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'शोले' में सिर्फ 3 शब्द बोलकर छा गया था 'सांभा', 'गब्बर सिंह' की वजह से लिखा गया ये किरदार

रमेश सिप्पी की फिल्म शोले (Sholay) हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की आइकोनिक फिल्मों की लिस्ट में शामिल है। दौर कोई भी हो ये फिल्म अपनी छाप हर बार छोड़ देती है। शोले में शामिल हर एक किरदार एक अलग कहानी एक अलग अंदाज लिए हुए है। सिर्फ हीरो जय- वीरू ही नहीं बल्कि विलेन गब्बर सिंह (Gabbar Singh) भी कम नहीं था। 

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Published: Thu, 14 Mar 2024 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2024 04:46 PM (IST)
'शोले' में सिर्फ 3 शब्द बोलकर छा गया था 'सांभा', (X Image)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड की आइकोनिक फिल्म 'शोले' के किस्से खूब मशहूर हुए। जय- वीरू की दोस्ती से लेकर बसंती के नखरों, तक फिल्म का हर किरदार अमर बन गया। 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई इस फिल्म ने प्रोड्यूसर की जेब भर दी। वहीं, 'शोले' में शामिल सभी अभिनेताओं को दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की दी।

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'शोले' में जितना मजबूत इसका हीरो था, उतना ही दमदार फिल्म का विलेन भी था। 'गब्बर सिंह' ने जय- वीरू को घूम धूल चटाई।

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सिर्फ एक डायलॉग से खींचा ध्यान

'शोले' में जितना शानदार 'गब्बर सिंह' का किरदार था, उतनी ही छाप 'गब्बर सिंह' के साथी डाकुओं ने भी छोड़ी। 'शोले' का ऐसा ही एक किरदार था 'सांभा' का। हाथ में दो नली लिए पहाड़ी पर बैठे इस किरदार ने हर किसी का ध्यान खींचा। फिल्म में 'सांभा' को सिर्फ एक डायलॉग दिया गया, लेकिन लोकप्रियता बाकियों जितनी ही मिली।

जब 'शोले' की जरूरत बना 'सांभा'

'शोले' को लेकर कई किस्से मशहूर है, लेकिन ये बात कम लोग जानते हैं कि फिल्म में 'सांभा' का कोई किरदार था ही नहीं। फिल्म के लेखक ने बाद में इस किरदार को फिल्म के लिए अलग से लिखा गया था, क्योंकि ये जरूरत बन गया था।

जावेद अख्तर ने खोला राज

'शोले' की कहानी सलीम- जावेद की जोड़ी ने लिखी था। जावेद अख्तर ने एक बार फिल्म में 'सांभा' को शामिल करने के किस्से के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि जब 'शोले' रिलीज हुई, तो कई लोगों ने उनसे फिल्म की तारीफ की। डायलॉग को लेकर भी खूब वाहवाही। यहां तक कि कुछ लोगों ने जावेद साहब के सामने 'सांभा' की भी तारीफ की।

ऐसा होता, तो 'छिछोरा' लगता 'गब्बर सिंह'

'शोले' में 'सांभा' का किरदार शामिल करने के पीछे की वजह 'गब्बर सिंह' का रुतबा था। जावेद अख्तर ने बताया कि फिल्म में 'गब्बर सिंह' एक खतरनाक डाकू था। ऐसे में उसका महिमामंडन भी करना था। अब अगर 'गब्बर सिंह' खुद ये बात बताता कि सरकार ने उस पर 50 हजार का इनाम रखा है, तो बड़ा 'छिछोरा' लगता।

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'सांभा' के लिए लिखा गया किरदार

जावेद अख्तर ने आगे बताया कि इस स्थिति में उन्होंने 'शोले' के लिए एक नया किरदार लिखा 'सांभा' का। फिल्म में 'सांभा' को बोलने के लिए सिर्फ तीन शब्द दिए गए। शोल में जब 'गब्बर सिंह' अपना रुतबा बताने के लिए पूछता है कि सरकार ने हम पर कितना इनाम रखा है, तो इस पर 'सांभा' बोलता है- पूरे 50 हजार। पूरी फिल्म में 'सांभा' को बोलने के लिए सिर्फ एक डायलॉग दिया गया। फिर भी इस ये कैरेक्टर यादगार बन गया।


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