गोवा में बोले अनिल कपूर, विरोध करने वाली हर आवाज का करता हूं सम्मान
देश का सबसे बड़ा फिल्म महोत्सव 'इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2015' (इफ्फी) आज से गोवा में शुरू होगा। यह 46वां महोत्सव है। 30 नवंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में 89 देशों की 187 से अधिक फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। इसका उद्घाटन अनिल कपूर करेंगे। मैथ्यू ब्राउन की ‘द
पणजी। ऐसे समय में जहां कई जानीमानी हस्तियां देश में बढ़ती असहिष्णुता पर बहस कर रही हैं, वहीं अभिनेता अनिल कपूर को उम्मीद है कि जल्द ही इसका समाधान निकल आएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वो विरोध का सम्मान करते हैं।
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दरअसल गोवा में शुक्रवार से शुरू हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में हिस्सा लेने पहुंचे 58 वर्षीय अनिल को लगता है कि चूंकि भारत बहुत विशाल और विवधताओं वाला देश है और यहां हमेशा से विचारों में मतभेद रहा है। उनकी नजर में यह एक मजबूत लोकतंत्र का संकेत है।
अनिल के मुताबिक, भारत एक महान देश है। यह विविधताओं से भरा है। हमारे सामने समस्याएं आती हैं, मगर हम हमेशा इसका समाधान निकाल लेते हैं और ऐसे ही सालों से खुशहाल और शांतिपूर्ण जिंदगी जीते आ रहे हैं। जबकि कई देशों के साथ ऐसा नहीं है।
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आपको बता दें कि अनिल इस फिल्म फेस्टिवल में उद्घाटन समारोह के मुख्य मेहमान के तौर पर हिस्सा लेने पहुंचे थे। उन्होंने यह भी कहा कि वो इस बात का सम्मान करते हैं कि सभी विरोध कर रहे हैं और अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। अनिल के मुताबिक, वो विरोध के लिए उठने वाली हर आवाज का सम्मान करते हैं। उनकी नजर में हमारे लोकतांत्रिक देश की सबसे महान बात यही है।
आपको यह भी बता दें कि गजेंद्र चौहान को एफटीआईआई का अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में छात्रों ने इस फेस्टिवल में अपनी कोई भी फिल्म नहीं भेजने का फैसला किया है। जबकि इसमें हर साल एफटीआईआई की कम से कम पांच फिल्मों को एंट्री मिलती आ रही है।