IFFI 2024: 'रुक जाएंगे देश के झगड़े,' Bandit Queen डायरेक्टर शेखर कपूर ने बड़े मंच पर दे डाला बड़ा बयान
55th IFFI इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल महोत्सव ऑफ इंडिया के 55वें संस्करण का आगाज 20 नवंबर यानी कल से गोवा में हो गया है। इस खास कार्यक्रम में हिंदी सिनेमा के तमाम दिग्गज भी शामिल रहे। इस दौरान बैडिंट क्वीन फिल्म के निर्देशक शेखर कपूर (Shekhar Kapur) ने मौजूदा समय में दुनियाभर में युद्ध जैसे हालातों को लेकर खुलकर बात की है और बड़ा बयान दे डाला है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे संघर्षों के बीच 'मासूम', 'मिस्टर इंडिया' और 'बैंडिट क्वीन' जैसी हिंदी फिल्मों के लिए मशहूर फिल्ममेकर शेखर कपूर का कहना है कि अगर देश एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाना शुरू कर दें, तो उनके बीच झगड़े रुक सकते हैं। गोवा में शुरू हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल महोत्सव के 55वें संस्करण (55th IFFI) में निर्देशक कपूर ने शिरकत की है और बड़ी बात कह डाली है।
शेखर कपूर ने दिया बड़ा बयान
इफ्फी के उद्घाटन के दौरान 78 वर्षीय डायरेक्टर शेखर कपूर ने कुछ ऐसा कह दिया है, जो अब चर्चा का विषय बन सकता है। आइए एक नजर उनके बयान पर डालते हैं। शेखर ने कहा है-
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इस ध्रुवीकृत दुनिया में, देशों के भीतर, समुदायों के भीतर, एक-दूसरे से बात करने का एकमात्र तरीका एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाना है। डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित औपचारिक समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि कहानियां वह होती हैं, जिससे हम संबंधित होते हैं, कहानियां वह होती हैं, जिससे हम एक-दूसरे को समझते हैं और यही चलता रहना चाहिए।
फोटो क्रेडिट- IFFI 2024
भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा कंटेंट निर्माता है और हम दुनिया में सबसे बड़े कंटेंट उपभोक्ता हैं।इसलिए, इस महोत्सव के लिए, मैंने सभी से जश्न मनाने की अपील की, न केवल फिल्म निर्माताओं से बल्कि दर्शकों से भी। आइए दर्शकों का जश्न मनाएं। आइए अपनी कहानियां सुनाएं। हर जगह लड़ाई-झगड़े, मिसाइलें, इसे रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि हम में से हर कोई एक साथ आए और अपनी कहानियां सुनाए और यही सबसे महत्वपूर्ण काम है।
अवॉर्ड्स को लेकर शेखर कपूर की राय
ऑस्कर नामांकित पीरियड ड्रामा एलिजाबेथ, द फोर फेदर्स और एलिजाबेथ : द गोल्डन एज के साथ हालीवुड में सफलतापूर्वक कदम रखने वाले कपूर ने कहा कि फिल्म महोत्सव केवल पुरस्कार जीतने के बारे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे अच्छा महोत्सव आयोजित करना काम होना चाहिए, पुरस्कार जीतना नहीं। साथ ही कहा कि महोत्सव का अर्थ एक साथ आना और अपनी कहानियां सुनाना है, ताकि हम एक-दूसरे को समझ सकें।
फिल्म फेस्टिवल उद्घाटन समारोह में लगा सितारों का मेला
इफ्फी के उद्घाटन समारोह का संचालन अभिनेत्री भूमि पेडणेकर और अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने किया। समारोह के दौरान भारतीय सिनेमा की प्रख्यात हस्तियों राज कपूर, मोहम्मद रफी, तपन सिन्हा और अक्किनेनी नागेश्वर राव को श्रद्धांजलि दी गई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, शेखर कपूर की मौजूदगी में मंच पर चारों महान हस्तियों के परिवारों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
A glamorous evening marked the Opening Ceremony of the 55th International Film Festival of India, where prominent names in cinema united to celebrate the art of storytelling. #55IFFI #TheFutureIsNow #accessibleiffi2024 pic.twitter.com/7QbKiCTKx1
— International Film Festival of India (@IFFIGoa) November 20, 2024
इस मौके पर अक्किनेनी नागेश्वर राव के बेटे और अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी ने कहा कि उनके लिए एक शब्द में यह बताना मुश्किल है कि उनके दिवंगत पिता ने उन्हें जीवन के क्या सबक सिखाए। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, उन्होंने मुझे जीवन, सिनेमा और जीने का तरीका सिखाया। उनसे सिनेमा और अभिनय से जीवन के सबक सीखे हैं। 20 नवंबर से शुरू हुआ इफ्फी का 55वां संस्करण 28 नवंबर को समाप्त होगा।
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