बेटे के सुसाइड के बाद तबाह हो गए थे कबीर बेदी, हाथ से फिसला काम, बोले- 'सड़कों पर आ...'
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता कबीर बेदी (Kabir Bedi) के लिए 90 दशक का दौर बहुत कठिन रहा है। उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ बेदी को हमेशा के लिए खो दिया था और इसने उन्हें इमोशनली नहीं बल्कि फाइनेंशली भी तोड़ दिया था। हाल ही में कबीर ने उस फेज के बारे में बात की है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कबीर बेदी (Kabir Bedi) ने एक हालिया इंटरव्यू में अपने उस बुरे फेज के बारे में बात की है, जब वह पर्सनली और प्रोफेशनली दोनों तरफ से बुरी तरह टूट गए थे। उनके बेटे सिद्धार्थ बेदी (Siddharth Bedi) ने मात्र 26 साल की उम्र में सुसाइड कर लिया था और इस चीज ने उन्हें अंदर से हिलाकर रख दिया था। अब उन्होंने उस फेज के बारे में बात की है।
बात 1997 की है, जब कबीर बेदी और उनकी पहली पत्नी प्रतीमा के बेटे सिद्धार्थ बेदी में आत्महत्या कर ली थी। वह लंबे समय से स्किजोफ्रेनिया (मानसिक बीमारी) से जूझ रहे थे। बेटे के निधन के बाद कबीर बेदी पर बहुत असर पड़ा था और इसने उन्हें तबाह कर दिया था।
बेटे की मौत पर कबीर बेदी का छलका दर्द
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कबीर बेदी ने उस फेज के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं तबाह हो गया था। सिर्फ फाइनेंशली नहीं बल्कि इमोशनली भी क्योंकि यह उस समय आया जब मेरे सारे फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट्स मेरे खिलाफ हो गए थे। जब मैंने लाभ उठाया, तो सब खत्म हो गया।"
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कबीर बेदी के हाथ से चले गए थे अवसर
कबीर बेदी ने आगे कहा, "उस समय मेरे बेटे का भी निधन हो गया, इसलिए 1990 के दशक के आखिर में यह इतना कठिन दौर था कि मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं। मैं ऑडिशन के लिए जाता था और समझ नहीं पाता था कि मैं क्या कह रहा हूं। मैंने काम, अवसर खो दिए और स्थिति बस बदतर होती चली गई।"
फाइनेंशली वीक हो गए थे कबीर बेदी
एक फेज के बाद कबीर बेदी को एहसास हुआ कि उन्हें अब अपने ट्रैक पर लौटना चाहिए। इस बारे में उन्होंने कहा, "मैंने सोचा कि अब मुझे कुछ करना पड़ेगा, क्योंकि ऐसा ही चलता रहा तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा, सड़कों पर आ जाऊंगा मैं।" इसके बाद अभिनेता ने फिर से फिल्मों में अपना करियर शुरू किया। मालूम हो कि कबीर बेदी ने हिंदी सिनेमा के अलावा हॉलीवुड, ब्रिटिश सिनेमा और कई यूरोपियन देशों में भी काम किया है।
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