोड़ी तक पहुंची। हालांकि, उस वक्त वो भी स्ट्रगल कर रहे थे। दोनों ने सिर्फ एक फिल्म प्यार में कभी-कभी के लिए गाना तैयार किया था। इसके बाद विशाल-शेखर वैसा भी होता है कभी 2 के लिए म्यूजिक तैयार कर रहे थे। विशाल- शेखर गाना अल्लाह के बंदे के लिए सिंगर ढूंढ रहे थे और उनकी तलाश कैलाश खेर पर जाकर खत्म हुई।
दुत्कारने वालों ने फोनकर बुलाया वापिस
विशाल ने कैलाश खेर को फोन किया और उनके साथ मीटिंग फिक्स की। इसके बाद कैलाश खेर ने अपनी आवाज का ऐसा जादू चलाया कि उनका पहला ब्रेक ही सबसे बड़ा ब्रेक बन गया। अल्लाह के बंदे कंपोज होने के एक साल बाद रिलीज हुआ, लेकिन गाने ने आते ही तहलता मचा। मुंबई में जिन लोगों ने कैलाश खेर को उनकी आवाज के दुतकारा था वही लोग कैलाश को फोन करके साथ काम करने का ऑफर देने लगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।