'शोले महान फिल्म नहीं थी', सवाल पर Javed Akhtar का जवाब, धर्मेंद्र और अमिताभ की मूवी की बताई खासियत
मशहूर फिल्म शोले के 50 साल पूरे होने पर फिल्म फिर से चर्चा में है। जावेद अख्तर ने हाल ही में कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि शोले एक महान फिल्म नहीं है हालांकि फिल्म के डायलॉग और किरदार आज भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म के छोटे किरदार भी आज तक स्टैंड-अप कॉमेडी और दूसरी फिल्मों में इस्तेमाल होते हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा की हिट और आइकॉनिक फिल्म का जिक्र होता है, तो सबसे पहले जुबां पर शोले का नाम आता है। 15 अगस्त पर फिल्म के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा। इस वजह से एक बार फिर इस मूवी की चर्चा बॉलीवुड के गलियारों में शुरू हो गई है। शोले के हर किरदार को लोगों ने पसंद किया है। इसमें काम करने वाले सितारों की पॉपुलैरिटी में भी तगड़ा इजाफा हुआ। खासकर लोग फिल्म के दमदार डायलॉग की तारीफ करते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा लोगों का यह भी मानना है कि शोले महान फिल्म नहीं थी।
जावेद अख्तर और सलीम खान की जोड़ी ने शोले की कहानी लिखी है। इसमें बेहतरीन डायलॉग शामिल करने का श्रेय भी दोनों को जाता है। दिग्गज लेखक जावेद ने अब शोले पर उठाए जाने वाले सवालों पर बात की है। आमतौर पर वह अपने बयानों और अनुभव से बात करने के लहजे को लेकर चर्चा में रहते हैं। आइए जानते हैं कि अब उन्होंने शोले के बारे में क्या कुछ कहा है?
शोले फिल्म पर क्या बोल गए जावेद अख्तर?
जावेद अख्तर ने स्क्रीन को दिए इंटरव्यू में बताया कि कुछ लोगों का मानना है कि शोले एक अच्छी फिल्म नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 5 दशक के बाद भी शोले के डायलॉग और किरदारों का इस्तेमाल स्टैंड-अप कॉमेडी या दूसरी फिल्मों के संवाद में किया जाता है।
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Photo Credit- IMDb
शोले का नाम उन चुनिंदा फिल्मों की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इसके छोटे किरदारों को भी कालजयी माना जाता है। इस बारे में जावेद ने बात करते हुए कहा, काश मुझे भी पता होगा की ऐसा कैसे हुआ। अगर आपको इस बारे में पता चले, तो मुझे फोन करके जरूर बताना। दरअसल, मैं भी इसे दोबारा करना चाहूंगा।
शोले क्या महान फिल्म नहीं थी?
उन्होंने अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहा, 'मैंने यूट्यूब पर चर्चा सुनी है कि लोग कहते हैं कि शोले कोई महान फिल्म नहीं है। संभावना है कि ऐसा न हो और मुझे यह भी नहीं पता है कि एक महान फिल्म की परिभाषा क्या होती है।
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जावेद ने छोटे किरदारों के बारे में बात करते हुए आगे कहा, 'सच तो यह है कि आज भी शोले के एक छोटे सा किरदार, जिसने महज तीन शब्द बोले हो या जो बस खड़ा रहा हो। उनका इस्तेमाल स्टैंड-अप कॉमेडी में किया जाता है। इतना ही नहीं, दूसरी फिल्मों के संवादों में भी उसका जिक्र किया जाता है। शोले की पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा है कि राजनीतिक भाषणों में भी नेता शोले के डायलॉग का जिक्र करते हैं।'
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