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First Horror Movie: बॉलीवुड की पहली हॉरर फिल्म, नाम सुनते ही खिसक जाएगी पैरों तले जमीन

First Horror Movie हिंदी सिनेमा में हॉरर फिल्मों का क्रेज अलग ही है। 1920 से लेकर राज वीराना-दहशत और बंद दरवाजा जैसी कई डरावनी फिल्में बॉलीवुड में अब तक बन चुकी हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 40 दशक में ही हॉरर फिल्मों का चलन शुरू हो गया था। कौन सी थी पहली हॉरर फिल्म और कौन से निर्देशक ने चलाई थी हॉरर फिल्मों की हवा चलिए जानते हैं।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Published: Thu, 01 Feb 2024 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2024 05:54 PM (IST)
बॉलीवुड में कौन सी थी पहली हॉरर फिल्म / फोटो- Dainik Jagran Graphic

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। First Horror Movie In Bollywood: हॉरर फिल्में देखकर दर्शकों के मन में अक्सर दहशत पैदा हो जाती है। बॉलीवुड में वीराना से लेकर बंद दरवाजा जैसी फिल्मों ने 70 और 80 के दशक में लोगों को काफी डराया है। 

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डरावनी फिल्मों का दौर कभी भी खत्म नहीं हुआ और आज के समय में भी हिंदी सिनेमा में 1920, रागिनी एम एम एस, राज और परी जैसी कई हॉरर फिल्में बनी हैं।लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों का क्रेज कोई नयी बात नहीं है। 70 और 80 के दशक से बहुत पहले ही हिंदी सिनेमा में हॉरर फिल्मों का चलन शुरू हो गया था।

क्या आपको पता है कि बॉलीवुड में पहली हॉरर फिल्म कब रिलीज हुई थी, अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं कि हिंदी भाषा में बनने वाली पहली हॉरर फिल्म कौन सी थी, कौन सा डायरेक्टर हॉरर फिल्मों का क्रेज बॉलीवुड में लेकर आया था।

40 के दशक में हिंदी सिनेमा में रिलीज हुई थी पहली हॉरर फिल्म

बॉलीवुड में हॉरर फिल्म बनाने का दौर 40 के दशक में ही शुरू हो गया था। 'राजा हरिश्चंद्र' जहां इंडियन सिनेमा की पहली फिल्म थी, तो वहीं 'महल' बॉलीवुड में बनने वाली पहली हॉरर फिल्म थी। 'महल' फिल्म 1949 में रिलीज हुई थी, जिसमें अशोक कुमार और मधुबाला ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म के निर्देशन की कमान हिंदी सिनेमा के दिग्गज निर्देशक-निर्माता कमाल अमरोही ने संभाली थी।

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40 के दशक में रिलीज हुई इस फिल्म की कहानी अशोक कुमार के किरदार के इर्द-गिर्द घूमती हैं, जो एक बहुत पुरानी हवेली में रहते हैं और उनकी मुलाकात एक रहस्यमयी महिला (मधुबाला) से होती है,जो खुद को उनके पूर्व जन्म की प्रेमिका बताती हैं और ऐसे ही फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 के दशक में इस हॉरर फिल्म को दर्शकों की काफी प्रशंसा मिली थी और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने उस समय में 1.45 करोड़ का बिजनेस किया था।

'दो गज जमीन के नीचे' देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

1949 में रिलीज हुई फिल्म 'महल' के बाद हॉरर फिल्मों का चलन तो बॉलीवुड में शुरू हुआ, लेकिन कोई भी फिल्म अशोक कुमार और मधुबाला की मूवी की तरह अपनी छाप नहीं छोड़ पाई। हालांकि, 30 दिसम्बर साल 1972 में एक फिल्म रिलीज हुई, जिसने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए।

ये फिल्म थी रामसे ब्रदर्स की 'दो गज जमीन के नीचे', जिसमें अभिनेता सुरेंद्र कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म का निर्देशन तुलसी रामसे ने किया था। इस फिल्म में सत्येन कप्पू से लेकर धूमल और हेलन और इम्तियाज खान जैसे कई सितारों ने मुख्य भूमिका निभाई थी। रामसे ब्रदर्स की ये फिल्म काफी हॉरर थी।

बॉलीवुड में ये निर्देशक लेकर आया था हॉरर फिल्मों का दौर

रामसे ब्रदर्स को हिंदी सिनेमा में हॉरर फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने वीरा, दरवाजा, अंधेरा, और कौन और बंद दरवाजा जैसी 70 से 90 के दशक में हॉरर फिल्में दी। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हिंदी फिल्मों में हॉरर फिल्मों का दौर लाने वाले निर्देशक-निर्माता रामसे ब्रदर्स नहीं, बल्कि कमाल अमरोही थी, जिन्होंने पहली हिंदी हॉरर फिल्म का निर्देशन किया था और बॉलीवुड को डरावनी फिल्मों के जरिये एक और जॉर्नर की तरफ बढ़ाया था।

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